धीरे- धीरे खिसक रहा है बसपा का जनाधार

धीरे- धीरे खिसक रहा है बसपा का जनाधार
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ग्वालियर। देश की 18 वीं लोकसभा के लिए भले ही चुनाव आयोग ने अभी चुनाव का ऐलान नहीं किया हो, लेकिन राजनीतिक दलों ने मैदान संभाल लिया है। एनडीए और इंडी जहां चुनावी घमासान के लिए अपनी-अपनी बिसात बिछा रहे हैं। वहीं बहुजन समाज पार्टी ने एकला चलो की रणनीति अपनाकर अकेले चुनाव मैदान में उतरने का ऐलान कर अपनी तैयारियां शुरु कर दी हैं। पिछले चुनाव आंकड़ों पर दृष्टिपात करें तो लोकसभा चुनाव के लिए ग्वालियर -चंबल संभाग में बसपा उतनी असरकारक नहीं रही। दिनों -दिन उसका जनाधार खिसकता जा रहा है। लोकसभा चुनाव के लिए बसपा ने किसी भी गठबंधन एनडीए, इंडी से गठबंधन नहीं करने का निर्णय कर अपनी चुनावी बिसात बिछाना शुरू कर दी है। बसपा का यूं तो उत्तर प्रदेश में ही असर रहा है। दूसरे प्रदेशों में वह प्रभावशाली तो नहीं रही, लेकिन यदाकदा कुछ सीटों पर स्थानीय परिस्थितियोंवश मुकाबले को कड़ा बनाने में वह सफल रही है। ग्वालियर-चंबल संभाग में विधानसभा चुनावों में वह अंचल की कुछ सीटों पर जीत का परचम फहरा चुकी है, लेकिन लोकसभा चुनाव वह कभी नहीं जीत सकी है। एक बार फिर लोकसभा चुनाव में वह मैदान में उतरने की तैयारी में है। इस साल अप्रैल-मई में होने जा रहे लोकसभा चुनाव में बसपा का प्रदर्शन कैसा रहेगा, इस पर सभी की निगाहें हैं। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो इस चुनाव में भी बसपा कोई उलटफेर कर पाएगी , इसकी संभावनाएं नग्णय हैं। बॉक्स

विधानसभा में यहां मिले अच्छे वोट

नवंबर में हुए मप्र विधानसभा चुनाव में बसपा अंचल की 34 सीटों में से भले ही कोई सीट नहीं जीत पाई हो, लेकिन कुछ सीटों पर प्रभावी उपस्थिति अवश्य दर्ज कराई थी। श्योपुर- मुरैना संसदीय क्षेत्र की श्योपुर, विजयपुर सीट पर बसपा उम्मीदवार क्रमश: 23054 व 34346 वोट पाने में सफल हुए थे। इन दोनों सीटों पर बसपा ने भाजपा के बागियों पर दांव लगाया था। यह दोनों सीटें कांग्रेस जीतने में सफल रही। बसपा उम्मीदवारों ने मुरैना जिले में सबलगढ़ में 51153, जौरा में 37038, सुमावली में 56500, मुरैना में 37167 व दिमनी में 54676 मत हासिल किए थे। भिण्ड जिले में भिण्ड में 34938 मत , लहार में 31348 मत , मेहगांव में 19506 मत, दतिया जिले के सेवढा़ में 12787 मत , भाण्डेर में 1954 मत व दतिया में 1156 वोट हासिल किए थे। ग्वालियर संसदीय क्षेत्र की 8 विधानसभा सीटों की बात करें तो यहां बसपा का प्रदर्शन निराशाजनक रहा था। ग्वालियर ग्रामीण में 26990मत, ग्वालियर में 1260 मत , ग्वालियर पूर्व में 4226मत, ग्वालियर दक्षिण में 1252 मत, भितरवार में 3792 मत , डबरा में 4437 मत , करैरा में 1799 मत व पोहरी में 37261 वोट बसपा उम्मीदवार को मिले थे। इसी प्रकार गुना संसदीय क्षेत्र में भी बसपा असरहीन रही थी। यहां शिवपुरी में 10703 वोट , पिछोर में 2208 वोट , कोलारस में 24886 वोट , बमौरी में 3496 वोट , गुना में 3468 वोट , अशोकनगर में 3055 वोट , चंदेरी में 5598 वोट व मुंगावली में 15340 वोट बसपा उम्मीदवार को मिले थे।

