शरीर में उच्च कोर्टिसोल और तनाव के स्तर के संकेत
जब हम तनावग्रस्त और चिंतित होते हैं, तो कोर्टिसोल हार्मोन रिलीज होता है। थेरेपिस्ट जॉर्जी कोलिन्सन ने लिखा, "कोर्टिसोल का असंतुलन एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन जैसे अन्य हार्मोनों को भी असंतुलित कर सकता है, जिससे मासिक धर्म चक्र और उसके साथ आने वाली पीएमएस चिंता में समस्याएं पैदा हो सकती हैं।" यहां उच्च कोर्टिसोल और तनाव के कुछ संकेत दिए गए हैं। हमें हर समय प्यास लगती है, तब भी जब हम पर्याप्त रूप से हाइड्रेटेड होते हैं और दिन भर में बहुत सारा पानी पीते हैं हम पूरे दिन कुछ न कुछ मीठा या चीनी खाने को तरसते रहते हैं। जब हमारा पेट भर जाता है, तब भी हमें चीनी खाने की इच्छा होती है। हमारा शरीर अन्य हार्मोंन्स की तरह इसका भी निरंतर उत्पादन करता रहता है। यह शरीर के लगभग हर अंग और ऊतक को प्रभावित करता है। तनाव प्रतिक्रिया को नियंत्रित करने के साथ शरीर में फैट, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट के उपयोग, मेटाबालिज्म, नमक और पानी के संतुलन, वजन और स्मृति को भी नियंत्रित करने में इसकी भूमिका होती है।
कोर्टिसोल हार्मोन के बारे में जानिए
कोर्टिसोल हार्मोन एड्रिनल ग्रंथि द्वारा निर्मित होता है। स्वस्थ व्यक्ति में कोर्टिसोल, दिन के अलग-अलग समय पर बढ़ता और घटता रहता है। लाइफस्टाइल और कुछ शारीरिक स्थितियां कोर्टिसोल के स्तर को प्रभावित कर सकती हैं, जैसे हाइपोथायरायडिज्म, संक्रमण और व्यायाम में कमी आदि। अगर आपको लगता है कि कोर्टिसोल का अनियंत्रित स्तर सिर्फ तनाव बढ़ाता है तो यहां आपको यह समझ लेना चाहिए कि इसके शरीर पर और भी कई प्रकार के साइड-इफेक्ट्स होने का जोखिम रहता है। आइए इस बारे में जानते हैं।
बढ़ा हुआ स्तर हृदय के लिए समस्याकारक
जिन लोगों में कोर्टिसोल हार्मोंन का स्तर अक्सर बढ़ा हुआ रहता है, उनमें अन्य लोगों की तुलना में हृदय रोग होने का खतरा भी बढ़ जाता है। असल में तनाव की प्रतिक्रिया में कोर्टिसोल हार्मोन स्रावित होता है। अध्ययनों से पता चलता है कि लंबे समय तक तनाव या कोर्टिसोल का उच्च स्तर बैड कोलेस्ट्राल, ट्राइग्लिसराइड्स, ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर को भी बढ़ा देता है। ये हृदय रोगों के जोखिम कारक हैं।
वजन बढ़ने का भी रहता है खतरा
कोर्टिसोल हार्मोन का बढ़ा हुआ स्तर आपके भीतर मीठे, वसायुक्त और नमकीन खाद्य पदार्थों के खाने की इच्छा को काफी बढ़ा देता है। यही कारण है कि तनावग्रस्त व्यक्ति को इन चीजों की तीव्र इच्छा होती है। इसका मतलब यह भी है कि आप संतुलित भोजन की तुलना में उन चीजों का अधिक सेवन करने लगते हैं, जिनसे शरीर में फैट बढ़ने का खतरा अधिक होता है। इससे कुछ ही समय में आपका वजन तेजी से बढ़ने लगता है। यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि अधिक वजन की समस्या भी कोर्टिसोल के स्तर को बढ़ाने का कारण बन सकती है।