दिग्विजय के गढ़ में सिंधिया ने लगाई सेंध, करीबी नेता को दिलाई भाजपा की सदस्यता

दिग्विजय के गढ़ में सिंधिया ने लगाई सेंध, करीबी नेता को दिलाई भाजपा की सदस्यता
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ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुना में सभा को किया संबोधित

गुना। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शनिवार को राघोगढ़ के दौरे में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह पर जमकर निशाना साधा। सिंधिया ने दिग्विजय का नाम लिए बिना कहा कि कुछ लोग हैं जिनका काम हर अवसर में चुनौती ढूंढना है, जबकि भाजपा का काम चुनौतियों में अवसर ढूंढना है। उन्होंने कहा कि भाजपा के कार्यकर्ता अपना वचन निभाने के लिए प्राणों की भी परवाह नहीं करते। वहीं, कांग्रेस के लिए प्राणों की रक्षा वचन से भी बढ़कर है।


सिंधिया ने कहा कि कुछ लोग जब पेड़ बन जाते हैं तो उन्हें अहंकार हो जाता है, बड़े और विशाल होने का, लेकिन वे भूल जाते हैं कि उनके इतने बड़े होने के पीछे जो बड़ा कारण है वह उस पेड़ की जड़े हैं, जब वे अपनी जड़ों को ही काटने लगते हैं तब फिर उस विशाल पेड़ की सहायता कोई नहीं कर पाता है। उसे कोई टूटने से नहीं बचा सकता। उन्होंने दिग्गी राजा के गढ़ को अपना क्षेत्र बताते हुए कार्यकर्ताओं से विस्तार से चर्चा की।इस दौरान सिंधिया ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेहद करीबी रहे कांग्रेस के पूर्व विधायक मूल सिंह के पुत्र युवा नेता हीरेन्द्र प्रताप सिंह को भाजपा की सदस्यता भी दिलवाई। केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि हीरेन्द्र प्रताप ने प्रधानमंत्री मोदी के मजबूत नेतृत्व, मुख्यमंत्री और भाजपा की नीतियों से प्रभावित होकर राघोगढ़ में 5000 से ज्यादा साथियों के साथ पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है। सिंधिया ने कहा, मैं हीरेन्द्र प्रताप सिंह का विश्व के सबसे बड़े राजनीतिक संगठन में हृदय से स्वागत करता हूँ। मुझे विश्वास है कि आप अपनी ऊर्जा और अपने कार्यों से पार्टी को और मजबूती प्रदान करेंगे।



उल्लेखनीय है कि दिग्गी के गढ़ में पहुंचने के पहले ही केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा था कि मैं अपने क्षेत्र में जा रहा हूं, पहले भी कई बार राघोगढ़ का दौरा कर चुका हूं। भाजपा राष्ट्रवादी विचारधारा पर चलती है, इसलिए जो भी भाजपा की इस विकास की मुख्यधारा से जुड़ना चाहता है उस सभी का यहां स्वागत है। सिंधिया मंत्री बनने के बाद आज पहली बार गुना पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि आज गुना पहुंचने पर नागरिकों और कार्यकताओं ने गर्मजोशी और आत्मीयता से स्वागत किया, जिसके लिए वे हृदय से आभारी हैं।

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