कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक हुए इरफान, मौजूद रहे दोनों बेटे और पत्नी
नई दिल्ली। मशहूर अभिनेता इरफान खान जिन्होंने कई अंतरार्ष्ट्रीय और भारतीय फिल्मों में अपनी भूमिकाओं से लाखों प्रशंसकों के दिल जीते, वे अब इस दुनिया में नहीं रहे। मुंबई के कोकिला बेन हॉस्पिटल में इरफान ने बुधवार सुबह आखिर सांस ली। इसके बाद वर्सोवा स्थित कब्रिस्तान में उन्हें सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। इस दौरान उनकी पत्नी और बेटे वहां मौजूद थे। कोरोना लॉकडाउन की वजह से उनके परिवार के 20 लोग ही उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हो सके।
इरफान को अंतिम विदाई देने के लिए कई सेलेब्स आना चाहते थे, लेकिन लॉकडाउन की वजह से ज्यादा लोग नहीं जा पाए। बता दें कि इरफान के निधन की खबर सुनने के बाद इरफान के करीबी दोस्त और डायरेक्टर तिग्मांशु धूलिया हॉस्पिटल पहुंचे थे। तिग्मांशु और इरफान ने कई फिल्मों में साथ काम किया है। तिग्मांशु ने इरफान की फिल्म पान सिंह तोमर का निर्देशन किया था, जिसके लिए इरफान को बेस्ट एक्टर के नेशनल अवॉर्ड से नवाजा गया था।
अभिनेता के निधन की पुष्टि वाले बयान में कहा गया है, मुझे भरोसा है, मैंने आत्मसमर्पण कर दिया है', ये वे शब्द थे, जिन्हें इरफान ने अपने दिल से व्यक्त किए थे। ऐसा उन्होंने 2018 में कैंसर से अपनी लड़ाई की जानकारी देते समय लिखा था।" आगे कहा गया है, "मूक भावों को अपनी आंखों से व्यक्त करने की क्षमता रखने वाले अभिनेता की आंखों की गहराई स्क्रीन पर उनके यादगार कामों के साथ हमेशा याद की जाएगी। यह दुखद है कि आज हमें उनके निधन की खबर देनी पड़ रही है। इरफान एक मजबूत आत्मा थे, ऐसा व्यक्ति जो अंत तक लड़ता रहा और जो भी उसके करीब आया, उसे वह हमेशा प्रेरित करता रहा। साल 2०18 में दुर्लभ किस्म का कैंसर शरीर में पनपने का पता चलने के साथ ही उन्होंने जिंदगी के लिए कई लड़ाइयां लड़ीं। वह अपने प्यार और अपने परिवार से पूरे समय घिरे रहे, और उनकी उन्होंने हमेशा बहुत परवाह की। अब वह स्वर्ग में रहने के लिए चले गए हैं और अपने पीछे वास्तव में खुद की एक विरासत छोड़ गए हैं। हम सभी प्रार्थना करते हैं और आशा करते हैं कि वह शांति से रहें। इरफान के शब्दों में- 'जैसे कि मैं पहली बार जीवन चख रहा था, जो कि इसका जादुई पक्ष है।"'
बता दें कि मंगलवार को इरफान को कोलोन संक्रमण के साथ मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि बुधवार के शुरुआती घंटों में उनके प्रवक्ता ने एक बयान जारी कर उनकी स्वास्थ्य स्थिति के बारे में उड़ाई गई अफवाहों से दूरी बना ली थी, लेकिन बाद में इरफान के निधन की पुष्टि हुई। इरफान खान के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए फिल्म निमार्ता शूजित सरकार ने बुधवार सुबह ट्वीट किया, "मेरे प्यारे दोस्त इरफान। आपने लड़ाई लड़ी और लड़ते रहे। मैं हमेशा आप पर गर्व करूंगा ... हम आपसे मिलेंगे ... सुतपा और बाबिल के प्रति संवेदना ... सुतपा आपने भी बहुत संघर्ष किया और इस लड़ाई में हर संभव मदद की। ओम शांति। इरफान खान को सलाम। शूजित सरकार ने साल 2015 की अपनी फिल्म 'पीकू' में इरफान को निर्देशित किया था, जिसमें दीपिका पादुकोण और अमिताभ बच्चन भी थे। अभिनेता तब से बीमार हैं, जब उन्हें कुछ समय पहले न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर का पता चला था और तब से ही वे चिकित्सा निगरानी में थे। वे इलाज के लिए विदेश भी गए थे।
इरफान खान आखिरी बार फिल्म 'अंग्रेजी मीडियम' में देखे गए थे। उनकी यह आखिरी रिलीज हुई बॉलीवुड फिल्म कोविड-19 का फैलाव रोकने के लिए लॉकडाउन लागू किए जाने से ठीक एक दिन पहले ही सिनेमा हॉल में आई थी।
बता दें कि इरफान खान ने कैंसर से लंबी जंग लड़ी है। हालांकि तबीयत ठीक होने के बाद इरफान ने फिल्म अंग्रेजी मीडियम की। इस फिल्म के रिलीज के दौरान उन्होंने एक इंटरव्यू में बीमारी से चल रही अपनी जंग को लेकर बात की थी।
इरफान ने कहा था, मेरे लिए ये जो दौर था वो रोलर कोस्टर राइड जैसा था। हम थोड़ा रोए, लेकिन बहुत हंसे भी। मुझे बहुत बेचैनी होती थी, लेकिन मैंने उसे बाद में कंट्रोल कर लिया था।
उन्होंने कहा था, हालांकि इस बीच जो सबसे अच्छी बात हुई वो ये कि मैं अपने बच्चों के साथ ज्यादा समय रहा। मैंने उन्हें बढ़ता देखा। अपनी पत्नी सुतापा को लेकर तो मैं क्या ही कहूं। वह 24 घंटे मेरे साथ रहती हैं। हमेशा मेरा ध्यान रखतीं। अगर मुझे जीने का मौका मिला तो मैं उसके लिए जीना चाहूंगा। मैं अगर अभी तक हूं तो उसकी बड़ी वजह मेरी पत्नी है।