यूजीसी के खत्म होने से शैक्षणिक संस्थानों में बढ़ेगा सरकार का हस्तक्षेप

यूजीसी के खत्म होने से शैक्षणिक संस्थानों में बढ़ेगा सरकार का हस्तक्षेप
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नई दिल्ली। कॉलेज शिक्षकों के संगठन ने गुरुवार को केंद्र सरकार द्वारा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को निरस्त कर नया आयोग बनाने के फैसले की कड़ी निंदा की। शिक्षकों ने इसे यूजीसी की स्वायत्तता पर सीधा हमला बताते हुए कहा कि इससे शैक्षणिक संस्थानों में सरकार का हस्तक्षेप बढ़ेगा।

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने बुधवार को यूजीसी को भंग कर उसके स्थान पर भारतीय उच्च शिक्षा आयोग (एचईसीआई) गठित करने के लिए ने भारतीय उच्च शिक्षा आयोग विधेयक-2018 का एक प्रारूप सार्वजनिक किया और इस पर राय मांगी है।

ऑल इंडिया यूनिवर्सिटीज एंड कॉलेजिज एससी, एसटी, ओबीसी टीचर्स एसोसिएशन के नेशनल चेयरमैन व डीयू की एकेडेमिक कांउन्सिल के मेंबर प्रो. हंसराज सुमन ने कहा है कि मंत्रालय के इस फैसले से उच्च शिक्षा के तमाम संस्थानों में सरकार का हस्तक्षेप बढ़ेगा और विश्वविद्यालयों व कॉलेजों की स्वायत्तता समाप्त हो जाएगी। उन्होंने 62 सालों से शिक्षा क्षेत्र में कार्यरत यूजीसी को अचानक भंग करने के लिए सरकार की मंशा पर भी सवाल उठाया है।

प्रो. सुमन ने कहा कि नया राष्ट्रीय उच्च शिक्षा आयोग बनने पर यूजीसी से संबद्ध संस्थानों को नये सिरे से उनसे संबद्ध होने के लिए अनुमति लेनी होगी। उन्होंने कहा कि यह शिक्षा क्षेत्र में स्थापित हो चुके पुराने संस्थानों को बाहर का रास्ता दिखाने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा आयोग के ड्राफ्ट में सारी शक्तियां मानव संसाधन मंत्रालय को दे दी गई हैं, उसे फंड जारी करने का कोई अधिकार नहीं होगा, ये काम मंत्रालय अपने हाथों में लेगा।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में यूजीसी का केंद्रीय विश्वविद्यालयों, राज्य और मानद विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में किसी प्रकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है। विश्वविद्यालय छात्रों के अनुरूप पाठ्यक्रम तैयार करते हैं| शैक्षिक और गैर शैक्षिक कर्मचारियों की सर्विस शर्तें तय की जाती है। विश्वविद्यालय खुद छात्रों की फीस तय करते हैं लेकिन उच्च शिक्षा आयोग विश्वविद्यालयों से ये सारी शक्तियां छीन लेगा और अपना पाठ्यक्रम खुद तय करेगा| फ़ीस के नाम पर मोटी रकम वसूली जाएगी। गरीब व कमजोर वर्गों के लिए उच्च शिक्षा एक सपना रह जाएगी। यह आयोग उन्हें उच्च शिक्षा में आने से पूरी तरह रोकेगा। इसके तहत एससी, एसटी, ओबीसी और दिव्यांगों को उच्च शिक्षा से वंचित करने का गहरा षड्यंत्र रचा जा रहा है।

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