नेटफ्लिक्स को लगा झटका, सर्वोच्च न्यायालय ने सहारा के विरुद्ध लगी याचिका खारिज की
मुंबई। सर्वोच्च न्यायालय ने आज नेटफ्लिक्स द्वारा दाखिल की गयी एस.एल.पी. याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें अररिया, बिहार के सिविल न्यायालय द्वारा 28.08.2020 को पारित किये इस आदेश को चुनौती दी गयी थी जिसमें नेटफ्लिक्स और इसके निर्माताओं, निदेशकों, कर्मचारियों, अधिकारियों व अन्य सहयोगियों इत्यादि पर रोक लगा दी गयी थी कि वे 'बैड ब्वाॅय बिलियनेयर्स' सीरीज व प्रोमो को किसी भी माध्यम अथवा तकनीक से जनता में जारी, प्रेषित, वितरित, प्रदर्शित, मंचित या सूचित करें। नेटफ्लिक्स ने एक ट्रांसफर याचिका भी दाखिल की है, परन्तु ट्रांसफर याचिका पर कोई आराम फिलहाल नहीं दिया गया है। सर्वोच्च न्यायालय ने टीपी में मात्र नोटिस ही जारी किया है।
एक सहारा समूह इकाई और सहारा के एक सेक्टर मैनेजर ने यह इनजक्शन सूट दाखिल किया था कि नेटफ्लिक्स को उक्त सीरीज जारी करने से रोका जाए, जो कि उनके चेयरमैन और व्यावसायिक इकाइयों के विýद्ध है और जो न केवल उनकी मानहानि करती है अपितु उनकी कम्पनी की निजता और ट्रेडमाक्र्स को भी ठेस पहुंचाती है।
सहाराज़ ने भी नेटफ्लिक्स और इसके निदेशकों अभिषेक नाग, रेजिनाल्ड शाॅन टामसन, नेहा सिन्हा और निर्माताओं निक रीड, रेवा शर्मा, इकबाल किदवई के खिलाफ सूचना तकनीक एक्ट 2000 इंडियन पीनल कोड व टेªडमाक्र्स एक्ट के अंतर्गत विभिन्न आपराधिक जुर्म करने का हवाला देते हुए आपराधिक शिकायत दर्ज कराई है। मजिस्टेªट ने उनकी शिकायत पर अपराधों का संज्ञान लिया और गवाहों की गवाही दर्ज कराई। यह संभावित है कि मजिस्टेªट उक्त शिकायत के रहते नेटफ्लिक्स के अधिकारियों को सम्मन जारी कर दे।