'मिशन गगनयान' पर जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों के नाम का ऐलान, प्रधानमंत्री ने दिए एस्ट्रोनॉट विंग्स

मिशन गगनयान पर जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों के नाम का ऐलान, प्रधानमंत्री ने दिए एस्ट्रोनॉट विंग्स
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प्रधानमंत्री ने गगनयान पर जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों के नाम का ऐलान करते हुए कहा अब टाइम और काउंटडाउन हमारा

नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अध्यक्ष एस सोमनाथ के साथ तिरुवंतपुरम स्थित विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केन्द्र (वीएसएससी) का दौरा किया। उन्होंने भारत की पहली अंतरिक्ष यात्रा में जाने वाले चार यात्रियों को सम्मानित किया।

प्रधानमंत्री ने केन्द्र में लगभग 1800 करोड़ रुपये की तीन महत्वपूर्ण अंतरिक्ष बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन किया। परियोजनाओं में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (श्रीहरिकोटा) में एसएलवी एकीकरण सुविधा (पीआईएफ), महेंद्रगिरि में इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स में नई ‘सेमी-क्रायोजेनिक्स इंटीग्रेटेड इंजन और स्टेज टेस्ट सुविधा’ और वीएसएससी, तिरुवनंतपुरम में ‘ट्राइसोनिक विंड टनल’ शामिल है । इस अवसर पर उन्होंने कहा कि नए कालचक्र में वैश्विक व्यवस्था में भारत अपना अंतरिक्ष लगातार बड़ा बना रहा है और ये हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रम में भी साफ दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि आज हमारा एकमात्र संकल्प और ध्यान हाथ में तिरंगा, अंतरिक्ष और 140 करोड़ देशवासियों का सपना होना चाहिए।

गगनयान मिशन के यात्रियों का ऐलान -


प्रधानमंत्री ने इस दौरान गगनयान मिशन पर भेजे जाने वाले एस्ट्रोनॉट्स के नामों का ऐलान भी किया। उन्होंने अंतरिक्ष यात्रियों को ‘अंतरिक्ष यात्री पंख’ प्रदान किये। गगनयान मिशन पर जाने वाले अंतरिक्ष यात्री में ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला का नाम शामिल हैं।इन चारों की ट्रेनिंग रूस में हुई है।

टाइम भी हमारा काउंटडाउन भी -

अंतरिक्ष यात्रियों को देश की 140 करोड़ जनता की आकांक्षाओं से जोड़ते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अब से कुछ देर पहले देश पहली बार अपने 4 गगनयान यात्रियों से परिचित हुआ। ये 140 करोड़ भारतीयों को अंतरिक्ष में ले जाने वाली 4 शक्तियां हैं। हम सभी आज एक ऐतिहासिक सफर के साक्षी बन रहे हैं। 40 वर्ष के बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष में जाने वाला है लेकिन इस बार टाइम भी हमारा है, काउंटडाउन भी हमारा है और रॉकेट भी हमारा है।

पिछली उपलब्धियों पर गर्व -

वर्तमान पीढ़ी को सौभाग्यशाली बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस पीढ़ी ने जल, थल, नभ और अंतरिक्ष में ऐतिहासिक कार्यों के लिए प्रसिद्धि अर्जित की है। हर देश की विकास यात्रा में कुछ ऐसे क्षण आते हैं जब न केवल वर्तमान बल्कि उसकी आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को भी परिभाषित करते हैं। आज भारत के लिए एक ऐसा ही क्षण है। भारत की अंतरिक्ष यात्रा का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले साल भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर अपना झंडा फहराने वाला दुनिया का पहला देश बना था। आज शिव शक्ति पॉइंट पूरी दुनिया को भारत की ताकत से परिचित करा रहा है।उन्होंने कहा कि यह गर्व का विषय है कि गगनयान में प्रयोग होने वाले ज्यादातर उपकरण ‘मेड इन इंडिया’ है। यह भी सुखद संयोग है कि भारत दुनिया की टॉप 3 इकोनॉमी बनने के लिए उड़ान भर रहा है। उसी समय भारत का गगनयान भी हमारे अंतरिक्ष क्षेत्र को एक नई बुलंदी पर ले जाने वाला है।

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