अब मीटिंग एप के जरिए होंगी कालेजों की परीक्षाएं
नई दिल्ली। देशभर के विभिन्न विश्वविद्यालयों में पीएचडी और एमफिल की कई परीक्षाएं ऑनलाइन माध्यमों से ली जा सकती हैं। विश्वविद्यालयों को इस बारे में यूजीसी और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा सूचित कर दिया गया है। उच्च शिक्षा में यह व्यवस्था कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन के चलते की गई है।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने इस संदर्भ में जानकारी देते हुए कहा, "पीएचडी, एमफिल, प्रैक्टिकल, वाइवा आदि का टेस्ट स्काइप या फिर किसी अन्य मीटिंग ऐप के माध्यम से लिया जा सकता है।"
कॉलेजों में यह व्यवस्था लागू होने पर छात्रों को विभिन्न प्रकार की परीक्षाओं के लिए लंबे समय तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। खासतौर पर इंटरनल परीक्षाएं ऑनलाइन ली जा सकेंगी। छात्रों के वाइवा टेस्ट भी स्काइप या इसी प्रकार के किसी अन्य मीटिंग ऐप के माध्यम के माध्यम से आयोजित किए जा सकते हैं।
लॉकडाउन हटने और हालात सामान्य होने पर विश्वविद्यालयों में नियमित कक्षाएं शुरू की जाएंगी। प्रथम वर्ष के लिए यह कक्षाएं 1 सितंबर से होंगी जबकि द्वितीय और तृतीय वर्ष के लिए 1 अगस्त से कॉलेज शुरू होगा। हालांकि इससे पहले जुलाई में विभिन्न कॉलेजों के मौजूदा छात्रों को मूल परीक्षाएं देनी होंगी।
यूजीसी द्वारा गठित की गई एक विशेष कमेटी ने ऑनलाइन परीक्षाओं पर जोर दिया है। कमेटी ने अपनी सिफारिश में कहा कि विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को 25 प्रतिशत अंक के लिए ऑनलाइन परीक्षाएं आयोजित करवानी चाहिए। इनमें कॉलेजों की आंतरिक परीक्षाएं भी शामिल हैं।
वहीं मानव संसाधन विकास मंत्रालय की सलाह पर एनटीए ने विभिन्न विश्वविद्यालयों में आयोजित होने वाली प्रवेश परीक्षा के फार्म भरने की तिथि आगे बढ़ा दी है।
राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी यानी 'एनटीए' द्वारा जारी किए गए आदेश के मुताबिक जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षाओं के लिए फॉर्म भरने की तारीख 15 मई तक बढ़ा दी गई है। नेशनल काउंसिल फॉर होटल मैनेजमेंट 'जी' का फॉर्म भरने की तारीख भी 15 मई कर दी गई है। इसी तरह इग्नू से पीएचडी और एमबीए का फॉर्म भरने की तारीख दी 3० अप्रैल से बढ़ाकर 15 मई कर दी गई है।