Fertilizer Shortage: खाद की किल्लत! चौंका देंगे ये आंकड़े, किसानों में है खासा नाराजगी
देश में किसानों को डीएपी खाद की कमी के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। डीएपी की कमी से गेहूं के साथ-साथ चना, सरसों और ज्वार की फसलों की बुवाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। यूपी समेत कई राज्यों में डीएपी के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन की खबरें आ रही हैं।
नवंबर में एक एक रिपोर्ट आईं थी जिसने दावा किया गया है कि भारत में रबी फसलों की बुवाई का क्षेत्र 7.4% घटकर 14,606 मिलियन हेक्टेयर (एमएच) रह गया, वहीं पिछले साल यह 15,773 मिलियन हेक्टेयर था. शुरुआती राज्य रिपोर्टों के अनुसार, गेहूं, चना, सरसों और ज्वार की फसल में गिरावट आई है. बता दें रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं की बुवाई में 15.5% की कमी आई है, जो पिछले वर्ष के 4,887 मिलियन हेक्टेयर की तुलना में 4,130 मिलियन हेक्टेयर रह गई है.
केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने एक सवाल के जवाब में 29 अक्टूबर 2024 को लोकसभा में बताया था कि खरीफ 2024 सीजन के दौरान देश में 59.87 लाख मीट्रिक टन डीएपी की आवश्यकता के मुकाबले डीएपी की उपलब्धता 58.08 लाख मीट्रिक टन रही जबकि डीएपी की बिक्री 46.12 लाख मीट्रिक टन रही.
वहीं, चालू रबी 2024-25 सीजन के दौरान 1.10.2024 से 24.11.2024 तक के समय के लिए देश में 31.60 लाख मीट्रिक टन डीएपी की आवश्यकता के मुकाबले डीएपी की उपलब्धता 34.07 लाख मीट्रिक टन रही, जबकि डीएपी की बिक्री 24.23 लाख मीट्रिक टन रही।
हालांकि, फर्टिलाइजर एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से जारी आंकड़ों में कहा गया है कि एक अक्टूबर 2024 तक केवल 16 लाख मीट्रिक टन डीएपी उर्वरक का स्टॉक उपलब्ध था। यह कुल आवश्यकता का केवल 29 प्रतिशत है।