प्रधानमंत्री मोदी लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित, जानिए क्यों मिला, कैसे हुई शुरुआत ?
पुणे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से पुणे महाराष्ट्र में सम्मानित किए गए। यह पुरस्कार उन लोगों को दिया जाता है जिन्होंने राष्ट्र की प्रगति और विकास के लिए उल्लेखनीय एवं असाधारण काम किया हो।
इससे पहले प्रधानमंत्री ने दगडूशेठ मंदिर में दर्शन-पूजन किया। इसके बाद एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री को सम्मानित किया गया।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लोकमान्य तिलक नेशनल अवार्ड मिलना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।मैं यह अवॉर्ड 140 करोड़ देशवासियों को समर्पित करता हूं। इस अवार्ड के साथ जो धनराशि मुझे दी गई है, वो भी मैं गंगा जी को समर्पित कर रहा हूं।अंग्रेजों ने धारणा बनाई थी कि भारत की आस्था, संस्कृति और मान्यताएं पिछड़ेपन का प्रतीक हैं। लेकिन तिलक जी ने इसे भी गलत साबित किया।इसलिए भारत के जनमानस ने न केवल तिलक जी को लोकमान्यता दी, बल्कि लोकमान्य का खिताब भी दिया। स्वयं महात्मा गांधी ने उन्हें आधुनिक भारत का निर्माता कहा था।
ऐसे हुई शुरुआत -
उल्लेखनीय है कि लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार लोकमान्य तिलक की विरासत का सम्मान करने के लिए 1983 में तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट ने गठित किया था। यह प्रतिष्ठित पुरस्कार ट्रस्ट द्वारा प्रतिवर्ष लोकमान्य तिलक की पुण्य तिथि के अवसर पर प्रदान किया जाता है. मालूम हो कि लोकमान्य तिलक 20वीं सदी की शुरुआत में भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक प्रमुख व्यक्ति थे।
किसे मिलता है पुरस्कार -
यह पुरस्कार उन लोगों को दिया जाता है जिन्होंने राष्ट्र की प्रगति और विकास के लिए काम किया है और जिनके योगदान को उल्लेखनीय और असाधारण के रूप में देखा जा सकता है। यह हर साल एक अगस्त- लोकमान्य तिलक की पुण्यतिथि पर प्रस्तुत किया जाता है।
अब तक ये हस्तियां हुई सम्मानित
प्रधानमंत्री इस पुरस्कार के 41वें प्राप्तकर्ता बनेंगे। इसे पहले डॉ. शंकर दयाल शर्मा, प्रणब मुखर्जी, अटल बिहारी वाजपेयी, इंदिरा गांधी, डॉ. मनमोहन सिंह, एन.आर. नारायण मूर्ति, डॉ. ई. श्रीधरन जैसे दिग्गजों को प्रदान किया जा चुका है।