Sandeep Singh Sidhu: कनाडा के अधिकारी आतंकी हमलों में शालिम, ट्रूडो सरकार को भारत ने भेजी डिटेल्स

India names Canada border police official Sandeep Singh Sidhu in terror case
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India names Canada border police official Sandeep Singh Sidhu in terror case

Canadian officer Involved in Terrorist Activities : भारत और कनाडा के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। अब दिल्ली ने भगोड़े आतंकवादियों की सूची में कनाडाई सीमा सेवा एजेंसी (CBSA) के एक अधिकारी का नाम शामिल किया है। लिस्ट में शामिल आतंकियों को इंडिया कनाडा से निर्वासित (Deport) कराना चाहती है। इंडिया ने इनकी लिस्ट और फोटो ट्रूडो प्रशासन को सौंप दी है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कनाडाई बॉर्डर सर्विस एजेंसी (CBSA) के अधिकारी संदीप सिंह सिद्धू (Sandeep Singh Sidhu) प्रतिबंधित इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन (ISYF) का सदस्य है। उस पर पंजाब में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने का आरोप है।

ISI के साथ संपर्क में था सिद्धू

सिद्धू कथित तौर पर 2020 में बलविंदर सिंह संधू की हत्या को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान के खालिस्तानी आतंकवादी लखबीर सिंह रोडे के साथ-साथ ISI के अन्य लोगों के साथ संपर्क में था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने कहा कि कनाडा का खालिस्तानी गुर्गा सनी टोरंटो और पाकिस्तान का आतंकवादी लखबीर सिंह उर्फ ​​रोडे संधू की हत्या के पीछे के मास्टरमाइंड हैं। हालांकि अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि क्या सनी टोरंटो, संदीप सिंह सिद्धू का ही दूसरा नाम है।

सीबीएसए में सुपरिटेंडेंट पद पर किया था प्रमोट

बलविंदर सिंह संधू को उनकी बहादुरी के लिए शौर्य चक्र से भी सम्मानित किया गया था। इसके अलावा संधू को सिख्स फॉर जस्टिस (SFJ) द्वारा अमेरिका और कनाडा में खालिस्तान जनमत संग्रह का विरोध करने के लिए भी जाना जाता था। रिपोर्ट के अनुसार, संदीप सिंह सिद्धू को कथित तौर पर सीबीएसए में सुपरिटेंडेंट (CBSA Superintendent) के पद पर प्रमोट भी किया गया था।

भारत और कनाडा के रिश्तों में तनाव

खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संभावित संलिप्तता को लेकर पिछले साल सितंबर में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाए। इसके बाद से ही भारत और कनाडा के बीच संबंधों में तनाव आ चुका है। निज्जर की ब्रिटिश कोलंबिया में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हालांकि, भारत ने ट्रूडो के आरोपों को बेतुका करार देते हुए खारिज कर दिया था। भारत ने कनाडा में रह रहे खालिस्तान समर्थकों के प्रति नरम रुख अपनाने को लेकर ट्रूडो सरकार की कई बार आलोचना की है। बता दें कि भारत में खालिस्तानी आंदोलन प्रतिबंधित है लेकिन सिख समुदायों विशेष रूप से कनाडा में उसे समर्थन प्राप्त है।

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