MP NEWS: यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे के निपटान पर NGT में आज सुनवाई, पीथमपुर में सुरक्षा की मांग

यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे के निपटान पर NGT में आज सुनवाई, पीथमपुर में सुरक्षा की मांग
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यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा पीथमपुर में जलेगा

भोपाल। यूनियन कार्बाइड (Union Carbide) के जहरीले कचरे के निपटान को लेकर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) में आज 15 जनवरी को पहली सुनवाई होगी। जबलपुर के नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की तरफ से अधिवक्ता पीजी नाजपांडेय द्वारा दायर याचिका में मांग की गई है कि सरकार पीथमपुर (Pithampur) में यूनियन कार्बाइड के कचरे के निष्पादन से जुड़े सुरक्षा उपायों का आश्वासन दे। याचिका में यह भी आग्रह किया गया है कि कचरे के निपटान के दौरान आसपास के क्षेत्रों के लोगों को किसी भी प्रकार के खतरे से बचाने के लिए सरकार विशेष ध्यान दे।

उच्च न्यायालय के आदेश पर 1 जनवरी को भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड के कारखाने से लगभग 337 टन जहरीला कचरा 12 कंटेनरों में भरकर पीथमपुर स्थित रामकी कंपनी (Ramky Company) में भेजा गया था। हालांकि, इस कचरे के निष्पादन को लेकर पीथमपुर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। कचरे को जलाने के खिलाफ स्थानीय लोग उग्र हो गए हैं, और विरोध प्रदर्शनों में दो लोग बुरी तरह से झुलस गए थे। इस घटनाक्रम ने स्थिति को और जटिल बना दिया है।

सरकार इस विरोध को शांत करने और लोगों को मनाने की कोशिश कर रही है। अधिवक्ता पीजी नाजपांडेय ने बताया कि याचिका में यह निर्देश देने का आग्रह किया गया है कि सरकार धार जिले के पीथमपुर में लोगों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखें और उन्हें पूरी तरह आश्वस्त करें। इसके अलावा, याचिका में यह भी अनुरोध किया गया है कि कचरे के निपटान की प्रक्रिया से जुड़ी जानकारी हिंदी और अंग्रेजी समाचार पत्रों में प्रकाशित की जाए, ताकि लोगों को सही स्थिति का पता चले और उनकी चिंताओं को दूर किया जा सके।

जहां जहरीला कचरा निष्पादन के लिए भेजा गया है, वह रामकी कंपनी का संयंत्र तारपुरा गांव के पास स्थित है। वहां के ग्रामीणों को इस बात का डर है कि यदि भारी मात्रा में जहरीला कचरा जलाया गया, तो इससे पर्यावरण पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है और उनकी सेहत को भी खतरा हो सकता है।

यह मामला न केवल पर्यावरणीय सुरक्षा से जुड़ा है, बल्कि स्थानीय लोगों की सेहत और उनकी सुरक्षा के लिए भी अहम है, इसलिए इस पर NGT में सुनवाई से यह उम्मीद जताई जा रही है कि, सरकार और अन्य संबंधित अधिकारियों द्वारा ठोस कदम उठाए जाएंगे ताकि किसी भी प्रकार का नुक्सान न हो।


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