संक्रमित दो, जबरन आइसोलेट हुआ पूरा परिवार

संक्रमित दो, जबरन आइसोलेट हुआ पूरा परिवार

गुना १ सितंबर (हि.स.)। कोरोना संक्रमण को लेकर इसे जिला अस्पताल की अव्यवस्था कहे या फिर संक्रमण को लेकर लोगों में जागरुकता का अभाव, की लोग अब अपने परिवार के सदस्यों के संक्रमित निकलने के बाद उन्हे अकेले अस्पताल भेजने को तैयार नहीं है, बल्कि खुद उनके साथ आइसोलेट होने अड़ रहे है। ऐसे ही दो मामले मंगलवार को सामने आए। जिनमें परिवार के दो सदस्यों के संक्रमित होने पर सात सदस्यीय पूरे परिवार को आइसोलेट करना पड़ा तो एक पति भी अपनी पत्नी के पीछे-पीछे जिला अस्पताल तक पहुँच गया।

भारी पुलिस बल और अस्पताल प्रबंधन रहा नाकाम

बताया जाता है कि जिले में बीते रोज कुल 5 कोरोना संक्रमित लोग सामने आए थे। इनमें से शहर के तीन तथा 2 जिले के कुंभराज व राघौगढ़ के थे। इन सभी को बीती रात से ही नियमानुसार आइसोलेशन की तैयारी की जाने लगी। शेष तो आसानी से आइसोलेट हो गए, किन्तू विकास नगर को दो संक्रमितों को आइसोलेट कराने में अस्पताल प्रबंधन के साथ पुलिस, प्रशासन के पसीने छंूट गए। संक्रमित मरीजों में एक मकान मालिक का 14 वर्षीय बेटा है जबकि दूसरा संक्रमित उसी मकान में किराए से रहने वाली महिला है। इन्हे अकेले ले जाने से परिजनों ने इन्कार कर दिया। उनका कहना रहा कि या तो सब लोग साथ जाएंगे, अन्यथा कोई नहीं जाएगा। टीम ने उन्हे समझाया कि संक्रमित बीमारी होने के चलते यह संभव नहीं है, किन्तू परिजन मानने को तैयार नहीं हुए। सूचना मिलने के बाद मौके पर सीएसपी नेहा पच्चीसिया, कैंट थाना प्रभारी योगेंद्र सिंह जादौन सहित पुलिस बल भी पहुँचा। जिसने सख्ती दिखाने का भी प्रयास किया, किन्तू कोई हल नहीं निकला। मजबूर होकर आधी रात के बाद दल-बल को खाली हाथ ही वापस लौटना पड़ गया। इसके बाद टीम मंगलवार सुबह फिर मौके पर पहुँची और संक्रमितों का लाने के प्रयास तेज किए, किन्तु जब बात नहीं बनी तो सात सदस्यीय पूरे परिवार को ऐम्बूलेंस में साथ लाया गया। जिला अस्पताल में जगह नहीं होने के साथ सभी को साक्षी मेडीकल कॉलेज भेजा गया। जहां संक्रमितों और उनके परिजनों को अलग-अलग रखा गया है।

सोशल मीडिया पर सामने आ रहीं अव्यवस्था

कोविड-19 को लेकर जिला अस्पताल की अव्यवस्थाएं सोशल मीडिया पर उजागर हो रहीं है। जिससे लोगों के मन में डर बैठ गया है। यह डर इतना है कि लोग अपनी जांच कराने से भी पीछे हट रहे है कि अगर वह संक्रमित निकले तो उन्हे जिला अस्पताल मे आइसोलेट होना पड़ेगा। गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर आइसोलेट में भर्ती मरीजों ने बताया है कि एक हॉल में 10 से 12 संक्रमित मरीजों को रखा जा रहा है तो मरीजों को नाश्ता व भोजन समय पर तो दिया ही नहीं जा रहा है। उसकी गुणवत्ता भी खराब है। इसके साथ ही एक ही शौचालय होने की बात कही जा रही है। भर्ती मरीज के स्वास्थ्य की जानकारी न तो मरीज को दी जाती है और न ही परिजनों को। बता दें कि पिछले दिनों एक संक्रमित की मौत होने के बाद परिजनों ने इसी को लेकर हंगामा मचाया था कि उन्हे उनके मरीज के स्वास्थ्य की जानकारी नहीं दी गई। सीधे मौत की खबर सुना दी गई।

फीवर क्लीनिक की नर्स निकली संक्रमित

जिला अस्पताल के फीवर क्लीनिक की नर्स कोरोना संक्रमित निकली है। जिन्हें आइसोलेट करने के बाद अन्य स्टाफ को क्वॉरंटीन कर दिया गया है, वहीं फीवर क्लीनिक का पूरा स्टाफ बदल दिया गया है। यह मामला चिंताजनक ज्यादा इसलिए है कि फीवर क्लीनिक पर बीमारियों की जांच की जा रही है। जिससे संक्रमण फैलने की आशंका ज्यादा है, साथ ही संपर्क तलाशना बेहद मुश्किल है।

11 लाख 88 हजार 600 वसूले

जिले में अब तक 11819 पर मास्क नही लगाने के कारण कुल 1188600 रूपये का आर्थिक दण्ड लगाया लगाया गया। इसमें नपा गुना में 4463, राघौगढ में 2077, नगर परिषद आरोन 1320, नगर परिषद चांचौड़ा में 1742 एवं नगर परिषद कुंभराज में 2217 व्यक्तियों के विरूद्ध आर्थिक दण्ड लगाया जाकर वसूल की गई।

हिन्दुस्थान समाचार / अभिषेक

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