राजस्थान दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी, कहा - हमारी सरकार किसानों को यूरिया की कीमत से परेशान नहीं होने देगी
सीकर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि केंद्र की सरकार किसानों के दर्द और जरूरतों को समझती है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार यूरिया की कीमतों से हमारे किसानों को परेशान नहीं होने देगी।प्रधानमंत्री ने आज राजस्थान के सीकर में विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया और राष्ट्र को समर्पित किया। परियोजनाओं में 1.25 लाख से अधिक पीएम किसान समृद्धि केंद्रों (पीएमकेएसके) को राष्ट्र को समर्पित करना, सल्फर से लेपित यूरिया की एक नई किस्म यूरिया गोल्ड को लॉन्च करना, ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) पर 1600 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को शामिल करना, 8.5 करोड़ लाभार्थियों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के तहत लगभग 17,000 करोड़ रुपये की 14वीं किस्त जारी करना, चित्तौड़गढ़, धौलपुर, सिरोही, सीकर और श्री गंगानगर में 05 नए मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन, बारां, बूंदी, करौली, झुंझुनू, सवाई माधोपुर, जैसलमेर और टोंक में 07 मेडिकल कॉलेजों की आधारशिला रखना और उदयपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ और डूंगरपुर जिलों में स्थित 06 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों और केंद्रीय विद्यालय तिवरी, जोधपुर का उद्घाटन करना शामिल।
कार्यक्रम स्थल पर सभा को संबोधित करते हुए शेखावाटी की वीर भूमि से विभिन्न विकास कार्यक्रमों की शुरुआत करने का अवसर मिलने के लिए आभार व्यक्त किया। सीकर और शेखावाटी क्षेत्रों के किसानों के महत्व को ध्यान में रखते हुए, प्रधानमंत्री ने इलाके की कठिनाइयों के बावजूद उनकी कड़ी मेहनत को नमन किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र की मौजूदा सरकार किसानों के दर्द और जरूरतों को समझती है। प्रधानमंत्री ने बताया कि कैसे, पिछले 9 वर्षों में बीज से बाजार तक नई प्रणालियां बनाई गई हैं। उन्होंने याद दिलाया कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना 2015 में सूरतगढ़ में शुरू की गई थी। इस योजना के माध्यम से, करोड़ों किसान मिट्टी के स्वास्थ्य के बारे में ज्ञान के आधार पर निर्णय ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि 1.25 पीएम किसान समृद्धि केंद्र (पीएमकेएसके) किसानों की समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेंगे। इन केंद्रों को किसानों की जरूरतों के लिए वन-स्टॉप शॉप के रूप में विकसित किया जा रहा है। ये केंद्र किसानों को कृषि संबंधी मुद्दों पर उन्नत आधुनिक जानकारी भी प्रदान करेंगे और ये केंद्र सरकार की कृषि योजनाओं के बारे में भी समय पर जानकारी देंगे। प्रधानमंत्री ने किसानों को सलाह दी कि वे केंद्रों पर आते रहें और वहां उपलब्ध ज्ञान से लाभ उठाएं। प्रधानमंत्री ने बताया कि वर्ष के अंत से पहले अतिरिक्त 1.75 लाख पीएम किसान समृद्धि केंद्र (पीएमकेएसके) स्थापित किए जाएंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्तमान केंद्र सरकार किसानों के खर्चों को कम करने और जरूरत के समय उनका समर्थन करने के लिए पूरी गंभीरता से काम कर रही है। प्रधानमंत्री ने पीएम किसान सम्मान निधि का जिक्र करते हुए कहा कि यह दुनिया की सबसे बड़ी योजना है जिसमें सीधे किसानों के बैंक खाते में धनराशि ट्रांसफर की जाती है। उन्होंने बताया कि आज की 14वीं किस्त को मिला लें तो अब तक 2 लाख 60 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा सीधे किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर किए जा चुके हैं, जिससे किसानों को विभिन्न खर्चों को कवर करने में फायदा हुआ है। उन्होंने कहा कि देश में यूरिया की कीमत सरकार द्वारा किसानों का खर्च बचाने का उदाहरण है।
कोरोना महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध का जिक्र करते हुए, जिसके कारण उर्वरक क्षेत्र में भारी व्यवधान आया, प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि वर्तमान सरकार ने देश के किसानों पर इसका प्रभाव नहीं पड़ने दिया। उर्वरकों की कीमतों के बारे में बोलते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि जिस यूरिया की बोरी की कीमत भारत में 266 रुपये है, उसकी कीमत पाकिस्तान में लगभग 800 रुपये, बांग्लादेश में लगभग 720 रुपये, चीन में लगभग 2100 रुपये और अमेरिका में लगभग 3000 रुपये है। मोदी ने कहा, “सरकार हमारे किसानों को यूरिया की कीमतों से परेशान नहीं होने देगी। जब कोई किसान यूरिया खरीदने जाता है, तो उसे विश्वास होता है कि यह मोदी की गारंटी है।”
प्रधानमंत्री ने मोटा अनाज को बढ़ावा देने और बाजरा को श्री अन्न के रूप में ब्रांडिंग करने जैसे उपायों की बात की। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने मोटे अनाज को 'श्री अन्न' की पहचान दी। सरकार 'श्री अन्न' को दुनिया भर के बाजारों में ले जा रही है। ऐसा करने से इसके उत्पादन, प्रसंस्करण और निर्यात में वृद्धि हो रही है।प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का विकास तभी संभव है जब इसके गांवों का विकास होगा। भारत विकसित गांवों से ही विकसित हो सकता है। इसीलिए सरकार गांवों में वो सारी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए काम कर रही है, जो अब तक सिर्फ शहरों में ही मिलती थीं। प्रधानमंत्री ने बढ़ते स्वास्थ्य ढांचे का जिक्र करते हुए कहा कि 09 साल पहले तक राजस्थान में सिर्फ दस मेडिकल कॉलेज थे आज यह संख्या 35 तक पहुंच गई है।प्रधानमंत्री ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, जो पिछले कुछ समय से बीमार हैं और कार्यक्रम में नहीं आ सके, के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हुए अपनी बात समाप्त की।