प्रधानमंत्री मोदी ने लता मंगेशकर को दी जन्मदिन की बधाई, जानिए कैसे बनी स्वर कोकिला
नईदिल्ली। स्वर कोकिला लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर,1929 को हुआ था। उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर रंगमंच के कलाकार एवं गायक थे।मध्यमवर्गीय परिवार की लता का जब जन्म हुआ था,तो उनका नाम हेमा रखा गया,लेकिन कुछ समय बाद उनका नाम बदलकर लता रख दिया गया। यह नाम नाटक के एक किरदार 'लतिका' से प्रेरित था।अपने पांच भाई-बहनों में लता सबसे बड़ी है।जब वह 13 साल की थी,तब उनके पिता का निधन हो गया। जिसके बाद परिवार की ज़िम्मेदारी लता के ऊपर आ गई।
प्रधानमंत्री ने दी बधाई -
Birthday greetings to respected Lata Didi. Her melodious voice reverberates across the world. She is respected for her humility & passion towards Indian culture. Personally, her blessings are a source of great strength. I pray for Lata Didi's long & healthy life. @mangeshkarlata
— Narendra Modi (@narendramodi) September 28, 2021
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को लता मंगेशकर को उनके जन्मदिन पर बधाई देते हुए उनके लंबे और स्वस्थ जीवन की प्रार्थना की है। प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, "आदरणीय लता दीदी को जन्मदिन की बधाई। उनकी मधुर आवाज दुनिया भर में गूंजती है। भारतीय संस्कृति के प्रति उनकी विनम्रता और जुनून के लिए उनका सम्मान किया जाता है। व्यक्तिगत रूप से, उनका आशीर्वाद महान शक्ति का स्रोत है। मैं लता दीदी के लंबे और स्वस्थ जीवन के लिए प्रार्थना करता हूं।"
ऐसे हुई करियर की शुरुआत -
लता ने संगीत और अभिनय की प्रारंभिक शिक्षा अपने पिता से ली थी।साल 1942 में लता को एक मराठी फिल्म के लिए गाना का मौका मिला ,लेकिन फिल्म के रिलीज होने से पहले ही किसी कारण वश फिल्म से गाना हटा दिया गया, इस बात से लता जी बहुत आहत हुई। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। इसके बाद उन्होंने कुछ हिन्दी और मराठी फ़िल्मों में अभिनय करने का मौका मिला। अभिनेत्री के रूप में उनकी पहली फ़िल्म पाहिली मंगलागौर (1942) रही, जिसमें उन्होंने स्नेहप्रभा प्रधान की छोटी बहन की भूमिका निभाई। बाद में उन्होंने कई फ़िल्मों में अभिनय किया जिनमें, मांझे बाल, चिमुकला संसार,बड़ी माँ आदि शामिल हैं। साल 1945 में लता जी अपने भाई -बहनों के साथ मुंबई आ गयी और उन्होंने उस्ताद अमानत अली खान से शास्त्रीय संगीत की शिक्षा ली। फिर साल 1946 में उन्होंने हिंदी फिल्म 'आपकी सेवा में' में 'पा लागूं कर जोरी' गीत गाया। इस गीत के लिए लता को खूब सराहना मिली।
ये गाने हुए मशहूर -
साल 1949 लता के करियर के लिए बहुत महत्वपूर्ण रहा। इस साल उन्हें कमाल अमरोही की फिल्म महल में गाना गाने का मौका मिला। इस फिल्म में लता द्वारा गाया गाना 'आएगा आने वाला' काफी मशहूर हुआ। इस गाने से लता इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने में कायम रहीं।लता मंगेशकर के गाये गीतों में लता द्वारा गायें गीतों में गाना- इचक दाना, बिचक दाना (श्री 420 ), लग जा गले (वो कौन थी), सावन का महीना (मिलन), ये गलियाँ ये चौबारा(प्रेम रोग),शायद मेरी शादी का ख्याल(सौतन), दीदी तेरा देवर दीवाना (हम आपके है कौन ), हो गया है तुझको तो प्यार सजना (दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे), तेरे लिए(वीर-जारा) आदि शामिल हैं। लता ने अब तक 1000 से भी ज्यादा हिंदी और 36000 से भी ज्यादा अन्य भाषाओँ में गाने गाये हैं।
भारत रत्न से हुई सम्मानित -
अभिनय और गायकी के अलावा लता ने निर्माण भी किया है, जिसमें साल 1953 में आई मराठी फिल्म 'वादाई', साल 1953 में ही आई हिंदी फिल्म झिंझर, साल 1955 में आई फिल्म कंचन और साल 1990 में आई फिल्म लेकिन आदि शामिल हैं।लता मंगेशकर को फिल्मों में उनके द्वारा दिए गए अभूतपूर्व योगदान के लिए उन्हें कई पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है। लता मंगेशकर को साल 1969 में पद्म भूषण पुरस्कार ,साल 1989 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार , साल 1999 में पद्म विभूषण(1999) और साल 2001 में 'भारत रत्न' से भी सम्मानित किया जा चुका है। जिंदगी के 93 बसंत देख चुकी सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर अविवाहित हैं।लता ने अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव और संघर्षों को झेला है, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। लता आज संगीत की दुनिया का एक सम्मानीय नाम हैं और लाखों-करोड़ों लोगों की आदर्श हैं।