छूट के बावजूद कहीं बंद तो कहीं खुला रहा बाजार डर के कारण कई दुकानदारों ने नहीं खोली दुकानें

छूट के बावजूद कहीं बंद तो कहीं खुला रहा बाजार डर के कारण कई दुकानदारों ने नहीं खोली दुकानें
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छूट के बावजूद कहीं बंद तो कहीं खुला रहा बाजार डर के कारण कई दुकानदारों ने नहीं खोली दुकानें

गुना। रविवार को छुट्टी के दिन पूर्ण तालाबंदी से मिली छूट के बावजूद बाजार कहीं बंद तो कहीं खुल रहा। कई दुकानदारों ने कार्रवाई के डर से अपनी दुकानेें नहीं खोली। इसका कारण दुकानदारों में छूट को लेकर असमंजस की स्थिति रहना रहा, वहीं इस दौरान बाजार में भी रौनक कम ही देखने को मिली। साप्ताहिक हाट का दिन होने के बावजूद भी लोग बाजार में खरीददारी कम ही करने पहुँचे तो ग्रामीण अंचल से भी लोग ज्यादा नहीं आए। हालांकि इस दौरान भी कोरोना से बचने निर्धारित नियमों का पालन होता नहीं दिखा। न तो लोग सामाजिक दूरी का पालन कर रहे थे और नाहीं मुँह पर मास्क लगाने के साथ ही सेनेटाइजर का इस्तेमाल हो रहा था।

अनलॉक -4 में मिली है राहत

अनलॉक -4 में मिली राहतों के तहत अब हर रविवार को रहने वाली पूर्ण तालाबंदी से जहां छूट दी गई है तो रात का कफ्र्यू भी खत्म कर दिया गया है। गौरतलब है कि कोरोना वायरस को लेकर तालाबंदी के नियमों में जिले और शहर में बार-बार परिवर्तन होता रहा है। हाल ही में शनिवार और रविवार को होने वाली पूर्ण तालाबंदी को खत्म कर सिर्फ रविवार को पूर्ण तालाबंदी रखी गई थी। पिछले एक माह से रविवार को पूर्ण तालाबंदी रहती थी। हालांकि इस दौरान सिर्फ बाजार बंद रहता था। सडक़ों पर आवाजाही बदस्तूर अन्य छह दिनों की तरह जारी रहती थी। इसको लेकर काफी विरोध के स्वर सामने आ रहे थे। व्यापारियों और नागरिकों का कहना था कि रविवार को छुट्टी का दिन होता है। इस दिन लोग काम से फुर्सत होकर जरुरी एवं अन्य सामानों की खरीददारी करने बाजार में निकलते है और इसी दिन बाजार बंद रहता है। जिससे लोगों का जहां जरुरी वस्तुओं के लिए परेशान होना पड़ रहा था तो व्यापारियों को भी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा था। उनका कहना था कि कोरोना वायरस संक्रमण काल में तालाबंदी और बार-बार कंटेंटमेंट जोन के कारण वैसे ही उन्हे काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उस पर भी जब थोड़ी-बहुत खरीददारी की उम्मीद रहती है तो उसे इस तरह तालाबंदी से तोड़ा जा रहा है। इसी विरोध के बाद अनलॉक -4 में रविवार को भी पूर्ण तालाबंदी से मुक्त रखने के साथ ही रात का कफ्र्यू भी पूरे प्रदेश में खत्म कर दिया गया।

असमंजस में रहे लोग

रविवार को पूर्ण तालाबंदी से छूट के बावजूद बाजार पूरी तरह नहीं खुल पाया। कई दुकानें इस दौरान बंद रहीं। इसके साथ ही सामान्य दिनों की तरह रौनक भी बाजार में देखने को नहीं मिली, जबकि रविवार को सप्ताहिक हाट का दिन रहता है, जिससे खरीददारी का जोर रहता है। ऐसा नहीं हो पाने को लेकर बताया जा रहा है कि छूट को लेकर सभी में असमंजस की स्थिति थी। दुकानदारंों में कार्रवाई का डर था, इसलिए उन्होने दुकानें नहीं खोली तो लोग भी तालाबंदी है या नहीं इसको लेकर असमंजस में रहने के कारण बाजार खरीददारी करने नहीं पहुँचे।

