गंगू के रूप में दिखी आलिया भट्ट की दमदार अदाकारी, पढ़े कैसी है मूवी
वेबडेस्क। विवादों के बीच आखिरकार आलिया भट्ट अभिनीत फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी शुक्रवार को रिलीज हो गई। फिल्म में भोली भाली गंगा का गंगूबाई बनने का सफर बेहद शानदार तरीके से दिखाया गया है। आलिया के अलावा अजय देवगन, विजय राज, शांतनु माहेश्वरी, सीमा पाहवा, जिम सरभ और हुमा कुरैशी ने भी अपनी-अपनी भूमिका बेहतरीन तरीके से निभाई हैं। फिल्म में संजय लीला भंसाली अपनी जादूगरी दिखाने में कामयाब रहे हैं। आलिया ने इस फिल्म में अपनी सारी मेहनत, सारी प्रतिभा को निचोड़कर इसे अपने करियर की बेस्ट फिल्म बना दिया है। उनकी अदाकारी में कहीं से कोई कमी नहीं दिखाई देती है। वहीं देह व्यापार को पर्दे पर दिखाने के बावजूद संजय कहानी का पॉजिटिव पाइंट पर्दे पर सफलता पूर्वक दिखाने में कामयाब रहे हैं।
कहानी -
गंगा जगजीवनदास काठियावाड़ नाम की भोली-भाली लड़की को रमणीक नाम के लड़के से प्यार हो जाता है। गंगा हीरोइन बनने के सपने देखती है। उसके इसी सपने को रमणीक मुंबई ले जाकर बेच देता है। रमणीक गंगा को हीरोइन बनाने का सपना दिखाकर 1000 रुपये में एक कोठे पर बेचकर गायब हो जाता है। कुछ दिन जिद पर अड़े रहने के बाद आखिरकार गंगा को गंगू बनकर धंधे में उतरना पड़ता है। यहीं से शुरू होती है गंगूबाई की जिंदगी की असल कहानी। गंगूबाई जिंदगी में जैसे-जैसे आगे बढ़ती है, उसे अलग-अलग तरह के लोग मिलते हैं। प्यार और फिर बाद में सम्मान भी मिलता है। गंगूबाई अपने रेड लाइट एरिया की 4000 औरतों और उनके बच्चों के लिए जिंदगी भर लड़ाई लड़ती है और जीतती भी है।
अजय देवगन रहीम लाला और विजयराज ट्रांसजेंडर की छोटी सी भूमिका में भी अपना असर छोड़ने में कामयाब रहे हैं। दोनों की बेहतरीन अदाकारी दर्शकों के दिलों पर छाप छोड़ने में कामयाब रही है। शांतनु माहेश्वरी का डेब्यू भी काफी उम्दा है। उनका आलिया से आंखों-आंखों रोमांस करने का अंदाज काफी दिलकश लगता है। फिल्म के डायलॉग्स लिखने वाले प्रकाश कपाड़िया और उत्कर्षिनी वशिष्ठ की दाद देनी होगी। उस पर आलिया की डायलॉग्स डिलीवरी ने सोने पर सुहागा का काम किया है।
संजय लीला भंसाली के डायरेक्शन ने गंगूबाई काठियावाड़ी को पूरी तरह चमका दिया है। फिल्म की सिनेमेटोग्राफी, बैकग्राउंड म्यूजिक और डांस बेहतरीन हैं। फिल्म में जितने हार्ड मोमेंट्स हैं, उतने ही इमोशनल दृश्य भी हैं। एक सेक्स वर्कर की जिंदगी का दर्द, उसकी जिंदगी को कचरे से ज्यादा ना समझने की पीड़ा, बदनाम गलियों में रहने और कभी अपनों से दूर होने का गम, भंसाली ने इन सब पलों को स्क्रीन पर पूरी ईमानदारी के साथ दिखाया है।
निस्संदेह कह सकते हैं कि आलिया भट्ट की शानदार अदाकारी इससे पहले कभी भी देखने को नहीं मिली है। हां फिल्म राजी में जरूर उन्होंने अच्छा काम किया था, लेकिन गंगूबाई काठियावाड़ी उनकी जिंदगी की शायद पहली और आखिरी फिल्म ही होगी, जिसमें उन्होंने अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया है। 17 फरवरी को बर्लिन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में भी फिल्म का प्रीमियर किया गया था, जहां दर्शकों ने खड़े होकर तालियों के साथ फिल्म के कलाकारों का उत्साह बढ़ाया था।