मणिपुर में नहीं थम रही हिंसा, उपद्रवियों ने की फायरिंग, सेना का जवान घायल

मणिपुर में नहीं थम रही हिंसा, उपद्रवियों ने की फायरिंग, सेना का जवान घायल
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मुख्यमंत्री एन बीरेन ने जोरामथांगा से की फोन पर बात

इंफाल/वेबडेस्क। मणिपुर में जारी हिंसा को एक माह से अधिक समय बीत गया है लेकिन शांति बहाली की कोई गुंजाइश अब तक नजर नहीं आ रही है। केंद्र और राज्य सरकार के प्रयासों के बावजूद राज्य में कानून व्यवस्था ठप हो गई है। उपद्रवी आमजनों के साथ भाजपा के नेताओं और मंत्रियों को निशाना बना रहे है। बीती रात मणिपुर के कांटो संबल और चिंगमंग गांव में जमकर गोलीबारी की गई। जिसमें भारतीय सेना का एक जवान घायल हो गया। वहीं, कांटो संबल में पांच घरों में भी उग्रवादियों ने आग लगा दी।

घटना लीमाखोंग (चिंगमांग) से सटे कांट सबल गांव में रविवार रात करीब 11 बजकर 45 मिनट पर हुई। सूत्रों के अनुसार गांव में पेट्रोलिंग कर रही सेना की टीम पर कुछ हथियारबंद बदमाशों ने फायरिंग कर दी। घायल सेना के जवान को लीमाखोंग के सैन्य अस्पताल में ले जाया गया। हालांकि, उनकी शारीरिक स्थिति स्थिर है।घटना के बाद प्रभावित क्षेत्र में अतिरिक्त भारतीय सेना और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है। बदमाशों को पकड़ने के लिए संयुक्त अभियान चलाया जा रहा है।

मिजोरम से मांगी मदद -

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने मुख्यमंत्री जोरामथांगा से मिजोरम में आश्रय लिये कुकी लोगों के साथ सुरक्षा, पर्याप्त स्वास्थ्य और खाद्य सेवाओं के साथ-साथ शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व सुनिश्चित करने की अपील की है।मणिपुर में जारी हिंसा के कारण राज्य के मैतेई और कुकी समुदायों के 20 हजार से अधिक लोगों ने मिजोरम में शरण ली है। इसलिए मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार की दोपहर मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगा से बात की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मिजोरम में दोनों परस्पर विरोधी समुदायों के लोग सद्भाव से रहें।

जोरामथांगा ने वादा किया

एक सरकारी सूत्र ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथांगा ने क्षेत्र में मणिपुर से आए शरणार्थियों के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व को बनाए रखने का वादा किया है। इस बीच, अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक पोस्ट में मुख्यमंत्री जोरामथांगा ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के साथ अपनी बातचीत का विवरण दिया। मणिपुर के मुख्यमंत्री से जोरामथांगा ने वादा किया है कि वह मणिपुर में उत्पन्न होने वाले मुद्दों को हल करने और शांतिपूर्ण माहौल सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक सहयोग और कदम उठाएंगे।

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