बचाव को लेकर देखने मिली लापरवाही

रविवार को कोरोना वायरस से बचाव को लेकर निर्धारित नियमों का पालन देखने को नहीं मिला। इस दौरान लोग नियमों को लेकर लापरवाह देखने को मिले। दुकानदार व ग्राहक बिना मास्क के ही नजर आए। शहर के हाट रोड, नीचला बाजार, कैन्ट रोड, सदर बाजार, सुगन चौराहा, नई सडक़ आदि स्थानों पर कुछ लोग मास्क लगाए थे तो कई नहीं लगाए थे। इसके साथ ही कुछ लोग मास्क तो लगाए थे, किन्तु वह मुँह और नाक पर नहीं लगाकर गर्दन पर पहने थे।इसके साथ ही हाट रोड पर दुकानों पर ग्राहकों की आवाजाही बहुत कम थी तो मुख्य बाजार में भी आम दिनों की अपेक्षा बहुत कम भीड़ थी। जो लोग दुकान पर खरीददारी करने आए थे उनमें कुछ लोग ही मास्क लगाए थे, जबकि कुछ लोगों का मास्क चेहरे से खिसका हुआ था। दुकान पर भी पूरा स्टाफ मास्क लगाए नजर नहीं आया। यह लापरवाही पेट्रोल पंप पर भी रही पेट्रोल पंप पर जगह-जगह लिखा हुआ था कि मास्क नहीं तो सेवा नहीं, किन्तू इसका पालन करते कोई भी नजर नहीं आया। पंप ऑपरेटर तक मास्क ठीक ढंग से नहीं लगाए थे तो वाहन चालकों को भी बिना मास्क के ही पेट्रोल दिया जा रहा था। कुछ वाहन चालक पेट्रोल पंप पर पहुँचकर रुमाल मुँह पर बांधकर मास्क लगाने की औपचारिकता पूरी कर रहे थे।

नवदुर्गा महोत्सव में सजेंगे माता के दरबार, श्रद्धालुओं में खुशी

अनलॉक-4 में मिली राहतों में सबस बड़ी राहत नवदुर्गा महोत्सव के लिए रही। जिसमें माँ दुर्गा जी के दरबार सजाने की अनुमति दिए जाने की घोषणा प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की है। मुख्यमंत्री ने अपनी घोषणा में नवदुर्गा महोत्सव में माँ दुर्गा जी की झांकियां लगाने, किन्तु उनमें सीमित संख्या में श्रद्धालुओं द्वारा दर्शन करने की बात कही है। इस घोषणा के बाद श्रद्धालुओं में खुशी का माहौल है और उन्होने झांकियंा लगाने को लेकर तैयरियां शुरु कर दीं है। दूसरी ओर विवाह समारोह में 100 से अधिक मेहमानों के शामिल होने की अनुमति मिलने के बाद शादी-समारोह से जुड़े व्यवसायियों में प्रसन्नता है। गौरतलब है कि इससे पहले शादी समारोह में 50 से अधिक व्यक्तियों को शामिल करने की अनुमति नहीं थी। वहीं मैरिज गार्डनों को भी समारोह आयोजित करने की अनुमति नहीं दी गई थी। जिससे न सिर्फ मैरिज गार्डन संचालक बल्कि शादी समारोह से जुड़े हलवाई, टैंट व्यवसायी, डीजे संचालक, लाइट डेकोरेशन सहित अन्य व्यवसायियों का व्यवसाय पूरी तरह ठप पड़ गया था। अब इनके भी अच्छे दिन आने की संभावना है।

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