राज्यसभा में जयंत चौधरी विपक्ष का खेमा छोड़ सत्ता पक्ष के साथ बैठे, बताया ये...कारण
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नईदिल्ली। रालोद नेता जयंत चौधरी के भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल होने की अटकलों के बीच आज राज्यसभा में वे सत्ता पक्ष में बैठे नजर आएं। इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने के एलान पर सरकार को धन्यवाद देते हुए उन्होंने भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की।
जयंत चौधरी ने राज्यसभा में कहा कि चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न से सम्मानित करने का फैसला बहुत बड़ा फैसला है। कल इस घोषणा के बाद लोगों ने दिवाली मनाई। कल किसानों ने सीपी में मिठाइयां बांटी। इससे यही पता चलता है कि यह फैसला सिर्फ उनके परिवार तक ही सीमित नहीं था, बल्कि किसानों को मजबूत करने वाला फैसला है। उन्होंने कहा कि 10 साल मैं विपक्ष में रहा हूं। कुछ ही देर के लिए मैं इस तरफ बैठा हूं, लेकिन मैंने देखा है कि 10 साल में जो आज सरकार है इनकी कार्यशैली में भी चौधरी चरण सिंह के विचारों की झलक है। जब प्रधानमंत्री ग्रामीण क्षेत्रों में शौच की व्यवस्थाओं पर प्रकाश डालते हैं, जब महिला सशक्तिकरण को सरकार अपना प्लेटफॉर्म बनाती है और गांव में जागृति पैदा करती है तो मुझे उसमें चौधरी चरण सिंह की बोली याद आती है।
खरगे ने जयंत को बोलने से रोका -
जयंत चौधरी के संबोधन के बीच कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने उन्हें बोलने से रोका तब राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ और खरगे के बीच बहस हो गई। सभापति ने कहा यह बेहद दुखद है कि जब जयंत पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह पर बोल रहे थे तभी नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे खड़े हो गए और जयंत को बोलने से रोकने की कोशिश की और आसन पर भी सवाल खड़े किए।उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज वह आसन पर थे, सदन में चौधरी चरण सिंह पर जयंत को बोलने से रोका गया। आज वह इतने आहत हैं कि उनके मन में पद त्याग देने का भी विचार आया। चौधरी चरण सिंह को किसी दल से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। वह देश के किसानों, युवाओं और गरीबों के मसीहा थे। धनखड़ ने कहा, "मुझे खेद है कि आज कुछ सदस्यों के कारण हम उन्हें समुचित सम्मान नहीं दे पाए।