हरियाणा में गड़बड़ा रहे सभी दलों के समीकरण, कांग्रेस तय नहीं कर पा रही उम्मीदवार

हरियाणा में गड़बड़ा रहे सभी दलों के समीकरण, कांग्रेस तय नहीं कर पा रही उम्मीदवार
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हिसार। गर्मी अपने तेवर दिखाने लगी है। सूर्य देवता की तपिश तेज होने के साथ चुभने लगी है। वहीं देश की 18 वीं लोकसभा के चुनाव के लिए राजनीतिक सरगर्मी भी धीरे- धीरे अपने रंग में आ रही है। लोकसभा चुनाव के लिए हरियाणा की 10 सीटों पर राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गईं हैं। भाजपा, कांग्रेस, आप, बसपा, इनेलो और जेजेपी के दफ्तरों में रौनक आ गई है। सभी दलों के नेताओं के दौरे शुरू हो गए हैं। भाजपा ने कुछ सीटों पर उम्मीदवारों का एलान कर दिया है। कांग्रेस में खींचतान चल रही है। आप, बसपा ने एक- एक प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। क्षेत्रीय दल इनेलो व जेजेपी भाजपा - कांग्रेस गठबंधन में अभी पेंडुलम बनी हुई हैं। अभी नामांकन भरने का सिलसिला शुरू होना है। लेकिन सभी दलों के समीकरण अभी गड़बड़ाते नजर आ रहे हैं।

हरियाणा में लोकसभा की 10 सीटों पर 1. 98 करोड़ मतदाता 25 मई को मतदान कर 18 वीं लोकसभा के लिए अपना सांसद चुनेंगे। वर्ष 2019 में भाजपा ने यहां सभी 10 सीटें जीती थीं। जबकि 2014 में भाजपा ने 10 में से 7 सीटें जीती थीं। कांग्रेस को एक व इनेलो को 2 सीट पर जीत नसीब हुई थी। प्रदेश में अभी भाजपा की सरकार है। गत माह ही एंटी इनकंबेंसी की आशंका से भयभीत भाजपा ने यहां मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर को हटाकर कुरुक्षेत्र से सांसद नायब सिंह सैनी को कमान सौंपी है और श्री खट्टर को करनाल से लोकसभा के लिए मैदान में उतारा है। भाजपा के हिसार सांसद बृजेन्द्र सिंह इस्तीफा देकर कांग्रेस का दामन थाम बैठे हैं तो सांसद के पिता और वरिष्ठ नेता वीरेन्द्र सिंह के स्वर भी ठीक नहीं हैं। भाजपा ने अभी यहां किसी क्षेत्रीय दल से समझौता नहीं किया है। कांग्रेस के इंडी गठबंधन ने अपनी सहयोगी आप को एक सीट दी है। बसपा अकेले लड़ेगी और उसने भी एक उम्मीदवार घोषित कर दिया है। क्षेत्रीय दल इनलो व जेजेपी का अभी एनडीए व इंडी गठबंधन से तालमेल नहीं बैठा है। जेजेपी का भाजपा से गठबंधन टूट गया है । इनेलो भाजपा की ओर देख रही है।

भाजपा में अभी तो अपने ही नाराज

भाजपा ने किसी भी क्षेत्रीय दल से तालमेल नहीं कर अभी 6 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। भाजपा ने अभी जिन्हें उम्मीदवार घोषित किया है, उनमें से कुछ वह नेता हैं जो दूसरे दलों से आए हैं। भाजपा के स्थानीय नेता इनकी उम्मीदवारी को पचा नहीं पा रहे और असंतोष के स्वर सामने आ रहे हैं। भाजपा ने करनाल से पूर्व मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर को मैदान में उतारा है। यहां से पिछले चुनाव में भाजपा के संजय भाटिया सांसद चुने गए थे। कुरुक्षेत्र से उद्योगपति और पूर्व सांसद नवीन जिंदल को टिकट दिया है। कोयला घोटाले की छाप उन पर है। वह सुबह कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए और कुछ घंटे बाद ही भाजपा ने उन्हें टिकट दे दिया। वह कुरुक्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर दो मर्तबा सांसद चुने गए और 10 साल से क्षेत्र में सक्रिय नहीं थे।

