भारत में विदेशी विवि कैसे करेंगे अपने कार्य का संचालन, यूजीसी ने किया तय, नियमों की घोषणा की

भारत में विदेशी विवि कैसे करेंगे अपने कार्य का संचालन, यूजीसी ने किया तय, नियमों की घोषणा की
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विदेशी विश्‍वविद्यालय को इस आशय का एक उपक्रम पत्र देना होगा कि उसके द्वारा अपने भारतीय परिसर में प्रदान की जाने वाली शिक्षा की गुणवत्ता उसके मूल देश के मुख्य परिसर में प्रदान की जा रही शिक्षा के समान है, और भारतीय परिसर में विद्यार्थियों को प्रदान की गई उपाधियों की मान्यता और दर्जा वही होगा। आयोग भारत में विदेशी उच्चतर शिक्षण संस्थानों के परिसरों की स्थापना और संचालन से संबंधित मामलों की जांच करने के लिए एक स्थायी समिति का गठन करेगा।

नई दिल्ली । विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने भारत में विदेशी विश्वविद्यालयों के परिसरों की स्थापना और संचालन के लिए बुधवार को नियमों की घोषणा कर दी। भारत में विदेशी उच्च शैक्षणिक संस्थानों के परिसरों की स्थापना और संचालन विनियम, 2023 के अनुसार, विदेशी विश्वविद्यालय भारत में परिसर स्थापित करने के लिए सहयोग कर सकते हैं, बशर्ते वे व्यक्तिगत रूप से पात्रता मानदंडों को पूरा करते हों।

भारत में विदेशी विश्वविद्यालयों के परिसरों को उनके भर्ती मानदंडों के अनुसार संकाय और कर्मचारियों की भर्ती करने की स्वायत्तता होगी। भारत में विदेशी विश्वविद्यालय परिसर ऑनलाइन पाठ्यक्रम, दूरस्थ शिक्षा प्रदान नहीं कर सकेंगे। भारत में कैंपस स्थापित करने वाले विदेशी विश्वविद्यालयों को नए पाठ्यक्रम शुरू करने से पहले यूजीसी से पूर्वानुमति लेनी होगी। विदेशी विश्वविद्यालय भारत में मूल इकाई के शिक्षण केंद्र, अध्ययन केंद्र या फ्रेंचाइजी नहीं खोल सकते।

भारत में विदेशी योगदान प्राप्त करने, उपयोग करने वाले विदेशी विश्वविद्यालय परिसरों को एफसीआरए के तहत पूर्व अनुमति प्राप्त करनी होगी। भारत में परिसर स्थापित करने का इच्छुक विदेशी उच्चतर शिक्षण संस्थान को आवेदन के समय पर आयोग द्वारा समय-समय पर निर्धारित वैश्विक रैंकिंग की समग्र श्रेणी में शीर्षस्थ पांच सौ संस्थाओं के भीतर स्थान प्राप्त किया हो अथवा उसने आवेदन के समय पर वैश्विक रैंकिंग की विषयवार श्रेणी में शीर्ष पांच सौ संस्थाओं के भीतर स्थान प्राप्त किया हो अथवा आयोग द्वारा समय-समय पर यथा निर्णीत किसी विशेष क्षेत्र में उत्कृष्ट विशेषज्ञता प्राप्त की हो।

भारत में परिसर स्थापित करने के लिए सहयोग करने के लिए इच्छुक दो या दो से अधिक विदेशी उच्चतर शिक्षण संस्थानों के मामले में, प्रत्येक विदेशी उच्चतर शिक्षण संस्थान को पात्रता मानदंडों को पूरा करना होगा। अनुमोदन की प्रक्रिया के संबंध में विनियम में कहा गया है कि यदि विदेशी उच्चतर शिक्षण संस्थान एक से अधिक परिसर स्थापित करने का इच्छुक है, तो वह इन विनियमों में निर्धारित प्रक्रिया के अंतर्गत आयोग को हर परिसर के लिए अलग आवेदन करेगा। पात्रता मानदंडों को पूरा करने के बाद, विदेशी उच्चतर शिक्षण संस्थान आयोग द्वारा समय-समय पर यथा निर्णीत अप्रतिदेय प्रोसेसिंग शुल्क के साथ आयोग को ऑनलाइन आवेदन करेगा।

