Health News: वीगन लोग दूध को नॉनवेज क्यों मानते हैं? जानिए बड़ी वजह

Health News: आजकल वीगन डाइट तेजी से लोकप्रिय हो रही है, खासकर उन लोगों के बीच जो पर्यावरण और पशु अधिकारों को लेकर जागरूक हैं। यह डाइट केवल मांस, मछली और अंडे से ही नहीं, बल्कि दूध और उससे बने सभी उत्पादों से भी परहेज करती है। लेकिन सवाल यह उठता है कि दूध, जो शाकाहारी माना जाता है, उसे वीगन लोग नॉनवेज क्यों मानते हैं?
डेयरी उद्योग में पशुओं का शोषण
वीगन समुदाय का मानना है कि दूध उत्पादन के लिए जानवरों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता है। गायों और भैंसों को बार-बार गर्भवती किया जाता है ताकि वे लगातार दूध देती रहें। उनके बछड़ों को अक्सर जन्म के तुरंत बाद अलग कर दिया जाता है, जिससे वे अपनी मां का दूध नहीं पी पाते। यह प्रक्रिया पशुओं के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से कष्टदायक होती है।
डेयरी और बूचड़खाने का संबंध
वीगन लोग यह भी मानते हैं कि डेयरी उद्योग अप्रत्यक्ष रूप से मांस उद्योग से जुड़ा हुआ है। जब दूध देने वाली गायें और भैंसें बूढ़ी हो जाती हैं और उनका दूध कम हो जाता है, तो उन्हें अक्सर बूचड़खाने भेज दिया जाता है। इस कारण वीगन लोग दूध को भी पशु शोषण से जुड़ा मानते हैं।
पर्यावरण पर असर
दूध उत्पादन का पर्यावरण पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। बड़ी संख्या में डेयरी फार्म से ग्रीनहाउस गैसें निकलती हैं, जो जलवायु परिवर्तन को बढ़ावा देती हैं। साथ ही, दूध उत्पादन में भारी मात्रा में पानी और प्राकृतिक संसाधनों की खपत होती है, जिससे पर्यावरणीय असंतुलन पैदा होता है।
स्वास्थ्य कारण भी एक वजह
कुछ रिसर्च के अनुसार, ज्यादा डेयरी उत्पादों के सेवन से हार्ट डिजीज, डायबिटीज और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। लैक्टोज इनटॉलरेंस वाले लोगों के लिए भी दूध सही नहीं होता। इसी कारण से कई लोग वीगन डाइट अपनाने लगे हैं।