स्वदेश Exclusive: लखनऊ समेत देश के कई शहरों में IFFT कंपनी का खेल, मल्टीलेवल मार्केटिंग के दम पर हजारों करोड़ के घोटाले का अंदेशा
लखनऊ/श्रवण शुक्ला: मल्टी लेवल मार्केटिंग (एमएलएम) कंपनियों के बारे में आपने सुना होगा। एंबे, प्रेस्टीज, आरसीएम जैसी कंपनियां इसमें प्रमुख हैं। इसमें आरसीएम, एंबे जैसी कंपनियों के शीर्ष अधिकारी जेल जा चुके हैं, तो पीएसीएल जैसी कंपनी ने हजारों करोड़ रुपये निवेशकों से इकट्ठे किये और सैकड़ों केस दर्ज होने के बाद इनके भी मालिकान आज जेल में हैं। ऐसी ही एक कंपनी है आईएफएफटी मल्टीएथेनिक फैशन प्राइवेट लिमिटेड के नाम से। यूं तो ये कंपनी चंडीगढ़ में कपड़ों के व्यापार के लिए रजिस्टर्ड है, लेकिन इसका मुख्य काम है मल्टी लेवल मार्केटिंग का। इस कंपनी के लखनऊ ब्रांच में काम करने वालों का दावा है कि वो किसी को भी कुछ ही महीनों में करोड़पति बना सकते हैं, और इसके लिए उन्हें करनी होगी मेहनत। यही नहीं, कंपनी से जुड़े लोग बाकायदा ट्रेनिंग, एग्जाम्स तक करवाते हैं और फिर इस दौरान आपका ब्रेन वॉश करके आपसे 8,500 से लेकर 45,500 तक की परचेजिंग (खरीददारी) कराते हैं। इसके बाद आपको भी उस खेल में जुट जाना होता है, जिसमें वो आपको धकेलते हैं। क्योंकि आपको बिजनेस के नाम पर अपनी खरीददारी के पैसे भी तो वापस पाने होते हैं?
क्या क्या होते हैं दावे?
आईएफएफटी ने अपनी कंपनी में कई स्तर तय किये हैं। इसके लिए नीचे से फैशन कंसल्टेंट (कोड-21), फैशन एसोसिएट (कोड-30), आर-बीडीएम (कोड-39), बीडीएम (कोड 40-42) की तरह की रैंक बनी है। कंपनी बीडीएम बनने पर विदेश टूर तक का लालच देती है। और एक विदेश टूर (थाइलैंड जैसी सस्ती जगह) कराया भी है। जिसकी तस्वीरें दिखाकर लोगों को आकर्षित किया जाता है।
निशाने पर कौन लोग?
आईएफएफटी जैसी मल्टीलेवल मार्केटिंग कंपनियों के निशाने पर वो बेरोजगार रहते हैं, जो कम पढ़े लिखे हों। यानी 10वीं-12वीं। ये बी.टेक, एमबीए युवकों को भी ट्रेनिंग के नाम पर बुलाते हैं। खूब ब्रेनवाश करते हैं। उन्हें घर से पैसे किस तरह से निकालने हैं (घर वालों को ब्लैकमेल करने की ट्रेनिंग भी देते हैं) ये भी बताते हैं। और अगर उन्हें इन चार दिनों में लगता है कि इस ग्रुप में शामिल आधे लोग पैसे नहीं दे पाएंगे, तो उन्हें कोई न कोई बहाना बनाकर वापस भेज देते हैं। इस काम के लिए कंपनी ने विभिन्न स्तरों पर लगातार 4 दिनों तक आपके साथ रहने के लिए अलग अलग आदमी रखे होते हैं। और फिर पांचवे दिन बाकायदा आपका इंटरव्यू होता है। यहीं पर आखिरी चाल चली जाती है, जल्द से जल्द व्यक्ति से खरीदारी कराने की। इसके लिए बाकायदा घर वालों को, दोस्तों को फोन कराकर पैसे मंगाए जाते हैं। ताकी खरीदारी कराने के बाद उन्हें अपने काम में शामिल किया जा सके। ये खरीदारी के नाम पर आपको कुछ कपड़े देंगे, जो आपको ही पहनने हैं और देंगे लाइसेंस, जिससे आप दूसरों को भी जोड़ सकें।
किस रैंक में कितना निवेश?
