सिनेमा में सम्मान के सिंहासन पर भजन गायक
चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है जैसा यादगार भजन गाने वाल सुप्रसिद्ध भजन गायक नरेन्द्र चंचल अब नहीं रहे। चंचल ने माता की चौकियों से अपना सफर शुरु करके भजन गायकी के फलक का विस्तार किया। आज भजन गायक सिने संसार में नाम, शोहरत और पैसा बराबर से पा रहे हैं। आइए हम अपने सिने संसार के भजन गायकों की चर्चा कुछ फुरसत से कर लें।
साल 2018 में हमने गोविन्द के भजनों के सुप्रसिद्ध गायक विनोद अग्रवाल जी को खो दिया था। उनका असमय जाना कृष्णभक्तों के लिए न सहा जाने वाला कष्ट था। मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है जैसा लोकप्रिय भजन जन-जन तक पहुंचाने वाले विनोद अग्रवालजी का अपना एक विशाल प्रशंसक वर्ग था जो कृष्ण भजनों को भावविभोर होकर गाने वाले विनोद जी को सुनने देश में जगह-जगह पहुंचता था।
माता के परम भक्त नरेन्द्र चंचल की आवाज में भी कुछ ऐसा ही जादू था। उन्होंने अपनी मां से माता की भेटें सीखीं और इसके बाद मां के जागरण में गा गाकर अपना मुकाम खुद बनाया। माता की भेटें और भजन गाने का उनका जोशीला अंदाज अपने आप में ही निराला था। पंजाब की माटी की सुगंध और आवाज में भक्ति की खनक उनके भजनों से भक्तों को रसविभोर कर देती थी। उनके कई प्रसिद्ध भजन जैसे मेरी झोली छोटी पड़ गई रे इतना दिया मेरी माता, तूने मुझे बुलाया शेरावालिया, चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है से लेकर हनुमान चालीसा और बजरंगबाण भक्तों को रसविभोर कर देते थे। नरेन्द्र चंचल की तरह अनुराधा पौडवाल भी देश की जानी मानी भजन गायिका हैं। उन्होंने आशिकी फिल्म के लिए जो गीत गाए वे आज भी लोगों द्वारा जब तक गुनगुनाए जाते हैं। अनुराधा पौडवाल ने कई फिल्मों में बेहतरीन गीत गाकर अपना प्रशंसक वर्ग खड़ा किया है। इसके साथ ही अमृतवाणी, शिव महिम्नस्त्रोतम से लेकर अनेक धार्मिक टीकाओं, गीतावलियों पर उन्होंने मधुर संगीत दिया है। लंबे समय से भजन सम्राट के नाम से अनूप जलोटा का अपना ख्यात नाम है। वे बिग बॉस में अपनी छवि पर सवाल उठने से पहले जग में सुंदर हैं दो नाम, चाहे कृष्ण कहो या राम भजन से देश भर में जाने पहचाने जाते हैं। ऐसी लागि लगन मीरा हो गई भजन उनका एक अत्यंत ही कर्णप्रिय और भावविभोर कर देने वाला भजन है।
सिने दुनिया में इसके अलावा स्वर्गीय जगजीत सिंह ने गजल गायिकी से अपना मुकाम बनाया तो वे अपने भजनों से भी श्रोताओं को रसविभोर करते रहे। जग में सांचो तेरो नाम, हे राम, हे राम उनका चित्त को शांति देने वाला मधुर भजन है। भजन गायिकी में नरेन्द्र चंचल जी जैसा लहजा लखवीर सिंह लक्खा लंबे समय से बनाए हुए हैं। वे माता की भेटें और भजन भक्ति में डूबकर गाते हैं। आज नवरात्रि पर्व पर उनके भजन के बिना माता की भेंटों का कार्यक्रम और जगराता पूरा नहीं होता। लक्खा की देश भर में अपार लोकप्रियता है।
भारत में इसके अलावा हरिओम शरण, बाबला मेहता, हरिहरण से लेकर पंडित भीमसेन जोशी और स्वर सामग्री लता मंगेशकर ने भी मधुर भजन गाकर श्रोताओं को रसविभोर किया है। भजन गायकों का यह सिलसिला बड़ा है। इसमें अनेक नाम हैं जो श्रद्धापूर्वक सुने जाते हैं। इस तरह सिने दुनिया में भजन गायक सम्मान के सिंहासन पर निरंतर अपनी प्रतिष्ठा बनाए हुए हैं।