चंद्रयान-3 ने सफलतापूर्वक चंद्रमा की ऑर्बिट में किया प्रवेश
नईदिल्ली। चंद्रयान-3 ने सफलतापूर्वक चंद्रमा की ऑर्बिट में प्रवेश कर लिया है। इसके साथ ही इसरो को इस अभियान में एक और कामयाबी मिली है। अब चंद्रयान-3 चंद्रमा के चारों तरफ 166 km x 18054 किलोमीटर की अंडाकार कक्षा में चक्कर लगाएगा। इसे लूनर ऑर्बिट इंसर्शन (Lunar Orbit Insertion - LOI) भी कहते हैं। चंद्रमा के चारों तरफ पांच ऑर्बिट बदले जाएंगे। इसके बाद 6 अगस्त की रात 11 बजे के आसपास चंद्रयान की ऑर्बिट को 10 से 12 हजार किलोमीटर वाली ऑर्बिट में डाला जाएगा।
आगे का कार्यक्रम
इससे पहले चंद्रयान-3 ने धरती की ऑर्बिट के पांच चक्कर लगाए थे। अब शनिवार से यह चांद के चक्कर लगाता हुआ धीरे-धीरे इसके करीब पहुंचेगा। अगले कुछ दिनों लगातार इसकी ऑर्बिट बदली जाएगी और ये चंद्रमा की धरातल के नजदीक होता जाएगा। इसके बाद अगला बड़ा दिन 17 अगस्त होगा, जब चंद्रयान-3 प्रोपल्शन और लैंडर मॉड्यूल अलग होगा। 18 और 20 अगस्त को डीऑर्बिटिंग होगी। यानी चांद के ऑर्बिट की दूरी को कम किया जाएगा और लैंडर मॉड्यूल 100 x 35 KM के ऑर्बिट में जाएगा। इसके बाद 23 की शाम पांच बजकर 47 मिनट पर चंद्रयान की लैंडिंग कराई जाएगी, जिसका सभी को बेसब्री से इंतजार है।
क्या करेगा चंद्रयान?
इसरो की प्लानिंग के अनुसार सफल लैंडिंग के बाद चंद्रयान-3 का अगला मिशन शुरू होगा। इसका रोवर चंद्रमा की सतह के सैंपल लेगा और अन्य कई परीक्षण करेगा। इसके बाद ये सारा डेटा और तस्वीरें इसरो के वैज्ञानिकों को भेजेगा। इस डेटा का एनालिसिस कर चांद के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी जुटाने की कोशिश होगी। इसरो और देश के लिए ये बड़ी उपलब्धि होगी।