आईएफएफटी कंपनी में सबसे नीचे की रैंक (फैशन कंसल्टेंट) पर जुड़ने के लिए 8500 रुपये लगते हैं। फैशन एसोसिएट (कोड-30) के लिए आपसे 45,500 का निवेश कराते हैं। इस ट्रेनिंग के दौरान ऐसा माहौल क्रिएट कर दिया जाता है, कि आप को लिए इनके खाते में पैसे भेजना एकमात्र लक्ष्य रह जाता है। और रिटर्न के नाम पर आपको मैट्रिक्स चेन सिस्टम के माध्यम से अन्य लोगों का निवेश लाना होता है, इसके बदले में आपको कमीशन मिलता है। यही कंपनी का सबसे बड़ा खेल यानी अपराध है।
क्या है अपराध?
भारत में बनाए गए नियमों के मुताबिक मल्टीलेवल मार्केटिंग कंपनियों में किसी को जोड़ने के लिए अगर कमीशन, बोनस का लालच दिया जाता है, तो ये पोंजी स्कीम के तहत दंडनीय अपराध है। इस तरह की तमाम कंपनियों ने हजारों करोड़ के घोटाले किये हैं। और कई कंपनियों पर बैन लगाने से लेकर जब्ती, गिरफ्तारी की कार्रवाई हो चुकी है, जिसकी एक छोटी सी लिस्ट खबर में नीचे की तरफ दी जा रही है। ऐसी कंपनियों पर Money Circulation Scheme, Prize Chits and Money Circulation Schemes (Banning) Act- 1978, Drugs and Magic Remedies (Objectionable Advertisements) Act and 420 (cheating) of IPC के तहत कार्रवाई की जाती है। इसके अलावा धन के हेर फेर के मामले में ईडी फेमा नियमों के तहत कार्रवाई करती है।
कंपनी के बारे में: आईएफएफटी मल्टीएथेनिक फैशन प्राइवेट लिमिटेड चंडीगढ़ में रजिस्टर्ड है। कंपनी की मार्केट कैपिटल 1 लाख रुपया है। इसके दो डायरेक्टर हैं, पहला-निशान सिंह और दूसरा युवराज भारद्वाज। युवराज भारद्वाज खुद को मोटिवेशनल स्पीकर बताता है। उसके कई वीडियो यूट्यूब पर उपलब्ध हैं। इस कंपनी की लास्ट एजीएम बैठक 31 दिसंबर 2020 को हुई थी, जो कोई भी सीए आसानी से तैयार कर देता है। और कंपनी का बैलेंस शीट भी 31 मार्च 2020 को अपडेट की गई थी, जिसमें मार्केट कैपिटल 1 लाख रुपये ही हैं। ये किसी भी रजिस्टर्ड कंपनी के चलने के लिए अनिवार्य शर्त होती है, इसका पालन किया गया है। ताकी लूट-खसूट का धंधा चलता रहे।
कंपनी की अन्य जानकारियां: Corporate Identification Number(CIN): U18209PB2019PTC049258
कंपनी रजिस्ट्रेशन नंबर: 9258
आधिकारिक मेल आईडी: nishan.sandhu361@gmail.com
कंपनी का रजिस्टर्ड पता: PLOT NO. 993, JLPL ROAD, INDUSTRIAL AREA, SECTOR 82, MOHALI Mohali PB 160055
कंपनी की ब्रांच
आईएफएफटी की ब्रांच देहरादून, लखनऊ, हैदराबाद, सिकंदराबाद, भोपाल, कोलकाता जैसे शहरों में हैं। चूंकि अभी कंपनी के खिलाफ कोई बड़ी शिकायत दर्ज नहीं हुई है, ऐसे में इनका खेल धड़ल्ले से चल रहा है।
लखनऊ में कौन कौन से लोग?
