घबराना नहीं चाहिए ,हमेशा नहीं रहतीं विपरीत परिस्थितियां : मिलिंद

घबराना नहीं चाहिए ,हमेशा नहीं रहतीं विपरीत परिस्थितियां : मिलिंद
X

मुंबई । मामी फेस्टिवल में दर्शकों को संबोधित करते हुए फिल्म के लेखक और निर्देशक मिलिंद ने कहा, लेखकों को विपरीत परिस्थितियों से घबराना नहीं चाहिए और किसी भी तरह के नुकसान के समय अपने अंदर की आवाज को सुनना चाहिए। उन्होंने कहा कि अकेलापन एक ऐसी चीज है जिसे उन्होंने खुद अनुभव किया है और वह इसे बेहद निजी मानते हैं। जिस तरह से प्रत्येक दिन की शूटिंग क्या खाएंगे? के साथ शुरू होती थी, उससे भोजन के प्रति उनका जुनून सामने आया और उसी दिलचस्पी के साथ, उन्होंने फिल्म में व्यंजनों और भोजन की शैली के बारे में विस्तार से बताया।

मिलिंद ने क्लीनिकल डिप्रेशन के साथ अपनी मुश्किल लड़ाई के बारे में भी बात की, जिसके दौरान उन्हें माई को लिखने और निर्देशित करने के लिए एक कॉल आया, जिसके बारे में उन्होंने गंभीरता से विचार किया कि क्या उन्हें यह करना चाहिए। उन्होंने अपनी पत्नी की मदद से इस पर काम करना शुरू किया, क्योंकि उन्होंने ही मिलिंद को भोजन के दौरान मृत्यु के बारे में सोचने का विचार दिया था। इस खूबसूरत कहानी को लिखने और निर्देशित करने से ही मिलिंद को डिप्रेशन से बाहर निकलने में मदद मिली और यह फिल्म नुकसान को स्वीकार करने तथा बलिदान को अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा बनाने की उनकी यात्रा को दर्शाती है।

इस फिल्म के साथ मिलिंद अब भविष्य और ऊंचाई की तरफ देख रहे हैं, तथा फीचर फिल्मों में वापसी के लिए तैयार हैं। लायंसगेट और लव एंड फेथ फिल्म्स द्वारा निर्मित उनके निर्देशन में बनी थैंक यू मिस्टर खन्ना का पोस्ट-प्रोडक्शन पूरा हो चुका है और यह फिल्म जल्द ही सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है। आपको बतादें कि मामी फेस्टिवल में मिलिंद धैमाडे की 41 मिनट की शार्ट फिल्म माई का प्रीमियर किया गया। यह लॉस्ट एंड फाउंड संग्रह का एक हिस्सा है, जहां विषय को 7 अन्य शार्ट स्टोरीज के माध्यम से एक्स्प्लोर किया गया है।

माई को कोलोसियम मीडिया प्राइवेट लिमिटेड (ललित प्रेम शर्मा) और मैकगफिन पिक्चर्स (हनी त्रेहन और अभिषेक चौबे) द्वारा निर्मित किया गया है। कुणाल रॉय कपूर (सुमन) और शहाना गोस्वामी (मोना) अभिनीत माई, नुकसान, स्वीकृति और बलिदान से जुड़ी एक कहानी के इर्द-गिर्द घूमती है। माई ने ऑडियंस पर अपनी एक अलग छाप छोड़ी है, और अपनी बांधे रखने वाली स्टोरीलाइन, यादगार परफॉरमेंस और आत्मा को झकझोर देने वाले दृश्यों से उन्हें मंत्रमुग्ध करने का काम किया है।

उन दर्शकों में से एक जिन्होंने फिल्म का प्रीमियर देखा, उससे प्रभावित होकर, कांपती आवाज़ के साथ बताती हैं कि कैसे वह फिल्म के विभिन्न तत्वों और पहलुओं से खुद को जुड़ा हुआ महसूस करती हैं, और पूरी कहानी को बेहद ख़ूबसूरती से चित्रित करने के लिए निर्देशक की सराहना करते नहीं थकतीं।

Tags

Next Story