MP News: घर पर बुलडोजर चलने के बाद दोषमुक्त हुए पूर्व BJP नेता, दुष्कर्म का लगा था आरोप
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Former BJP Leader Shafiq Ansari
Former BJP Leader Shafiq Ansari : राजगढ़। पूर्व भाजपा नेता शफीक अंसारी के घर पर बुलडोजर चलने के बाद सारंगपुर जिला सत्र न्यायालय ने उन्हें दोषमुक्त कर दिया। बता दें कि, पूर्व भाजपा नेता शफीक अंसारी पर रेप और उनके दोनों पुत्रों को शासकीय कार्य में बाधा डालने का आरोप था।
ये है पूरा मामला
दरअसल, बीते 4 मार्च 2021 को सारंगपुर पुलिस थाने में एक महिला ने भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष शफीक अंसारी के खिलाफ शिकयत दर्ज करवाई थी। महिला का आरोप था कि, शफीक अंसारी ने महिला के साथ बलात्कार किया और जान से मारने की धमकी भी दी है। सारंगपुर पुलिस ने अंसारी के खिलाफ दुष्कर्म सहित अन्य धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया।
शफीक अंसारी ने अपने ऊपर दर्ज की गई कथित रेप की एफआईआर को रद्द करने के लिए इंदौर हाईकोर्ट में 482 सीआरपीसी के तहत पिटीशन दायर की, जिसे न्यायालय ने स्वीकार किया और राजगढ़ एसपी को पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करने के आदेश दिए।
लेकिन रेप के आरोप में फरारी काट रहे पूर्व भाजपा नेता शफीक अंसारी के मकान को नगरपालिका ने 13 मार्च 2022 को अवैध निर्माण बताकर ध्वस्त कर दिया। कोर्ट से दोष मुक्त हुए पूर्व भाजपा नेता शफीक अंसारी के मुताबिक 14 मार्च 2022 को उन्होंने सारंगपुर एसडीओपी के समक्ष समर्पण कर दिया और वे लगभग 3 माह जेल में भी रहे।
14 फरवरी 2025 को प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश सारंगपुर के द्वारा पारित किए गए आदेश के मुताबिक न्यायालय ने पीड़िता उसके पति और बेटे द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत और उनके बयानों को क्रॉस चेक करते हुए अविश्वसनीय बताया।
साथ ही पुलिस के द्वारा विवेचना के दौरान पूर्व भाजपा नेता शफीक अंसारी और उनके पुत्रों पर दर्ज की गई आरोपी की मदद करने और शासकीय कार्य में बाधा डालने के आरोपों पर भी प्रकाश डालते हुए आरोपों में भिन्नता पाए जाने पर अस्वीकार किया और उन्हें भी दोष मुक्त किया है।
पूर्व भाजपा नेता शफीक अंसारी ने बात करते हुए बताया कि जिस समय उनके ऊपर रेप का आरोप दर्ज किया गया था। उस दौरान वे भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के जिलाध्यक्ष थे, लेकिन जेल से छूटने के बाद उन्होंने भाजपा छोड़ दी और उसके बाद में वे कांग्रेस में शामिल हो गए। उन पर दर्ज हुई एफआईआर के बाद से ही उन्होंने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से निष्पक्ष जांच की मांग की, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं की गई।
बल्कि उनके दो बेटों पर भी शासकीय कार्य में बाधा का प्रकरण दर्ज कर जेल भेज दिया गया। उनका लगभग 2 करोड़ रूपये का मकान अवैध निर्माण बताकर तोड़ दिया गया। न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय के बाद अब वे अपने मकान के उचित मुआवजे के लिए अपने वकील के माध्यम से उचित कार्रवाई करने की तैयारी कर रहे है।