आईएफएफटी मल्टीएथेनिक फैशन प्राइवेट लिमिटेड के ब्रांच हेड के तौर पर अजीत वर्मा का नाम सामने आ रहा है। इनकी थाईलैंड टूर की ग्रुप तस्वीरें आईएफएफटी की ब्रांच में लगाई गई हैं। दावा है कि उन्होंने आईएफएफटी के माध्यम से टाटा हैरियर कार, 55 लाख रुपये की कीमत का मकान तक लखनऊ में ले लिया हा। उनका नाम प्रोत्साहन के तौर पर लिया जाता है। इसके अलावा मयंक कुशवाहा (बीडीएम) का नाम है, जो सबसे आखिर में लोगों को बिजनेस प्लान के बारे में समझाते हैं। यहां करीब 30-35 लोगों का स्टाफ लगातार काम करता रहता है।
एमएलएम को लेकर क्या हैं सरकार के नियम?
कंपनियों पर ये रहेंगी बंदिशें एजेंट (डायरेक्ट सेलर) के जरिए सीधी बिक्री शुरू करने से पहले डायरेक्ट सेलर को एक यूनिक नंबर देना होगा। कंपनी और डायरेक्ट सेलर जनता से किसी तरह की चिट फंड गतिविधि या जमाओं पर ब्याज देने के लुभावने ऑफर देकर पैसा इकट्ठा नहीं कर सकेंगे। कंपनी का किसी भी एक राष्ट्रीयकृत बैंक में खाता अनिवार्य होगा। सभी टैक्स देने होंगे। वेबसाइट पर अधिकृत डायरेक्ट सेलर के नाम और पहचान संख्या दिखानी होगी। उभोक्ता शिकायत प्रकोष्ठ बनाना होगा और 7 दिन में जनता की शिकायतों का निराकरण करना होगा। इस कंपनी में ऐसा कुछ भी नहीं है।
कुछ ऐसी कंपनियों की सूची दी जा रही है, जो मल्टीलेवल मार्केटिंग के माध्यम से हजारों करोड़ का खेल कर चुके हैं।
24 दिन में 13 कंपनियां की गई थीं सील: लुभावनी स्कीमों से मोटा मुनाफा देने का झांसा देने वाली मल्टीलेवल मार्केटिंग कंपनियों के बारे में निवेशकों की आंख तब खुली जब 22 नवंबर 2011 को गोल्ड सुख कंपनी के मालिक ताला लगाकर फरार हो गए। उसके बाद पुलिस ने 24 दिन में 13 कंपनियों के कार्यालयों को सील किया, कई कंपनियां निवेशकों को रुपए वापस देने लगी तो कुछ के कर्ताधर्ता फरार हो गए। इन बेईमान कंपनियों में करीब दस लाख लोगों ने करोड़ों का निवेश कर रखा था। ऐसी कंपनियों में गोल्ड सुख, आदित्या कॉसमॉस, प्रिया परिवार, आरसीएम, पीयर्स, अवनी ट्रेड, धनश्री हेल्थ केयर, ईव मिरेकल, संकल्प, स्मार्ट बिजनेस, पीएसीएल, मेरी गोल्ड प्लस जैसी कंपनियां हैं। इन कंपनियों के डायरेक्टर समेत अधिकांश लोग जेलों में हैं।
रिपोर्ट: श्रवण शुक्ला, लखनऊ से। श्रवण शुक्ला स्वदेश के डिजिटल प्लेटफार्म के उत्तर प्रदेश राज्य प्रमुख हैं। खुद 7 दिन देकर उन्होंने इस कंपनी की पूरी पड़ताल की है। कंपनी के खिलाफ यूपी पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद अब एमईए (मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स) को विस्तार से सूचित कर रहे हैं। कंपनी के खिलाफ एफआईआर और रजिस्ट्रेशन रद्द कराने से लेकर कंपनी के कर्ताधर्ताओं के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की तैयारी में हैं। इस कंपनी की तरफ से ठगी का शिकार हुए लोग 7011563712 पर संपर्क कर सकते हैं, ताकी कंपनी के खिलाफ ज्यादा से ज्यादा सबूत इकट्ठा कर एमईए को सौंपा जा सके। इसके अलावा मेल आईडी: ePatrakaar@gmail.com पर भी संपर्क कर सकते हैं। (ये इस खुलासे की पहली कड़ी है, जल्द ही कंपनी के खातों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रकाशित की जाएगी।)