विदेशी उच्चतर शिक्षण संस्थान आवेदन के साथ भारत में परिसर स्थापित करने के लिए शासी निकाय या बोर्ड, जिस भी नाम से उसे बुलाया जाता हो, से अनुमति, प्रस्तावित स्थान, अवसंरचनात्मक सुविधाओं, शुल्क संरचना, शैक्षणिक कार्यक्रमों, पाठ्यक्रमों, पाठ्यचर्या, संकाय की उपलब्धता और भारत में परिसरों की स्थापना और संचालनों के लिए वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता का विवरण, तथा कोई भी अन्य विवरण के दस्तावेजों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पोर्टल पर अपलोड करेगा।

इस संबंध में आशय का एक उपक्रम पत्र देना होगा कि उसके द्वारा अपने भारतीय परिसर में प्रदान की जाने वाली शिक्षा की गुणवत्ता उसके मूल देश के मुख्य परिसर में प्रदान की जा रही शिक्षा के समान है, और भारतीय परिसर में विद्यार्थियों को प्रदान की गई उपाधियों की मान्यता और दर्जा वही होगा। आयोग भारत में विदेशी उच्चतर शिक्षण संस्थानों के परिसरों की स्थापना और संचालन से संबंधित मामलों की जांच करने के लिए एक स्थायी समिति का गठन करेगा। विदेशी उच्चतर शिक्षण संस्थान शुल्क संरचना तय करेगा, जो पारदर्शी और उचित होगी। विदेशी उच्चतर शिक्षण संस्थान प्रवेश शुरु होने से कम से कम साठ दिन पहले विभिन्न कार्यक्रमों की शुल्क संरचना, प्रतिदेय नीति, किसी कार्यक्रम में सीटों की संख्या, पात्रता योग्यताएं, और प्रवेश प्रक्रिया सहित अपनी वेबसाइट पर पाठ्य- विवरणिका उपलब्ध कराएगा।

मूल्यांकन प्रक्रिया के आधार पर, विदेशी उच्चतर शिक्षण संस्थान अक्षयनिधि पूर्व छात्रों द्वारा दिए गये दान, ट्यूशन राजस्व और अन्य स्रोतों जैसी निधियों से पूर्ण वा आंशिक योग्यता आधारित या आवश्यकता आधारित छात्रवृत्ति प्रदान कर सकेगा। विदेशी उच्चतर शिक्षण संस्थान उन छात्रों को ट्यूशन फीस में छूट दे सकता है, जो भारतीय नागरिक हैं। संकाय और कर्मचारियों की नियुक्ति और अन्य संबंधित प्रावधान को लेकर कहा गया है कि विदेशी उच्चतर शिक्षण संस्थान को भारत और विदेशों में अपने भर्ती मानदंडों के अनुसार संकाय और कर्मचारियों की भर्ती करने की स्वायत्तता होगी।

विदेशी उच्चतर शिक्षण संस्थान संकाय और कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए योग्यता, वेतन संरचना, और सेवा की अन्य शर्तों का निर्णय कर सकता है। तथापि, विदेशी उच्चतर शिक्षण संस्थान यह सुनिश्चित करेगा कि नियुक्त किए गए संकाय की योग्यता उसके मूल देश के मुख्य परिसर में नियुक्त संकाय के समकक्ष होगी। विदेशी उच्चतर शिक्षण संस्थान यह सुनिश्चित करेगा कि भारतीय परिसर में पढ़ाने के लिए नियुक्त अंतरराष्ट्रीय संकाय कम से कम एक सेमेस्टर के लिए भारत में रहेगा।न्‍यूज एजेंसी हिन्‍दुस्‍थान समाचार के इनपुट के साथ।

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