कांग्रेस नेता ने अरविंद केजरीवाल से मांगा इस्तीफा, कहा - 11 साल पुरानी पार्टी ने अनैतिकता की हद पार की

Arvind Kejriwal
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ईडी के समक्ष आज पेश नहीं हुए अरविंद केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले में 6 दिन रिमांड में ईडी की हिरासत में है

नईदिल्ली। लोकसभा चुनाव में आप और कांग्रेस गठबंधन में चुनाव लड़ रही है। इसी के चलते शराब घोटाले में केजरीवाल की गिरफ्तारी का कांग्रेस समेत इंडी गठबंधन के अन्य दल विरोध कर रहे है। इसी बीच पार्टी लाइन और गठबंधन से ऊपर उठकर एक कांग्रेस नेता ने केजरीवाल से इस्तीफा मांग लिया है। महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संजय निरूपम ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए केजरीवाल पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा - भ्रष्टाचर के आरोप में गिरफ्तार होने के बाद कुर्सी से चिपके हुए हो ? केजरीवाल साहब ये कैसी नैतिकता है। आपको तुरंत इस्तीफा देना चाहिए।

संजय निरुपम ने ट्वीट कर लिखा -

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने जीवन के सबसे बड़े संकट से गुजर रहे हैं। इंसानियत के नाते उनके प्रति सहानुभूति है। कॉंग्रेस पार्टी ने भी उन्हें सार्वजनिक रूप से समर्थन दिया है। लेकिन वे भारतीय राजनीति में नैतिकता की जो नई परिभाषा लिख रहे हैं,उसने मुझे यह पोस्ट लिखने के लिए मजबूर कर दिया। एक समय था जब एक हवाला कारोबारी जैन की कथित डायरी में अडवाणी जी,माधवराव सिंधिया और कमलनाथ जैसे नेताओं के नाम आए थे और उनपर रिश्वत लेने के आरोप लगे,तब उन्होंने नैतिकता का तक़ाज़ा देकर तत्काल अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था।

तत्काल अपने पद से इस्तीफा दें केजरीवाल

लाल बहादुर शास्त्री ने एक ट्रेन दुर्घटना पर इस्तीफ़ा दे दिया था। अभी हाल में जब वे इंडिया अगेंस्ट करप्शन का तमाशा पूरे देश को दिखा रहे थे तब #UPA सरकार के मंत्रियों ने भ्रष्टाचार के छिछले आरोपों पर भी अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था। कुछ महीने पहले की बात है,झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गिरफ़्तारी से पहले पद छोड़कर एक नैतिक आचरण पेश किया था। हज़ारों साल पीछे जाएं तो अपने पिता के वचन के लिए राम ने राजपाट त्याग दिया था।जिसके लिए राजपाट छीना गया था,वह कभी भी राजा रामचंद्र के सिंहासन पर नहीं बैठा।बल्कि खड़ाऊँ रखकर तब तक राज चलाया जब तक उनके बड़े भाई राम लौटे नहीं।

11 साल पुरानी पार्टी अनैतिकता का उदाहरण पेश कर रही -

भारत की ऐसी समृद्ध परंपरा रही है। दिल्ली के शराब घोटाले की सच्चाई क्या है,इसका फ़ैसला अदालत को करना है। पर एक मुख्यमंत्री पर इस घोटाले में भ्रष्टाचार का आरोप लगा है।उनकी गिरफ़्तारी हुई है।वे कस्टडी में है और मुख्यमंत्री के पद से अभी तक चिपके हुए हैं?यह कैसी नैतिकता है ? उन्हें तत्काल अपने पद से इस्तीफ़ा देना चाहिए। भारत की राजनीति में महज़ 11 साल पुरानी पार्टी राजनीति के पूरी तरह अनैतिक हो जाने की एक मिसाल पेश कर रही है। हम अपने-अपने राजनीतिक कुनबे के हिसाब से पूरी घटना पर स्टैंड ले रहे हैं,पर ख़तरा यह है कि केजरीवाल जी की अपनी कुरसी से चिपके रहने की ज़िद आगे जाकर भारतीय राजनीति को और खोखली कर देगी। इस ख़तरे को राजनीति से ऊपर उठकर भाँपने की आवश्यकता है।

बता दें की ईडी ने गुरूवार रात अरविंद केजरीवाल को उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया था। इसे बाद कल शुक्रवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने केजरीवाल को 6 दिन की रिमांड पर ईडी को सौंप दिया है। इस मामले में में अब तक मनीष सिसोदिया, के कविता आदि की गिरफ्तारी हो चुकी है।



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