राहुल के दौरे से बढ़ गया मणिपुर का राजनीतिक पारा, मुख्यमंत्री बिरेन सिंह ने पेश किया इस्तीफा, जानिए फुटबॉलर से मुख्यमंत्री बनने तक का सफर
नईदिल्ली। राहुल गांधी के मणिपुर दौरे के बाद देश का सियासी पारा गरमा गया है। मणिपुर में हो रहा जातीय संघर्ष को विपक्ष ने प्रदेश सरकार की असफलता बताई, जिसमे 100 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और हज़ारों लोगों ने पलायन किया है। विपक्ष ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह के इस्तीफे की मांग की। मणिपुर के बिगड़ते हालात को लेकर केंद्र सरकार पर विपक्ष लगातार हमलावार है।
24 जून को गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में सर्वदलीय बैठक बुलाई गयी थी जब प्रधानमंत्री अमेरिका और मिस्र दौरे पर थे इसको लेकर विपक्ष ने सवाल किया है की प्रधानमंत्री की गैर मौजूगदी में सर्वदलीय बैठक का क्या मतलब है ? मणिपुर पर हुई सर्वदलीय बैठक के अगले दिन ही एन बिरेन सिंह गृहमंत्री अमित शाह से मिले थे और रिपोर्ट में दवा किया गया की बैठक में बिरेन सिंह ने साफ़ कर दिया की अगर जरूरत पड़ी तो वह इस्तीफा देने को भी तैयार है लेकिन हाल फिलहाल मुख्यमंत्री अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे। उन्होंने ट्वीट कर अपने इस फैसले का एलान किया। उन्होंने लिखा, 'इस अहम मोड़ पर मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दूंगा।' मणिपुर के विधायकों ने भी बीते दिनों प्रधानमंत्री कार्यालय में ज्ञापन सौप दिया था जिसमे प्रदेश नेतृत्व को लेकर सवाल उठाये थे, दावा किया था की मुखयमंत्री और प्रदेश सरकार जनता के बीच अपना भरोसा खो चुके है और वहीं राहुल गाँधी आज प्रदेश के राजपाल से मिले और शांति की अपील की।
आईये जानते है कुछ बिंदुओं की आखिर है कौन मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह ?
- एन. बीरेन सिंह का जन्म 1961 में मणिपुर के लुवानसांगबाम ममांग लीकाई में एक हिंदू परिवार में हुआ था।
- उनका बचपन से ही फुटबॉल के तरफ काफी रुझान था।
- उन्होंने शुरुआत में फुटबॉल को अपने करियर के तौर पर चुना। फुटबॉल में पारंगत होने की वजह से उनको 18 साल की उम्र में ही सीमा सुरक्षा बल
- (बीएसएफ) की फुटबॉल टीम में चुन लिया गया।
- राज्य के बाहर खेलने वाले मणिपुर के लिए वह पहले खिलाड़ी थे।
- स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद मणिपुर यूनिवर्सिटी से ही ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की थी। उनके पास पत्रकारिता में डिप्लोमा है।
- अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत वर्ष 2002 में क्षेत्रीय पार्टी डेमोक्रेटिक पीपुल्स पार्टी (डीपीपी) से की। । वे राज्य की हेनगांग विधानसभा सीट से
- विधायक चुने गए। वर्ष 2004 के चुनाव से पूर्व इस पार्टी का विलय कांग्रेस में हो गया था।
- 2007, 2012 तक कांग्रेस तक जुड़े रहे, अक्टूबर, 2016 में वे कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए।
- 2017 में मणिपुर के मुख्यमंत्री का पद मिला और वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में वे लगातार पांचवीं बार हिंगांग सीट से चुने गए हैं।