प्रधानमंत्री मोदी ने एशियन गेम्स के विजेताओं से की मुलाकात, कहा - खिलाड़ियों के मार्ग में पैसे को बाधा नहीं बनने देंगे

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प्रधानमंत्री मोदी ने एशियन गेम्स विनर से की मुलाकात 

प्रधानमंत्री ने हारने वाले खिलाड़ियों को निराश नहीं होने और नए प्रयास करने की सीख दी।

नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को एशियाई खेलों में भाग लेने वाले खिलाड़ियों से संवाद करते हुए कहा कि भारत सरकार खिलाड़ियों को सभी प्रकार की सुविधा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आश्वस्त किया कि खिलाड़ियों के मार्ग में पैसों की कमी को कभी बाधा नहीं बनने देंगे। प्रधानमंत्री मोदी दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में एशियाई खेलों में भाग लेने वाले प्रतिभागियों से बातचीत कर रहे थे। भारत ने इन खेलों में अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 107 मेडल जीते हैं। भारत इन खेलों में चौथे स्थान पर रहा है।

इस मौके पर प्रधानमंत्री ने विजेता खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए 2014 से पहले और बाद में देश के खेल इको सिस्टम में आए बदलाव का विशेष उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि पहले भी देश में योग्यता और जीत के जज्बे की कमी नहीं थी लेकिन खिलाड़ियों को कई अन्य चुनौतियों का सामना करना पड़ता था। सरकार देश के सपोर्ट इको सिस्टम का कायाकल्प करने में जुटी है। हमारा प्रयास खिलाड़ियों को दुनिया की बेस्ट ट्रेनिंग देना और यह सुनिश्चित करना है कि उन्हें देश और विदेश में ज्यादा से ज्यादा अवसर मिले। इसके अलावा चयन में पारदर्शिता का ध्यान रखा जा रहा है ताकि किसी के साथ भेदभाव ना हो। गांव-देहात में रहने वाले सपोर्ट टैलेंट को भी ज्यादा से ज्यादा अवसर मिलें, यह सुनिश्चित किया जा रहा है।

खेल बजट को तीन गुना बढ़ाया


प्रधानमंत्री ने बताया कि आज देश के खेल बजट को तीन गुना बढ़ाया गया है। टॉप और खेलो इंडिया जैसी योजनाएं गेम चेंजर साबित हुई हैं। इन खेल अभियानों की वजह से कई प्रतिभाएं खोजी गई हैं और इनमें से 40 से ज्यादा ने ही इन एशियाई खेलों में मेडल जीता है। इससे साबित होता है कि यह अभियान सही दिशा में है। इसके तहत 3000 प्रतिभाओं को ट्रेनिंग, कोचिंग, मेडिकल, डाइट और 6 लाख स्कॉलरशिप दी जा रही है।

महिला खिलाड़ियों के प्रदर्शन की विशेष सराहना

प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले 5 सालों में देश खेल इंफ्रास्ट्रक्चर पर 3 हजार करोड़ से ज्यादा खर्च करेगा। इस दौरान प्रधानमंत्री ने महिला खिलाड़ियों के प्रदर्शन की विशेष सराहना की। उन्होंने कहा कि उनका जज्बा दर्शाता है कि भारत के बेटियों का सामर्थ्य क्या है। इन खेलों में आधे से ज्यादा पदक महिलाओं ने जीते हैं। इसके अलावा उन्होंने कम उम्र के खिलाड़ियों के प्रदर्शन की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि कम उम्र के खिलाड़ियों से एक्सपोर्टिंग नेशन की पहचान बनती है। इससे वह लंबे समय तक देश की सेवा कर सकते हैं।उन्होंने कहा कि आज देश का खिलाड़ी केवल अच्छे प्रदर्शन तक नहीं बल्कि जीत चाहता है। इसके लिए उन्होंने एक शब्द गोट (जीओएटी) का भी प्रयोग किया, जिसका अर्थ होता है (ग्रेटेस्ट आफ ऑल टाइम)।

प्रधानमंत्री ने इस दौरान जीतने वाले खिलाड़ियों से अपने प्रभाव का उपयोग कर ड्रग्स और डाइट के कुप्रभावों के बारे में युवा खिलाड़ियों को जागरूक करने की बात कही। उन्होंने कहा कि जीत की चाह में कुछ खिलाड़ी गलत रास्ते पर चले जाते हैं, उन्हें सतर्क करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह खिलाड़ियों को आहार के लिए गाइड करें और मिलेट व पोषण मिशन में भी भूमिका निभायें।प्रधानमंत्री ने हारने वाली खिलाड़ियों को निराश नहीं होने और नए प्रयास करने की सीख दी। साथ ही उन्होंने 22 अक्टूबर से शुरू हो रहे एशियाई पैरा खिलाड़ियों को अग्रिम शुभकामनाएं दीं।

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