Chhattisgarh Liquor Scam: हाई कोर्ट से अनवर ढेबर को फिर लगा झटका, अदालत ने चौथी बार जमानत याचिका खारिज

Anwar Dhebars Bail Plea Rejected
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Anwar Dhebar's Bail Plea Rejected

Anwar Dhebar's Bail Plea Rejected: रायपुर। छत्तीसगढ़ के चर्चित शराब घोटाले के आरोपी अनवर ढेबर को बिलासपुर हाई कोर्ट से एक बार फिर झटका लगा है। दरअसल, हाईकोर्ट के जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा ने अनवर ढेबर की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। बता दें कि, अब तक ढेबर की चौथी जमानत याचिका खारिज हुई है। पहली बार लोवर कोर्ट, दूसरी सुप्रीम बार कोर्ट और दो बार हाईकोर्ट से खारिज हो चुकी है।

हाईकोर्ट ने कहा कि व्यवस्थित भ्रष्टाचार आर्थिक अपराधों को जन्म देता है। आरोपी को जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने टिप्पणी की है कि, उच्चतम अदालत के अनुसार भ्रष्टाचार सिर्फ एक मामला नहीं है, यह दंडनीय अपराध है।

ये है पूरा मामला

कारोबारी अनवर ढेबर के खिलाफ EOW ने साल 2023 के जुलाई महीने में रायपुर निवासी कारोबारी अनवर ढेबर के खिलाफ EOW ने 11 जुलाई 2023 को मामला दर्ज किया। इसमें सह आरोपी अनिल टुटेजा, अरुणपति त्रिपाठी (MD, CSMCL), विकास अग्रवाल, संजय दीवान और अन्य आबकारी अधिकारी शामिल थे।

इन पर आरोप है कि इन सभी ने मिलकर शराब बिक्री से अवैध कमीशन वसूला। इस मामले में धारा 420, 468, 471 और 120B के तहत अपराध दर्ज किया गया। अप्रैल 2024 में सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।

इस मामले में ईडी ने नवंबर 2024 में अलग से अपराध दर्ज किया। आयकर विभाग ने भी उसके परिसरों पर छापामारी की। अनवर ढेबर ने हाईकोर्ट में जमानत के लिए आवेदन किया, जिसे खारिज कर दिया गया। इसके बाद उसने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर की। सुप्रीम कोर्ट ने मामला हाईकोर्ट भेज दिया, जहां जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की बेंच ने सुनवाई की।

हाईकोर्ट ने कहा कि सिंडिकेट ने साजिश के तहत भ्रष्टाचार किया। कोर्ट ने पाया कि कई आरोपियों के बयान दर्ज किए गए, जो शराब सिंडिकेट का हिस्सा थे। शराब के व्यापार में रिश्वत राशि का भुगतान किया गया था।

डिस्टिलर्स, होलोग्राम निर्माताओं, बोतल निर्माताओं, ट्रांसपोर्टरों और उत्पाद शुल्क अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी थी। सिंडिकेट ने साजिश के तहत यह कार्य किया। राज्य में शराब बिक्री से अलग-अलग तरीकों से अवैध वसूली की गई।


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