लालकृष्ण आडवाणी को मिला भारत रत्न, राष्ट्र्पति मुर्मू ने घर जाकर किया सम्मानित

नईदिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को उनके आवास पर जाकर भारत रत्न से सम्मानित किया। इस अवसर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी उपस्थित रहे।
राष्ट्रपति कार्यालय से सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी गई। इसके अनुसार राष्ट्रपति ने लालकृष्ण आडवाणी को उनके आवास पर जाकर भारत रत्न प्रदान किया। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह और आडवाणी के परिवार के सदस्य उपस्थित थे। एक दिन पहले यानी शनिवार को राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति भवन में दो पूर्व प्रधानमंत्रियों चौधरी चरण सिंह एवं पीवी नरसिम्हा राव और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर एवं वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया। इन विभूतियों के स्वजनों ने राष्ट्रपति से भारत रत्न सम्मान प्राप्त किया।
आडवाणी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और नानाजी देशमुख के बाद ये सम्मान पाने वाले भाजपा एवं संघ परिवार से जुड़े तीसरे व्यक्ति हैं। आडवाणी ने सात दशक से अधिक समय तक अटूट समर्पण और असाधारण कौशल के साथ देश की सेवा की है। वर्ष 1927 में कराची में जन्मे आडवाणी 1947 में विभाजन की पृष्ठभूमि में भारत चले आए। सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के अपने दृष्टिकोण के साथ उन्होंने पूरे देश में दशकों तक कड़ी मेहनत की और सामाजिक-राजनीतिक परिदृश्य में परिवर्तन किया।
एक सांसद के रूप में संवाद पर उनकी आस्था ने संसदीय परंपराओं को समृद्ध किया। गृह मंत्री तथा उप प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने सदैव राष्ट्र हित को सर्वोपरि रखा, जिससे उन्हें दलगत सीमाओं से परे जा कर लोगों ने सम्मान और प्रशंसा प्रदान की। भारत के सांस्कृतिक पुनरुत्थान के लिए उनके लंबे और अथक संघर्ष की परिणति 2024 में अयोध्या में श्रीराम मंदिर के पुनर्निर्माण के रूप में हुई। वे स्वतंत्रता के बाद के उन गिने-चुने राजनीतिक नेताओं में हैं जो राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को नया स्वरूप देने और देश को विकास-पथ पर आगे ले जाने में सफल रहे। उनकी उपलब्धियां भारत की सहज प्रतिभा और समावेशी परंपराओं को सर्वोत्तम अभिव्यक्ति प्रदान करती हैं।