स्वास्थ्य के लिए बड़ा फायदेमंद है बेलपत्र
हेल्थ डेस्क। बेलपत्र के बिना शिवजी की पूजा अधूरी होती है। बेलपत्र के चढ़ाए जाने से शिवजी अपने भक्तों से बहुत प्रसन्न हो जाते हैं। आज आप चौंक जाएंगे जब आपको यह पता चलेगा कि सिर्फ पूजा मात्र का ही एक साधन माने जाने वाला बेलपत्र आपके स्वास्थ्य के लिए भी बड़ा उपयोगी है। बेलपत्र में प्रोटीन, बीटा-कैरोटीन, थायमीन, कैल्शियम, आयरन, विटामिन ए, विटामिन बी और विटामिन सी आदि कई पोषक तत्व पाएं जाते हैं जो कि बेजान और रूखी त्वचा में चमक लाने में काफी मददगार होते है। आज हम आपको बेलपत्र या इसके रस से होने वाले फायदों और इसे इस्तेमाल करने का तरीका बताएंगे। जिसे अपनाकर आप बालों और स्किन संबधी समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं।
बिल्वपत्र के प्रयोग
- बेल के पत्ते पीसकर गुड़ मिला के गोलियाँ बनाकर खाने से विषमज्वर से रक्षा होती है।
- पत्तों के रस में शहद मिलाकर पीने से इन दिनों में होने वाली सर्दी, खाँसी, बुखार आदि कफजन्य रोगों में लाभ होता है।
- बारिश में दमे के मरीजों की साँस फूलने लगती है। बेल के पत्तों का काढ़ा इसके लिए लाभदायी है।
- बरसात में आँख आने की बीमारी (Conjuctivitis) होने लगती है। बेल के पत्ते पीसकर आँखों पर लेप करने से एवं पत्तों का रस आँखों में डालने से आँखें ठीक हो जाती है।
- कृमि नष्ट करने के लिए पत्तों का रस पीना पर्याप्त है।
- एक चम्मच रस पिलाने से बच्चों के दस्त तुरंत रुक जाते हैं।
- संधिवात में पत्ते गर्म करके बाँधने से सूजन व दर्द में राहत मिलती है।
- बेलपत्र पानी में डालकर स्नान करने से वायु का शमन होता है, सात्त्विकता बढ़ती है।
- बेलपत्र का रस लगाकर आधे घंटे बाद नहाने से शरीर की दुर्गन्ध दूर होती है।
- पत्तों के रस में मिश्री मिलाकर पीने से अम्लपित्त (Acidity) में आराम मिलता है।
- स्त्रियों के अधिक मासिक स्राव व श्वेतस्राव (Leucorrhoea) में बेलपत्र एवं जीरा पीसकर दूध में मिलाकर पीना खूब लाभदायी है। यह प्रयोग पुरुषों में होने वाले धातुस्राव को भी रोकता है।
- तीन बिल्वपत्र व एक काली मिर्च सुबह चबाकर खाने से और साथ में ताड़ासन व पुल-अप्स करने से कद बढ़ता है। नाटे ठिंगने बच्चों के लिए यह प्रयोग आशीर्वादरूप है।
- मधुमेह (डायबिटीज) में ताजे बिल्वपत्र अथवा सूखे पत्तों का चूर्ण खाने से मूत्रशर्करा व मूत्रवेग नियंत्रित होता है।