छात्रों के साथ शिक्षक और अभिभावक भी कर सकेंगे प्रधानमंत्री से परीक्षा पे चर्चा
नईदिल्ली। प्रधानमंत्री का मार्च माह में आयोजित होने वाला "परीक्षा पे चर्चा" का संस्करण कई मायनों में खास रहने वाला है। पहला, कोरोना के कारण यह वर्चुअल माध्यम से आयोजित होगा। इसके अलावा पिछले तीन सालों में जहां यह केवल देश और विदेश के विद़यार्थियों के लिए ही होता था, वहीं इस बार परीक्षा की तैयारी में जुटे छात्रों के अलावा माता-पिता और शिक्षक भी प्रधानमंत्री से इस कार्यक्रम में संवाद में कर सकेंगे।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने गुरुवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्रधानमंत्री द्वारा स्कूली छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के साथ संवाद कार्यक्रम, परीक्षा पे चर्चा-2021 के चौथे संस्करण की शुरुआत की घोषणा की। उन्होंने कहा कि छात्रों का मनोबल और आत्मविश्वास बढ़ाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री की वार्षिक बातचीत "परीक्षा पे चर्चा" इस साल कोविड -19 महामारी के मद्देनजर मार्च में आयोजित की जाएगी।
बिना तनाव के इस परीक्षा में शामिल हों -
पहल की घोषणा के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक ट्वीट में लिखा, 'जैसा कि हमारे बहादुर एग्जाम वारियर्स अपनी परीक्षा के लिए अब तैयार हो रहे हैं। 'परीक्षा पे चर्चा 2021′ वापस आ गया है। इस बार ये कार्यक्रम पूरी तरह से ऑनलाइन आयोजित किया जाएगा और पूरी दुनिया से छात्र इसमे भाग ले सकते हैं। उन्होंने कहा, आओ, हम एक मुस्कान के साथ और बिना तनाव के इस परीक्षा में शामिल हों'।
लेखन प्रतियोगिता के माध्यम से होगा चयन -
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश ने कहा कि परीक्षा पे चर्चा एक बहुप्रतीक्षित वार्षिक कार्यक्रम है, जहां प्रधानमंत्री अपनी विशिष्ट शैली के जरिये लाइव कार्यक्रम में छात्रों को परीक्षा के तनाव से निपटने और संबंधित क्षेत्रों से संबंधित सवालों के जवाब देते हैं। उन्होंने कहा कि कक्षा 9 से 12 तक के स्कूली छात्रों से परीक्षा के तनाव से निपटने से संबंधित प्रश्न माईगॉव प्लेटफॉर्म के माध्यम से आमंत्रित किए जाएंगे और चयनित प्रश्नों को कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि देशभर के स्कूली छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों का चयन एक ऑनलाइन रचनात्मक लेखन प्रतियोगिता के माध्यम से किया जाना है। इसके लिए विशेष रूप से माईगॉव पर प्लेटफॉर्म तैयार किया गया है।
लेखन प्रतियोगिता के लिए विषय -
छात्रों के लिए पांच विषय: पहला, परीक्षा त्योहार की तरह हैं, उन्हें मनाएं। दूसरा, अतुल्य भारत, यात्रा और खोज। तीसरा, जैसाकि एक यात्रा समाप्त होती है और एक शुरू होती है। चौथा, आकांक्षा कुछ बनने के नहीं लेकिन कुछ करने के सपने देखो। पांचवा, आभारी रहें।
शिक्षकों के लिए विषय ; ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली - इसके लाभ और इसे और बेहतर कैसे बनाया जा सकता है।
अभिभावकों के लिए विषय: पहला विषय ,आपके शब्द आपके बच्चे की दुनिया बनाते हैं - प्रोत्साहित करें, जैसा कि आपने हमेशा किया भी है। दूसरा विषय: अपने बच्चे के दोस्त बनें - उसे अवसाद से दूर रखें।