लोकसभा चुनाव में यह रहा प्रदर्शन

ग्वालियर लोकसभा सीट पर 2019 में बसपा उम्मीदवार ममता कुशवाहा को 44677 मत, वर्ष 2014 में बसपा के आलोक शर्मा को 68169 मत , वर्ष 2009 में अजबसिंह कुशवाहा को 76481 मत, वर्ष 2004 में मदन कुशवाहा को 30405 मत मिले थे। इसी प्रकार वर्ष 1999 में बसपा उम्मीदवार फूलसिंह बरैया को 116678 मत, वर्ष 1998 में फूलसिंह को 136808 वोट मिले थे। जबकि वर्ष 1996 में मप्र विकास कांग्रेस के बैनर तले चुनाव मैदान में उतरे माधवराव सिंधिया के सामने बसपा के फूलसिंह बरैया 113545 वोट हासिल कर दूसरे नबंर पर रहे थे। इस चुनाव में भाजपा ने अपना उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारा था। कांग्रेस के शशिभूषण वाजपेयी को महज 28730 वोट ही मिले थे। मुरैना-श्योपुर लोकसभा सीट पर 2019 में बसपा करतार सिंह भडाऩा ने 129380 मत हासिल किए थे और तीसरे नबंर पर रहे थे। जबकि 2014 में कांग्रेस छोडक़र बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े वृंदावन सिंह सिकरवार 242586 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे थे। इस चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. गोविंद सिंह को 184253 वोट मिले थे। वर्ष 2009 में बसपा के बलवीर दंडोतिया को 142073 मत , वर्ष 2004 में बसपा के प्रीतमचौधरी को 86137 वोट , वर्ष 1999 में बसपा के प्रीतम चौधरी को 103727 मत , वर्ष 1998 में बसपा के प्रीतम चौधरी को 209378 वोट मिले थे और वह इस चुनाव में दूसरे नबंर पर रहे थे। भिण्ड की बात करें तो इस संसदीय सीट पर भी बसपा का प्रदर्शन कोई खास नहीं रहा। वर्ष 2019 में बसपा को यहां 66613 मत, वर्ष 2014 में 33803 मत, 2009 में 60603मत व वर्ष 2004 में 43822वोट मिले थे। वहीं वर्ष 99 में 105157 मत व वर्ष 98में 193774 वोट हासिल किए थे। गुना -शिवपुरी लोकसभा सीट पर मतदाताओं ने बसपा को तवज्जो नहीं दी और उसका प्रदर्शन निराशाजनक ही रहता आया है। यहां वर्ष 2019 में बसपा को 37530 मत, वर्ष 2014 में 27412 मत, वर्ष 2009 में 29167 मत व वर्ष 2004 में बसपा उम्मीदवार को 26380 वोट मिले थे। वर्ष 1998 में बसपा को यहां अच्छे वोट मिले थे और उसके उम्मीदवार प्रकाश ने 117154 वोट हासिल किए थे। इस चुनाव में भाजपा की राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने कांग्रेस के देवेन्द्र सिंह को पराजित किया था।

और अंत में

भाजपा ने ग्वालियर से भारत सिंह कुशवाहा, गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया, भिण्ड - दतिया से संध्या राय व मुरैना से शिवमंगल सिंह तोमर को उम्मीदवार घोषित कर दिया है। कांग्रेस ने सिर्फ भिण्ड-दतिया सीट से फूलसिंह बरैया की उम्मीदवारी घोषित की है। शेष तीन सीटों पर उम्मीदवारों को लेकर वह असमंजस में फंसी हुई है। वहीं बसपा अपनी रणनीति बना रही है। बसपा सुप्रीमो मायावती ही यहां का फैसला लेंगी। अंचल की चारों सीटों मे से किस- किस सीट पर वह उम्मीदवार उतारेगी, यह अभी बसपा के स्थानीय नेता भी नहीं बता पा रहे हैं।

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