राहुल गांधी की फिर बढ़ेगी मुसीबत, संसद सदस्यता बहाल करने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
नईदिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल करने के आदेश को चुनौती देने वाली एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है। याचिका लखनऊ के वकील अशोक पांडेय ने दायर की है।याचिका में कहा गया है कि जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा 8(3) और संविधान के अनुच्छेद 102 और 191 के तहत एक बार अगर कोई संसद का सदस्य सदस्यता खो देता है तो बिना आरोपों से बरी हुए उसकी सदस्यता बहाल नहीं हो सकती है।
सीट खाली घोषित करने की मांग -
याचिका में मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट निर्वाचन आयोग को निर्देश जारी करे कि वो राहुल गांधी की सीट को खाली घोषित करे और वायनाड लोकसभा सीट पर चुनाव कराए। याचिका में कहा गया है कि अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 389 के मुताबिक अपीलीय कोर्ट को केवल सजा पर रोक का अधिकार है न कि दोषसिद्धि पर रोक का अधिकार।
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक -
गौरतलब है कि मोदी सरनेम वाले मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 4 अगस्त को राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद लोकसभा सचिवालय ने 7 अगस्त को राहुल गांधी की सदस्यता बहाल कर दी थी।
4 अगस्त को जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था कि निचली अदालत ने अधिकतम सजा देकर गलती की है। सुप्रीम ने कहा था कि इस केस में अधिकतम सजा (2 साल) होने के चलते राहुल की सदस्यता गई, पर निचली अदालत के जज ने फैसले में ये साफ नहीं किया कि अधिकतम सजा तय करने की वजह क्या है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि क्या ये बात विचार योग्य नहीं है कि इस फैसले के चलते (अधिकतम सजा होने के चलते) एक सीट बिना प्रतिनिधित्व के रह जाएगी। ये सिर्फ एक ही व्यक्ति के अधिकार तक सीमित रहने वाला मामला नहीं है, ये उस सीट के वोटरों के अधिकार से भी जुड़ा मसला है।