Cervical cancer: महिलाओं के लिए गंभीर खतरा, पहचानें कारण और बचाव के उपाय

Cervical cancer: दुनियाभर में महिलाओं को प्रभावित करने वाले प्रमुख कैंसरों में सर्वाइकल कैंसर तेजी से उभर रहा है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2022 में वैश्विक स्तर पर 6.6 लाख से अधिक महिलाएं इस बीमारी की चपेट में आईं, जिनमें से करीब 3.5 लाख की मौत हो गई। यह आंकड़े न केवल चिंताजनक हैं, बल्कि इस बात की ओर इशारा करते हैं कि समय रहते जागरूकता और बचाव के प्रयास बेहद ज़रूरी हैं।
सर्वाइकल कैंसर दरअसल गर्भाशय के निचले हिस्से, यानी सर्विक्स में शुरू होता है, जो गर्भाशय और योनि को जोड़ने वाला हिस्सा होता है। यह तब होता है जब सर्विक्स की कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं और धीरे-धीरे शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाती हैं। यदि प्रारंभिक चरण में इसका पता न चले, तो यह जानलेवा साबित हो सकता है।
इसके क्या है प्रमुख कारण
इस कैंसर के प्रमुख कारणों में ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) संक्रमण सबसे आम है। यह वायरस यौन संपर्क के माध्यम से फैलता है, और इसके कुछ प्रकार सीधे कैंसर का कारण बन सकते हैं। बार-बार यौन साथियों को बदलना, असुरक्षित यौन संबंध बनाना, और बहुत कम उम्र में यौन जीवन की शुरुआत करना जोखिम को और बढ़ा देते हैं। धूम्रपान करना और लंबे समय तक गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन भी जोखिम कारकों में शामिल हैं।
क्या हैं इसके प्रमुख लक्षण
सर्वाइकल कैंसर के लक्षणों में असामान्य योनि स्राव, यौन संबंधों के बाद रक्तस्राव, मासिक धर्म के बीच अनियमित रक्तस्राव, और पेल्विक दर्द शामिल हो सकते हैं। इन लक्षणों को नजरअंदाज करना बीमारी को और गंभीर बना सकता है।
बचाव के लिए क्या करे
इससे बचाव के लिए HPV वैक्सीन एक प्रभावी उपाय है, जिसे 9 से 26 वर्ष की उम्र में लिया जा सकता है। इसके अलावा, 21 वर्ष की आयु से हर तीन साल में पैप स्मीयर टेस्ट करवाना चाहिए, जिससे कैंसर के शुरुआती संकेत पहचाने जा सकते हैं। यौन संबंधों में सावधानी बरतना, धूम्रपान से दूरी बनाए रखना और निजी अंगों की स्वच्छता बनाए रखना भी आवश्यक है।
सर्वाइकल कैंसर से लड़ाई जागरूकता और समय पर जांच से जीती जा सकती है। महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना और नियमित रूप से जांच कराना आज की सबसे बड़ी जरूरत है।