मराठा आरक्षण आंदोलन खत्म, मनोज जरांगे ने मुख्यमंत्री शिंदे के हाथों जूस पीकर खत्म की भूख हड़ताल
मुंबई। मराठा नेता मनोज जारांगे ने शनिवार को मुख्यमंत्री के हाथों जूस पीकर भूख हड़ताल खत्म करने का ऐलान किया। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस मौके पर कहा कि जब तक मराठा समाज को अलग से आरक्षण नहीं मिल जाता, तब तक मराठा समाज को ओबीसी को दी जाने वाली सभी सुविधाएं दी जाएंगी। साथ ही राज्य सरकार ने मनोज जारांगे पाटिल की सभी मांगें मान लीं।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे शनिवार को खुद नवी मुंबई में जाकर मराठा नेता मराठा नेता मनोज जारांगे से मुलाकात की और उन्हें सरकारी आदेश की कॉपी सौंपी । इस सरकारी आदेश में कहा गया है कि जिन मराठा समाज के लोगों को कुनबी प्रमाण पत्र दिया गया है, उनके रिश्तेदारों को भी कुनबी जाति का प्रमाण पत्र दिया जाएगा।
सरकारी आदेश में लिखा है कि आवेदक के पिता, दादा, परदादा और पिछली पीढ़ी में अंतरजातीय विवाह के माध्यम से पूर्व रिश्तेदारों को कुनबी प्रमाण पत्र दिया जाएगा। कुनबी पंजीकरण प्राप्त नागरिकों के चाचा, भतीजे, चचेरे भाई और चचेरे भाई ऐसे रिश्तेदार या चचेरे भाई हैं, यदि आवेदक साक्ष्य के रूप में ऐसा शपथ पत्र प्रदान करता है और उन रिश्तेदारों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र तुरंत जारी किया जाएगा। यदि कुनबी जाति के पंजीकृत नागरिकों के रक्त संबंध का प्रमाण पाया जाता है तो पंजीकृत नागरिकों के रक्त संबंधों के सदस्यों के शपथ पत्र लिए जाएंगे और महाराष्ट्र अनुसूचित जाति, विमुक्त जाति, घुमंतू जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और विशेष पिछड़ा वर्ग के अनुसार तुरंत सत्यापन किया जाएगा।
जाति प्रमाण पत्र जारी करने और उसके सत्यापन का विनियमन नियम, 2012, प्रमाण पत्र जारी किए जा सकते हैं। जिन मराठा व्यक्तियों के कुनबी रिकॉर्ड पाए गए हैं, वे सभी मराठा समाज में पारंपरिक रूप से विवाह करते हैं लेकिन रिश्तेदारों का मतलब आम तौर पर पितृवंशीय रिश्तेदारों से लिया जाता है और यदि सबूत प्रदान किया जाता है कि जो विवाह होते हैं सगोत्रीय होते हैं। इन लोगों को भी कुनबी प्रमाण पत्र जांच के बाद जारी किया जाएगा। राज्य के भीतर कुनबी-पंजीकृत नागरिकों के सगोत्र विवाह के सजातीय पति-पत्नी जाति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कर सकते हैं लेकिन इस प्रावधान का दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए, इसलिए उक्त विवाह के सगोत्र विवाह का प्रमाण और घरेलू जांच पर ऐसा प्रमाण प्राप्त करना भी आवश्यक होगा और यदि ऐसा है समाधान कर उन्हें भी कुनबी जाति प्रमाण पत्र दिया जा सकता है।
उक्त अधिसूचना अनुसूचित जाति, विमुक्त जाति, घुमंतू जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं विशेष पिछड़ा वर्ग पर लागू रहेगी। सत्यापन समिति के निर्णय की सत्यापित प्रति और/या आवेदक के सजातीय पिता या पहले चचेरे भाई या सजातीय या सजातीय माता-पिता के किसी अन्य रिश्तेदार का वैधता प्रमाण पत्र, यदि आवेदक के पास रिश्तेदारों के अनुसार दस्तावेज हैं, ऐसे लोगों को भी कुनबी प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज की कसम लेकर मराठा समाज को जो आश्वासन दिया था, उसे पूरा किया है। इसके बाद मनोज जारांगे ने कहा कि अगर उन्हें आज जो आश्वासन दिया गया है, उसमें कोई हेरफेर किया गया तो वे फिर से भूख हड़ताल के लिए बाध्य होंगे।मौके पर मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा, मंत्री गिरीश महाजन और विधायक संजय शिरसात उपस्थित थे।