अक्टूबर में Gaganyaan Mission के पहले एबार्ट टेस्ट की तैयारी, Airforce की मदद से लॉन्च व्हिकल का परीक्षण
Gaganyaan Mission
बेंगलुरु। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अंतरिक्ष मिशन 'गगनयान' के तहत इस महीने के अंत तक कू्र एस्केप सिस्टम का इनफ्लाइट एबार्ट टेस्ट करने की योजना बनाई है। यह परीक्षण वाहन का उपयोग करके किया जाएगा। इसका उद्देश्य गगनयान मिशन के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। गगनयान मिशन के तहत तीन अंतरिक्ष यात्रियों के दल को तीन दिवसीय मिशन के लिए 400 किमी की कक्षा में ले जाया जाएगा। इसके बाद उन्हें सुरक्षित पृथ्वी पर वापस लाकर भारत मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता का प्रदर्शन करेगा। लॉन्च व्हिकल का सफल परीक्षण इधर, इसरो ने भारतीय वायु सेना के साथ लॉन्च व्हिकल का सफल परीक्षण किया। इस परीक्षण से गगनयान अपने मिशन की ओर एक कदम और आगे बढ़ गया। साथ ही गगनयान में शामिल होने वाले अंतरिक्ष यात्रियों का प्रशिक्षण जारी है।
विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) के निदेशक एस. उन्नीकृष्णन नायर ने गुरुवार को कहा, तैयारियां चल रही हैं। प्रक्षेपण के लिए श्रीहरिकोटा में अंतिम असेंबली चल रही है। हम अक्टूबर के अंत तक प्रक्षेपण के लिए तैयार हो रहे हैं। हम अक्टूबर के अंततक प्रक्षेपण के लिए तैयार हैं। वीएसएससी अंतरिक्ष विभाग के तहत इसरो का प्रमुख केंद्र है। कैसे काम करेगा गगनयान मिशन? इसरो अधिकारियों के अनुसार गगनयान मिशन में क्रू एस्केप सिस्टम महत्वपूर्ण है। इस महीने परीक्षण वाहन टीवी-डी1 का प्रक्षेपण गगनयान कार्यक्रम के चार एबार्ट मिशनों में से पहला होगा। इसके बाद दूसरा परीक्षण वाहन टीवी-डी2 मिशन और और गगनयान (एलवीएम3-जी1) का पहला मानवरहित मिशन लांच किया जाएगा। इसके बाद परीक्षण वाहन मिशन (टीवी-डी3 और डी4) और रोबोटिक पेलोड के साथ एलवीएम3-जी2 मिशन की योजना है। उन्होंने कहा कि इन परीक्षणों के परिणामों के आधार पर अंतरिक्षयात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने का निर्णय लिया जाएगा। परीक्षण वाहन एकल-चरण वाला राकेट है, जो तरल प्रापल्सन पर आधारित है। इसका उपयोग अंतरिक्ष पर्यटन सहित कई उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।