नवीन जिंदल की मां सावित्री देवी प्रदेश की कांग्रेस सरकार में मंत्री रह चुकी हैं। देश में जब कोरोना का कहर था और आक्सीजन के लिए हाहाकार था तब जिंदल समूह के स्टील प्लांटों से देशभर में टैंकरों से आँक्सीजन की सप्लाई इस परिवार ने कर लाखों लोगों का जीवन बचाने में योगदान दिया था। गुडग़ांव से फिर राव इंद्रजीत सिंह को टिकट दिया है। सिरसा से पूर्व कांग्रेसी और आप छोडक़र आए अशोक तंवर उम्मीदवार बनाए गए हैं। रोहतक से अरविंद शर्मा को टिकट दिया है। वह कांग्रेस से बसपा होते हुए भाजपा में आए हैं। करनाल से कांग्रेस के टिकट पर सांसद रहे हैं।

भिवानी - महेन्द्रगढ़ से सांसद धर्मवीर फिर टिकट पाने में सफल रहे। वह भी 2014 में कांग्रेस से भाजपा में आए थे। भाजपा ने हिसार से चौधरी देवीलाल के परिवारजन रणजीत चौटाला को प्रत्याशी बनाया है। वह पहले इनेलो के नेता थे और अभी निर्दलीय विधायक हैं। हिसार से पिछले चुनाव में भाजपा के टिकट पर सांसद चुने गए बृजेन्द्र सिंह इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। अंबाला से दिवगंत सांसद रतनलाल कटारिया की पत्नी बंतो कटारिया को उम्मीदवार बनाया है।

कांग्रेस तय नहीं कर पा रही उम्मीदवार

हरियाणा में पिछले दो लोकसभा चुनाव में बुरी तरह पराजित कांग्रेस अभी भी गुटबाजी के फेर में फंसी है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, कु. शैलजा, रणदीप सुरजेवाला व किरण चौधरी के बीच टिकटों को लेकर घमासान मचा है। एक तरफ भूपेन्द्र सिंह हुड्डा हैं तो दूसरी तरफ एसआरके की तिकडी़। कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठकों में 3 सीटों पर फिलहाल सहमति नजर आ रही है। रोहतक से दीपेन्द्र सिंह हुड्डा, सिरसा सेकु. शैलजा व फरीदाबाद से विजयप्रताप सिंह की उम्मीदवारी पर सभी सहमत हैं। जबकि शेष सीटों पर घमासान है। गुरुग्राम से राज बब्बर, अजय सिंह यादव, महेन्द्रगढ़ से श्रुति चौधरी, रावदीन सिंह भिवानी, हिसार से जयप्रकाश, रामनिवास धोड़ेला, चंद्रमोहन विश्नोई, सोनीपत से हिसार के पूर्व सांसद बृजेन्द्र सिंह , चाणक्य पंडित, करनाल से सतपाल ब्रह्मचारी, कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव वीरेन्द्र सिंह राठौर , अंबाला से गुलाना विधायक बरुण चौधरी, विधायक रेणुवाला, उदितराज की भी दावेदारी है। कांग्रेस में आपसी खींचतान के चलते स्क्रीनिंग कमेटी 9 अप्रैल को फिर मंथन करेगी। बॉक्स

आप व बसपा भी मैदान में

कांग्रेस व आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन के तहत आप को कुरुक्षेत्र सीट मिली है। आप ने अपने पूर्व राज्यसभा सदस्य सुशील गुप्ता को मैदान में उतार दिया है। वहीं बसपा ने करनाल से इंद्रजीत सिंह नवजोत को उम्मीदवार घोषित कर दिया है।बसपा यहां लगभग सभी सीटों पर चुनाव लडऩे की तैयारी में है। कुछ और उम्मीदवार वह जल्द घोषित करेगी।

इनेलो व जेजेपी भटक रहीं

हरियाणा में प्रमुख क्षेत्रीय दल इनेलो व जेजेपी भी चुनाव मैदान में नजर आएंगी। जेजेपी अभी कुछ समय पूर्व तक भाजपा के साथ थी। वह भाजपा से दो सीटें हिसार व भिवानी मांग रही थी। लेकिन भाजपा से तवज्जो नहीं मिली तो उसका साथ छोड़ अब कांग्रेस से तालमेल को लालायित है। कांग्रेस से भी वह हिसार व भिवानी सीट मांग रही है। लेकिन भूपेन्द्र सिंह हुड्डा जेजेपी से गठबंधन के पक्ष में नहीं हैं। इसी प्रकार इनेलो ने अपनी दम पर चुनाव लडऩे का एलान कर दिया है। इनेलो के नए अध्यक्ष रामपाल माजरा पार्टी को एकजुट कर चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में जुटे हैं। अभी इनेलो किसी के टिकट को फायनल नहीं कर पाई है।

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