I.N.D.I.A गठबंधन की बैठक में ममता बनर्जी ने मल्लिकार्जुन को PM उम्मीदवार बनाने का प्रस्ताव दिया, केजरीवाल ने सहमति जताई

I.N.D.I.A गठबंधन की बैठक में ममता बनर्जी ने मल्लिकार्जुन को PM उम्मीदवार बनाने का प्रस्ताव दिया, केजरीवाल ने सहमति जताई
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I.N.D.I.A गठबंधन 31 दिसंबर तक करेगा सीट शेयर पर फैसला

नईदिल्ली। आगामी लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को हराने के लिए बने I.N.D.I.A गठबंधन के नेताओं की आज बैठक हुई। जिसमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री पद के चेहरे के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम का सुझाव रखा। अरविंद केजरीवाल ने इसका समर्थन किया। हालांकि खरगे ने इस पर कहा है कि पहले चुनाव जीतेंगे, फिर देखेंगे।

दिल्ली के अशोका होटल में आज मंगलवार को हुई बैठक में 28 दलों के दिग्गज नेताओं ने भाग लिया। बैठक में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सपा नेता अखिलेश यादव, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और रालोद से जयंत चौधरी भी मौजूद रहे। इस बैठक में लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति, सीट शेयरिंग और ईवीएम पर चर्चा हुई।

बैठक के बाद मरूमलारची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम) के सांसद वाइको ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री पद के चेहरे के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम का सुझाव रखा। अरविंद केजरीवाल ने इसका समर्थन किया।वहीँ इस मामले में जब मल्लिकार्जुन खरगे से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि पहले हम सभी को लोगों को जीतकर आना है, पहले इस पर विचार करना होगा। इस पर काम करेंगे। अगर हमारे पास सांसद नहीं होंगे तो पीएम फेस के बारे में बात करके हम क्या करेंगे।

22 दिसंबर से आंदोलन -

खरगे ने संसद से निलंबित सांसदों के मुद्दे पर कहा कि लोकतंत्र को बचाने के लिए हमें लड़ाई लड़नी होगी। मोदी सरकार ने जिन 141 सांसदों को सस्पेंड किया है, इसे लेकर हम सरकार के खिलाफ लड़ेंगे। उन्होंने बताया कि 22 दिसंबर को देश भर में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन होंगे। वहीँ सीट शेयरिंग पर कहा कि इसमें तय किया गया कि 31 दिसंबर तक सीट बंटवारा कर दिया जाएगा। माना जा रहा है कि 31 जनवरी के बाद से गठबंधन की रैलियां आयोजित की जाएंगी।

देश भर में बैठकें -

खरगे में आगे कहा कि बैठक में नेताओं ने अपने विचार गठबंधन के सामने रखे। लोगों के हित में सबको मिलकर अपना काम करना है या मुद्दे को उठाना है। पूरे देश में कम से कम 8-10 बैठकें करने का फैसला हुआ है।उन्होंने कहा कि यदि गठबंधन में किसी तरह की परेशानी आएगी तो गठबंधन के नेता ही मामले को सुलझाएंगे।

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