कोरोना वायरस संक्रमण से हुर्इं दो और लोगों की मौत, मृतकों का आंकड़ा बढक़र 12 तक पहुँचा

कोरोना वायरस संक्रमण से हुर्इं दो और लोगों की मौत, मृतकों का आंकड़ा बढक़र 12 तक पहुँचा
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कोरोना वायरस संक्रमण से हुर्इं दो और लोगों की मौत, मृतकों का आंकड़ा बढक़र 12 तक पहुँचा

गुना। कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर मिलीजुली स्थिति है। एक तरफ जहां इससे संक्रमित लोगों के ठीक होने का आंकड़ा उल्लेखनीय है तो दूसरी तरफ इससे पीडि़तों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है। जिले में अब तक 428 संक्रमित सामने आ चुके है। ऐसे में वायरस को लेकर फिर चिंता और दहशत बढ़ाने वाली खबर गुरुवार को सामने आई। खबर शिवपूरी मेडीकल कॉलेज से निकलकर सामने आई। जिसमें संक्रमित दो और लोगों की मौत हो जाने का समाचार है। इन दो लोगों के साथ ही जिले में कोरोना से होने वाली मृतकों की संख्या 12 तक पहुँच चुकी है। यह दोनों संक्रमित शिवपुरी मेडीकल कॉलेज में भर्ती थे। जिनमें एक महिला भी शामिल है।

गंभीर स्थिति में शिवपुरी भेजे गए थे संक्रमित

बताया जाता है कि शहर के वंदना कॅान्वेंट स्कूल के पीछे निवासी एक 45 वर्षीय व्यक्ति कोरोना संक्रमित मिले थे। जिन्हे उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके साथ ही एक 55 वर्षीय महिला के भी कोरोना पॉजीटिव मिलने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हे उच्च उपचार के लिए शिवपुरी मेडीकल कॉलेज भेज दिया गया था। गुरुवार को उनके वहां उपचार के दौरान मौत हो जाने की खबर है।

अस्पताल जाने से ही डर रहे लोग

कोरोना संक्रमण को लेकर संक्रमित होने और मौत को लेकर लोगों में इतना डर देखने में नहीं आ रहा है। जितना इसके चलते जिला अस्पताल में आइसोलेट होने और कंटेंटमेंट जोन में आने के कारण लोगों में देखने को मिल रहा है। दरअसल जिला अस्पताल में कोविड-19 के भर्ती के मरीजों के साथ कुछ ऐसी घटनाएं सामने आईं है, जिससे लोगों का अस्पताल पर से विश्वास उठ गया है। जहां अस्पताल के आइसोलेट वार्ड में भर्ती मरीजों को ठीक से भोजन-पानी नहीं मिलने की जानकारी निकलकर सामने आई तो इलाज को लेकर लापरवाही भी सुनने में आई। इसके चलते लोग अब कोरोना तो छोडि़ए अन्य बीमारियों की जांच और उपचार कराने भी अस्पताल नहीं पहुँच रहे है। यह जिला अस्पताल की ओपीडी की स्थिति को देखकर भी समझा जा सकता है। जहां इन दिनों गत सालों में जिला अस्पताल की ओपीडी 1000-1500 रहती थी, वो इस समय सिर्फ 500-600 सामने आ रही है। पिछले दो माह में ही इस संख्या में भारी गिरावट देखने को मिली है। अस्पताल की व्यवस्थाओं को लेकर लोगों में अविश्वास इस हद तक बढ़ा है कि अगर कोई संक्रमित व्यक्ति मिलता है तो उसे अकेले नियमानुसार जिला अस्पताल में आइसोलेट कराने को परिजन तैयार नहीं हो रहे है। संक्रमित के साथ वह खुद भी आइसोलेट होना चाह रहे है। हाल ही में ऐसी कई घटनाएं सामने आ चुकी है। जिनमें प्रशासन को मजबूरन संक्रमित के साथ परिजनों को भी अस्पताल में भर्ती करना पड़ा है।

तीन माह से बढ़ रही संक्रमितों की संख्या

कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या में पिछले तीन माह में इजाफा हुआ है। गहनता से अध्ययन करें तो समझ आता है कि अनलॉक की स्थिति में ल्ॉाक डाउन की अपेक्षा मरीज ज्यादा बढ़े है। मार्च माह में जहां कोरोना मरजिो की संख्या 70 थी, वहीं अप्रैल और जुलाई में इसमे तेजी से वृद्धि हुई और अगस्त माह में तो इसने नया रिकार्ड ही बना लिया अगस्त माह में करीब 250 मरीज सामने आए। इससे पहले जुलाई में 150 मरीज निकले थे। वर्तमान में कोरोना पॉजिटिव का कुल आंकड़ा 428 पर पहुंच गया है। इसके साथ ही जिला अस्पताल के कोविड वार्ड में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या 70 से ऊपर तक पहुंच चुकी है।

३५ व्यक्तियों के घर कंटेनमेंट जोन घोषित

- जिले भर में कोरोना पॉजिटिव आए 34 व्यक्तियों के घर को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है। कस्तूरबा नगर वार्ड 20, एसएएफ कालोनी वार्ड 36, छाबड़ा कालोनी वार्ड 27, दुबे कालोनी वार्ड क्रमांक 16, भगतसिंह कालोनी, चौधरन कालोनी वार्ड 16, तलैया मोहल्ला, विंध्यांचल कालोनी, हाउसिंग बोर्ड कालोनी, हाट रोड वार्ड क्रमांक 4, गुना तहसील क्षेत्रांतर्गत ग्राम मावन, ग्राम भदौरा तथा तहसील राघौगढ़ क्षेत्रांतर्गत वार्ड क्रमांक 7 में कोरोना महामारी से पीडि़त व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।

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