17 साल बाद इंसाफ: जयपुर सीरियल बम ब्लास्ट मामले में चारों आरोपियों को सजा, कोर्ट ने कहा - हमला देश की अखंडता पर प्रहार

Jaipur Serial Bomb Blast Case : राजस्थान। जयपुर की एक विशेष अदालत ने 2008 के जयपुर सीरियल बम ब्लास्ट मामले में सभी चार आरोपियों शाहबाज हुसैन, सरवर आज़मी, मोहम्मद सैफ और सैफुर्रहमान को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
विशेष लोक अभियोजक सागर तिवारी ने बताया, "अदालत ने सभी चार आरोपियों मोहम्मद सरवर, सैफुर्रहमान, सैफ और शाहबाज को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने कहा है कि यह घटना केवल एक व्यक्ति विशेष को प्रभावित नहीं करती है, बल्कि यह देश की संप्रभुता और अखंडता पर हमला है। दूसरे पक्ष ने मांग की कि पुराने जुड़े मामलों में दी गई सजा को अब सेट ऑफ किया जाना चाहिए लेकिन हमने अदालत को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बारे में बताया कि ऐसे मामलों में सेट ऑफ का प्रावधान लागू नहीं होता है।"
अदालत ने सैफुर्रहमान, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सरवर आज़मी और शाहबाज़ अहमद को भारतीय दंड संहिता, गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया। इन धाराओं में अधिकतम आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है।
13 मई, 2008 को जयपुर में विभिन्न स्थानों पर आठ बम विस्फोट हुए थे जिसमें 71 लोगों की जान चली गई थी। चांदपोल बाजार में एक मंदिर के पास भी एक बम मिला था। बाद में बम को निष्क्रिय कर दिया गया था।
जयपुर बम धमाकों से जुड़े आठ अन्य मामलों में उन्हीं आरोपियों को मौत की सजा सुनाई गई थी, लेकिन राजस्थान उच्च न्यायालय ने मार्च 2023 में सभी को बरी कर दिया। उच्च न्यायालय ने आरोपियों को बरी करने के अपने आदेश में जांच में कमियों की ओर इशारा किया था। सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए सर्वोच्च न्यायालय में अपील दायर की है, जिस पर अभी फैसला आना बाकी है।
अभियोजन पक्ष ने 112 गवाहों के बयान दर्ज किए हैं और अदालत में लगभग 1,200 दस्तावेज पेश किए गए थे।