गुना बस हादसा : ना बीमा-ना फिटनेस, रजिस्ट्रेशन भी 15 साल पुराना, आखिर फिर कैसे चल रही थी ? परिवहन विभाग पर उठे सवाल

Bus accident in guna
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गुना में यात्रियों से भरी बस में लगी आग

एमपी ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने भी सवाल उठाएं है कि आखिर ये बस सड़क पर कैसे चल रही थी

गुना। गुना जिले के जिले के बजरंगगढ़ थाना क्षेत्र में बुधवार रात दोहाई मंदिर के पास एक डंपर की टक्कर के बाद बस में लगी आग में 12 लोग जिंदा जल गए। डंपर के चालक की भी आग की चपेट में आने से मौत हो गई। हादसे में करीब 16 लोग झुलस गए, जिन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस हादसे ने परिवहन विभाग पर सवाल खड़े कर दिए है। बस 15 साल पुरानी बताई जा रही है, जिसका ना तो डेढ़ साल से टैक्स जमा हुआ है और नाही फिटनेस टेस्ट हुआ।


परिवहन विभाग से सामने आई जानकारी के अनुसार, बस 15 साल 3 महीने पुरानी है। अप्रैल 2021 में बस का बीमा खत्म हो चुका है, वहीं जुलाई 2022 से बस का टैक्स भी नहीं भरा गया है। ऐसे में ना फिटनेस, ना बीमा फिर भी ये बस कैसे सड़क पर सवारी लेकर दौड़ रही है। अब इस मामले को लेकर एमपी ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने भी सवाल उठाएं है कि आखिर ये बस सड़क पर कैसे चल रही थी।


एमपी ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के चेयरमैन सीएल मुकाती ने एक्स पर पोस्ट करते हुए दुर्घटनाग्रस्त बस के पेपर शेयर किए है। साथ ही उन्होंने लिखा है कि कि ‘महोदय बस 15 वर्ष पुरानी है रोड पर कैसे चल रही थी….? फिटनेस बीमा नहीं है RC डीटेल डाली है, परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार की जड़ बहुत गहरी है मोहन सरकार को सुदर्शन चक्र चलना पड़ेगा विभाग पर।’ उन्होने कहा कि ऐसी दुर्घटनाएं होती रहती हैं लेकिन जिम्मेदार लोग इसपर ध्यान नहीं देते हैं। उन्होने मुख्यमंत्री मोहन यादव से मांग की है कि परिवहन विभाग पर कार्रवाई करें।'

बता दें कि सिकरवार ट्रेवल्स की बस बुधवार रात आठ बजे गुना से आरोन जा रही थी। 32 सीटर बस में 30-35 यात्री सवार थे। रात करीब साढ़े आठ बजे आरोन रोड पर बजरंगगढ़ में दुहाई मंदिर के पास यह हादसा हुआ। घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने बताया कि बस और डंपर में टक्कर के बाद बस पलट गई और उसमें आग लग गई। देखते ही देखते आग ने पूरी बस को अपनी चपेट में ले लिया। घटना के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई। कई यात्रियों ने बस के दरवाजे, खिड़की से कूद कर जान बचाई। बस में सवार 16 लोगों को गंभीर हालत में जिला अस्पताल लाया गया है। वहीं, 13 लोगों की जलने की वजह से मौत हो गई है। शवों को निकाल कर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल पहुंचाया गया है। आग से बस पूरी तरह जलकर खाक हो गई है।

मुख्यमंत्री ने दुर्घटना की जांच के आदेश दिए -

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बस दुर्घटना की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने परिवहन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इस तरह की दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को बस दुर्घटना में मृतकों के परिवारों को 4-4 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की सहायता देने के निर्देश दिए हैं।

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