सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने बदले केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम, अब कंपनियों को होंगे ये...लाभ

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने बदले केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम, अब कंपनियों को होंगे ये...लाभ
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renewal process is in line with the government's commitment towards ease of doing business

नईदिल्ली। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम, 1994 में संशोधन करते हुए इसकी अधिसूचना जारी की है। इसके तहत मल्टी-सिस्टम ऑपरेटर (एमएसओ) पंजीकरणों के नवीनीकरण के लिए एक प्रक्रिया शुरू की गई है। इसके अलावा अंतिम छोर तक इंटरनेट की पहुंच बढ़ाने के लिए केबल ऑपरेटरों द्वारा ब्रॉडबैंड सेवा प्रदाताओं के साथ बुनियादी ढांचे को साझा करने हेतु नियमों में अनिवार्य प्रावधान शामिल किए गए हैं।

एमएसओ पंजीकरण के लिए संशोधित नियमों की कई विशेषताएं हैं, जिसमें एमएसओ पंजीकरण या पंजीकरण के नवीनीकरण के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के ब्रॉडकास्ट सेवा पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना, एमएसओ पंजीकरण दस वर्षों की अवधि के लिए प्रदान या नवीनीकृत करने, पंजीकरण के नवीनीकरण के लिए भी प्रोसेसिंग शुल्क एक लाख रुपये, पंजीकरण के नवीनीकरण का आवेदन पंजीकरण की समाप्ति से पहले सात से दो महीने की अवधि के भीतर करना शामिल है।

मंत्रालय के अनुसार नवीनीकरण प्रक्रिया कारोबार करने में सुगमता की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप है, क्योंकि यह केबल ऑपरेटरों को अपनी सेवाएं बिना किसी रुकावट के जारी रखने के लिए निश्चितता प्रदान करेगी और इस तरह इस क्षेत्र को विदेशी निवेश के लिए आकर्षक बनाएगी। मंत्रालय ने कहा है कि जिन एमएसओ का पंजीकरण 7 महीने के भीतर समाप्त हो रहा है, उन्हें ब्रॉडकास्ट सेवा पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करना होगा। किसी प्रकार की सहायता की आवश्यकता पड़ने पर पोर्टल पर उपलब्ध हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क किया जा सकता है।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम 1994 के तहत केवल नए एमएसओ पंजीकरण ही प्रदान किए जाते थे। नियमों में एमएसओ पंजीकरण के लिए वैधता की अवधि निर्दिष्ट नहीं की गई थी, न ही ऑनलाइन आवेदन दाखिल करने की अनिवार्यता प्रकट की गई थी। केबल ऑपरेटरों द्वारा ब्रॉडबैंड सेवा प्रदाताओं के साथ बुनियादी ढांचे को साझा करने से संबंधित प्रावधान को शामिल करने से इंटरनेट की पहुंच में वृद्धि और संसाधनों के कुशल उपयोग का दोहरा लाभ मिलेगा। इससे ब्रॉडबैंड सेवाओं के लिए अतिरिक्त बुनियादी ढांचे की आवश्यकता भी कम हो जाएगी।

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