UP: दिखने लगा बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे! 73 फीसदी काम पूरा

UP: दिखने लगा बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे! 73 फीसदी काम पूरा
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योगी सरकार ने विकास की सौगात देने का जो सपना बुंदेलखंड के लिए संजोया था वह अब लगभग पूरा होने को है, दिल्ली से सीधे जोड़ने वाले करोड़ों के इस ड्रीम प्रोजेक्ट का 73 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है।

नोएडा/अजय सिंह चौहान। उत्तर प्रदेश के सुदूर हिस्से वाले बुंदेलखंड को देश की राजधानी दिल्ली से सीधे जोड़ने वाला बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे अब नजर आने लगा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार ने बुंदेलखंड को विकास की सौगात देने का जो सपना संजोया था वह अब लगभग पूरा होने को है, करोड़ों के इस ड्रीम प्रोजेक्ट का 73 फीसदी कार्य अब तक पूरा हो चुका है। कोशिश है कि किसी तरह शेष कार्य भी जल्द से जल्द पूरा कर साल के अंत तक इसे शुरू कर दिया जाए। इस 296 किमी लम्बे फोर लेन एक्सप्रेस-वे का निर्माण लगभग पंद्रह हजार करोड़ रुपये लागत से हो रहा है।



चित्रकूट से शुरू होकर इटावा तक बन रहा एक्सप्रेसवे -

बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे चित्रकूट जिले के भरतकूप के पास से शुरू होकर बांदा, हमीरपुर, महोबा और औरैया होते हुए इटावा जिले के कुदरैल गांव के पास लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे में जाकर मिल जाएगा। जहाँ से आगे का सफर लखनऊ-आगरा और यमुना एक्सप्रेस-वे होते हुए नोएडा और दिल्ली तक किया जा सकेगा। देश की राजधानी दिल्ली से सीधे जुड़ जाने के बाद यह मार्ग बुंदेलखंड आने जाने वालों लोगों के समय और संसाधनों के खर्च में भी काफी बचत करेगा। क्षेत्र में रोजगार और उद्योग धंधों के अवसर बढ़ेंगे, डिफेंस कॉरिडोर को फायदा मिलेगा, दूरी घटने से वाहनों में डीजल-पेट्रोल की खपत भी कम होगी।

15 हजार करोड़ की लागत से 296 किलोमीटर में निर्माण -

लगभग 15 हजार करोड़ रुपये लागत से बनकर तैयार हो रहा बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे चित्रकूट से प्रारम्भ होकर 296.07 किलोमीटर बाद इटावा में जाकर समाप्त होगा। इससे चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा जिलों के लोगो को सीधे फायदा मिलेगा। इस प्रोजेक्ट की लागत लगभग 14849 करोड़ रुपये है, जिमसें भूमि अधिग्रहण और निर्माण दोनों में आयी लागत शामिल है। चार लेन वाले इस एक्सप्रेस-वे को बाद में छह लेन का भी किया जा सकता है, लेकिन फिलहाल इसे अभी चार लेन का ही बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही इसका निरीक्षण कर चुके हैं।



प्रोजेक्ट का 73 फीसदी काम पूरा -

यूपीडा द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक प्रोजेक्ट का तकरीबन 73 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है। जिसमें मुख्य रास्तों में 96 फीसदी मिट्टी कार्य पूर्ण है, मुख्य कैरिजवे में सौ फीसदी सीएंडजी कार्य हो चुका है। जबकि 880 में से 729 स्ट्रक्चर बनकर तैयार हो चुके हैं। सरकार ने दो साल के अंदर इसका निर्माण करने का लक्ष्य रखा था लेकिन धीमी भूमि अधिग्रहण गति और कोरोना काल में कार्य काफी हद तक प्रभावित रहने से काम थोड़ा पिछड़ गया, लेकिन बाद में कार्यदायी संस्थाओं ने तेजी से काम कराया।

कितनी नदियों से गुजरेगा एक्सप्रेस वे -

बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे मुख्यतः केन, यमुना, बेतवा, श्यामा, बिरमा, सेंगर, बागै और चंद्रावल समेत कुछ अन्य छोटी नदियों से होकर गुजरेगा।



27 फीसदी काम अभी शेष -

जानकारी के अनुसार अभी तक बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का लगभग 73 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है। सड़क भी बनकर तैयार हो चुकी है। एक्सप्रेस-वे में केन, यमुना और बेतवा नदियों पर पुल व फ्लाई ओवर का कार्य तेजी से चल रहा है। बारिश के कारण निर्माण कार्य कुछ धीमा चल रहा था लेकिन अब पुनः गति पकड़ चुका है। एक्सप्रेस-वे के रास्ते में 6 टोल प्लाजा, 18 फ्लाई ओवर, 4 रेलवे ओवर ब्रिज, 14 बड़े पुल व 266 छोटे पुल का निर्माण कार्य किया जा रहा है।



साल के अंत तक शुरू हो सकता है एक्सप्रेस वे -

उम्मीद की जा रही है कि कुछ हिस्सों को छोड़कर बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे इस साल के अंत तक चालू हो जाएगा। हालांकि, यूपीडा के सीईओ अवनीश अवस्थी ने तय समय सीमा में एक्सप्रेस-वे निर्माण पूरा करने के निर्देश पहले ही दे रखे हैं। लेकिन बताया जा रहा है कि कई जिलों में भूमि अधिग्रहण व कोविड प्रतिबंधों के चलते निर्माण कार्य की गति काफी धीमी हो गयी थी, जिसे अब दिन रात एक कर तेजी से पूरा किया जा रहा है।

चित्रकूट में PM मोदी ने रखी थी नींव -

भरतकूप के पास गोंडा गांव से शुरू होने वाला बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे जिले में तकरीबन 10.2 किमी. हिस्से से होकर गुजरता है। जिसकी नींव खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 29 फरवरी 2020 को गोंडा आकर रखी थी। एक्सप्रेस-वे के निर्माण से यूपी के अपेक्षाकृत कम विकसित बुंदेलखंड के विकास को गति मिलेगी। यहाँ निर्माण का तकरीबन 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है, जिसमें सड़क के दोनों तरफ का निर्माण भी शामिल है। ओवरब्रिज व छोटे पुलों के आसपास अभी सड़क बनना शेष है। गोंडा गांव के पास हाईवे में ओवरब्रिज का निर्माण चल रहा है। इसी तरह बांदा-मानिकपुर रेलवे लाइव में आरओबी व बागै नदी में पुल बनाया जा रहा है। इसके अलावा 13 छोटे पुल भी बनाये जा रहे हैं। इन कार्यों को पूरा करने में लगभग छह माह का समय लग सकता है।



6 चैनेज में 4 कंपनियां दिन रात निर्माण में जुटीं -

बुंदेलखंड एक्स्प्रेस-वे के तेज निर्माण के लिए इसकी 296.070 किमी दूरी को कुल 6 हिस्सों में बांटा गया है, जिसका निर्माण चार अलग अलग कंपनियां मिलकर कर रही हैं। जिसमें एप्को इंफ़्राटेक दो पैकेज पर, गावर कंस्ट्रक्शन भी दो पैकेजेस पर, अशोक और दिलीप बिल्डिकॉन एक-एक पैकेज पर काम कर रही है। इसके लिए सभी कंपनियों ने अपने अपने प्लांट प्रोजेक्ट साइट पर लगा रखे हैं।

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