जोया अख्तर ने इंडस्ट्री में नेपोटिज्म पर की खुलकर बात

जोया अख्तर ने इंडस्ट्री में नेपोटिज्म पर की खुलकर बात
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इसके चलते फिल्म को लेकर जोया अख्तर पर नेपोटिज्म को बढ़ावा देने पर चर्चा हो रही है और दर्शक इसकी आलोचना भी कर रहे हैं।

जोया अख्तर की फिल्म 'द आर्चीज' ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो गई है और इसे मिली-जुली प्रतिक्रिया मिल रही है। इस फिल्म में जोया ने कई स्टारकिड्स को मौका दिया है। इस फिल्म से जान्हवी कपूर की बहन ख़ुशी कपूर, शाहरुख खान की बेटी सुहाना खान और अमिताभ बच्चन के पोते अगस्त्य नंदा ने डेब्यू किया है। इसके चलते फिल्म को लेकर जोया अख्तर पर नेपोटिज्म को बढ़ावा देने पर चर्चा हो रही है और दर्शक इसकी आलोचना भी कर रहे हैं।

हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान जोया ने नेपोटिज्म पर चल रही चर्चा और विवाद पर प्रतिक्रिया दी है। जोया ने स्पष्ट किया कि यह चर्चा बहुत छोटी है। जोया ने इंटरव्यू के दौरान कहा कि कई स्टारकिड्स को मिलने वाली सुविधाओं, उनकी जीवनशैली और फिल्म उद्योग में कई लोगों के साथ स्टारकिड्स के सीधे संबंध पर चर्चा करना भी ठीक है। सभी को समान शिक्षा और अवसर मिलना चाहिए। यहां तो ठीक है, लेकिन यह चर्चा कि सुहाना खान को मेरी फिल्म में नहीं दिखना चाहिए, यह बात मूल रूप से बचकानी है।

जोया ने आगे कहा कि जब मेरे पिता यहां आए तो उन्होंने बिल्कुल शून्य से शुरुआत की। मैं इस उद्योग में बड़ी हुई हूं, इसलिए मुझे यह तय करने का पूरा अधिकार है कि मैं क्या करना चाहती हूं। मुझसे वास्तव में क्या करने की अपेक्षा की जाती है? अगर मुझे फिल्म निर्माता बनना है तो क्या मुझे अपने पिता के अस्तित्व को नकार देना चाहिए? अगर मैं अपना उद्योग भी नहीं चुन सकती तो इसका कोई मतलब नहीं है। अगर कल को फिल्म इंडस्ट्री में जन्मा कोई स्टारकिड फिल्मों में काम न करने का फैसला भी कर ले तो इससे आपकी जिंदगी में कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

नेपोटिज्म की सही परिभाषा पर आगे जोया ने कहा कि नेपोटिज्म तब होता है, जब मैं किसी और का पैसा लेती हूं और उसके बाद अपने दोस्तों और परिवार का पक्ष लेती हूं तो इसे नेपोटिज्म कहा जाता है। आप मुझे यह बताने वाले कौन होते हैं कि मुझे अपने पैसे के साथ क्या करना चाहिए और क्या नहीं? अगर मैं कल अपनी भतीजी पर पैसा खर्च करना चाहती हूं, तो यह पूरी तरह मुझ पर निर्भर है। आख़िरकार एक अभिनेता या निर्देशक को दर्शकों के दम पर ही काम मिलता है, दर्शक ही तय करते हैं कि वे किसे देखना चाहते हैं और किसे नहीं। इससे पहले भी जोया अख्तर के पिता और मशहूर शायर और लेखक जावेद अख्तर ने एक मंच पर नेपोटिज्म को लेकर यही राय जाहिर की थी। जावेद अख्तर ने यह तब बयान दिया था कि इंडस्ट्री में कोई भाई-भतीजावाद नहीं है।

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