बॉलीवुड में रंगभेद, सांवले और थोड़ा गहरे रंग वालों को अच्छे रोल नहीं मिलते: दिव्येंदु भट्टाचार्य

बॉलीवुड में रंगभेद, सांवले और थोड़ा गहरे रंग वालों को अच्छे रोल नहीं मिलते: दिव्येंदु भट्टाचार्य
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दिव्येंदु भट्टाचार्य ने एक इंटरव्यू के दौरान इस बारे में बयान दिया। उन्होंने कहा, मेरे पास जो भी काम आता है, मैं करता हूं। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं 500 करोड़ की फिल्म में नजर आऊंगा।

मुंबई। बॉलीवुड एक्ट्रेस आलिया भट्ट द्वारा निर्मित हाल ही में रिलीज हुई वेब सीरीज पोचर में दिव्येंदु भट्टाचार्य ने अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कई हिंदी और बंगाली फिल्मों में छोटी लेकिन महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं। हाल ही में उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में रंगभेद पर टिप्पणी की है। दिव्येंदु ने खुलासा किया कि जो लोग दिखने में ज्यादा गोरे नहीं होते, जिनका रंग सांवला और थोड़ा गहरा होता है, उन्हें इंडस्ट्री में अच्छे रोल नहीं मिलते।

दिव्येंदु भट्टाचार्य ने एक इंटरव्यू के दौरान इस बारे में बयान दिया। उन्होंने कहा, मेरे पास जो भी काम आता है, मैं करता हूं। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं 500 करोड़ की फिल्म में नजर आऊंगा। दरअसल मुझे इतने बड़े बजट की फिल्मों के ऑफर भी नहीं मिलते, लेकिन जो काम मुझे मिलता है मैं उसे बहुत सावधानी और ईमानदारी से करता हूं।

इसके साथ ही दिव्येंदु ने इंडस्ट्री में रंगभेद पर भी टिप्पणी की। इस इंटरव्यू में उन्होंने इस बात पर अफसोस भी जाहिर किया कि जिनका रंग गोरा नहीं है यानी जिनका रंग सांवला और थोड़ा गहरा होता है, उन्हें पॉजिटिव रोल नहीं मिल रहे हैं। दिव्येंदु ने रंगभेद पर टिप्पणी करते हुए बॉलीवुड और हॉलीवुड की तुलना की है। उन्होंने खुलासा किया कि हॉलीवुड में सभी नस्ल के लोगों को फिल्मों में लेना अनिवार्य है। उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि भारत में यह संख्या बढ़ती जा रही है।

आगे उन्होंने एक सीरियल का उदाहरण देते हुए कहा कि एक दिन मैं टेलीविजन पर भगवान श्री कृष्ण पर एक शो देख रहा था जिसमें एक गोरे रंग के व्यक्ति को कृष्ण के रूप में लिया गया था। पौराणिक ग्रंथों और कहानियों में भगवान कृष्ण को सांवले रंग का व्यक्ति बताया गया है। दिव्येंदु भट्टाचार्य ''देव डी'', ''ब्लैक फ्राइडे'', ''द रेलवे मैन'' और ''रॉकेट बॉयज'' जैसी फिल्मों और सीरीज में नजर आ चुके हैं।

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