Interview: फिल्म की सफलता ही सावरकर जी को सच्ची श्रद्धांजलि: रणदीप हुड्डा

फिल्म की सफलता ही सावरकर जी को सच्ची श्रद्धांजलि: रणदीप हुड्डा
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Photo : Randeep Hooda

फिल्म निर्माता रणदीप हुड्डा से अनीता चौधरी की विशेष बातचीत
'वीर सावरकर' क्यों बनी आईएफएफआई - 2024 की ओपनिंग फिल्म

पणजी। देश के सुदूर पश्चिमी भू-भाग में समुद्री तट पर स्थित गोवा के पणजी में भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह (आईएफएफआई) - 2024 का शंखनाद हो गया है। बुधवार को शुरू हुए इस नौ दिवसीय समारोह में कई राष्ट्रीय - अंतर्राष्ट्रीय फिल्में दिखाईं जा रहीं हैं। आईएफएफआई कई मायने में बेहद खास बन पड़ा है क्योंकि इस साल राज कपूर, मोहम्मद रफ़ी, तपन सिन्हा और दक्षिण के सुप्रसिद्ध अभिनता, निदेशक नागार्जुन के पिता अक्किनेनी नागेश्वर के शताब्दी साल को समर्पित है। समारोह में कई नामचीन सितारे शिरकत करने आए हैं। इन सबमें सबसे बड़ी बात यह है कि समारोह की शुरुआत इस बार 'वीर सावरकर' फिल्म से हुई है। इस दौरान फिल्म कलाकार भी वहां मौजूद रहे। इस फ़िल्म के अभिनेता, निदेशक और निर्माता रणदीप हुड्डा ने 'स्वदेश' के साथ विस्तार से विशेष बातचीत की।


'वीर सावरकर' फिल्म की प्रस्तुति पर अपनी खुशी सावरकर' फिल्म की प्रस्तुति पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए श्री हुड्डा ने कहा कि सिर्फ सावरकर कॉन्लेक्स्ट ही नहीं बल्कि हिंदुत्व को लेकर नैरेटिव बिल्डिंग स्टोरी है। जिसमें सावरकर पर लिखे इतिहास और नैरेटिव परवान तक परोसे गए अर्घ्य सत्य को पूरी सत्यता और शोध के साथ पूर्णता और सत्यता के साथ दिखाने की एक कोशिश है। इस फिल्म के लिए समय, पैसे, बहुत सारे ताने- गालियां सुनने के बावजूद आज ये आईएफएफआई की ओपनिंग फिल्म है। पूरी दुनिया 'वीर सावरकर' की कहानी को देख रही है। इस पर आप क्या कहेंगे? फिल्म निर्माता रणदीप हुड्डा से विशेष बातचीत दिल भरा हुआ है और ये गर्व की बात है कि फिल्म आईएफएफआई - 2024 की ओपनिंग फिल्म बनी है। अभिनेता ने कहा कि इस फिल्म को खूब ताने - तौहीन मिले। कुछ लोगों ने 'फैक्ट फाइंडिंग कमिटी' भी बनाई लेकिन हमारा शोध, तथ्य और दृष्टिकोण ज़बरदस्त था कि हम हर चुनौती का सामना करने के लिए मानसिक रूप से तैयार थे।

रणदीप ने आगे कहा कि सावरकर जी का जीवन बहुत ही कठिन रहा था। हालांकि, फिल्म बनाना भी आसान नहीं था। तिस पर राजनीति हुई वो सबसे ज़्यादा दुखद है। लेकिन फिल्म को लेकर लोगों की प्रतिक्रिया उत्साहवर्धक है, जो सावरकर जी को इस फ़िल्म के माध्यम से सच्ची श्रद्धांजलि है। रणदीप हुड्डा का कहना है कि आज भी सावरकर जी जिंदा है, इतने साल बाद। शायद ये फिल्म भी वैसे ही जिंदा रहेगी। इसके आगे उन्होंने कहा कि फिल्म को देखकर लोग प्रतिक्रिया दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें हर पहलू पर नजर डालनी चाहिए और इसे देखना चाहिए।

लोगों ने फैक्ट चेक किया

रणदीप ने कहा कि जबसे फिल्म का ट्रेलर आया था, तबसे ही लोगों ने इसके बारे में फैक्ट चेक करना शुरू कर दिया था, लेकिन मैंने कभी कुछ नहीं कहा क्योंकि इन सब चीजों पर मैंने शोध किया था। उन्होंने आगे कहा कि कोई माई का लाल उन्हें गलत साबित नहीं कर सकता।

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