PM Modi: पीएम मोदी ने बताई कैसे बीती उनकी हिमालय की यात्रा, जानें आध्यात्मिक जीवन पर उन्होंने क्या कहा

PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन को दिए एक इंटरव्यू में अपनी हिमालय यात्रा के अनुभव साझा किए। इस दौरान उन्होंने बताया कि यह यात्रा केवल पहाड़ों की सुंदरता निहारने तक सीमित नहीं थी, बल्कि एक गहरे आत्मिक अन्वेषण और सेवा की भावना से प्रेरित थी।
हिमालय की गोद में साधना और सेवा
पीएम मोदी ने बताया कि उन्होंने अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण समय हिमालय की गुफाओं और पहाड़ों के एकांत में बिताया। वहां उनकी मुलाकात कई तपस्वी संतों से हुई, जिन्होंने संसार का त्याग कर आध्यात्मिक साधना को अपनाया था। हालांकि, उस समय उनके मन में कई प्रश्न उमड़-घुमड़ रहे थे, और वे लगातार ज्ञान की खोज में थे।
उन्होंने कहा, "पहाड़ों, बर्फ और ऊँची चोटियों से घिरी उस दुनिया ने मेरे व्यक्तित्व को आकार देने में अहम भूमिका निभाई। ध्यान का अभ्यास, ब्रह्म मुहूर्त में जागना, ठंडे पानी से स्नान करना, लोगों की भक्ति के साथ सेवा करना – ये सब मेरे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गए।"
आपदा के समय सेवा का भाव
इस पॉडकास्ट में प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी बताया कि हिमालय में रहने के दौरान एक प्राकृतिक आपदा आई थी। उस कठिन समय में उन्होंने ग्रामीणों की मदद के लिए स्वयं को समर्पित कर दिया। वे वहां न केवल साधना कर रहे थे, बल्कि समाज सेवा भी उनके जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा थी।
उन्होंने कहा, "मैं कभी भी एक जगह पर ज्यादा समय तक नहीं रुका। मैं लगातार घूमता रहा, भटकता रहा, और इसी तरह जीवन जीने की आदत डाल ली।"
स्वामी आत्मस्थानंद जी से जुड़ाव
प्रधानमंत्री मोदी ने रामकृष्ण मिशन से अपने संबंधों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि स्वामी आत्मस्थानंद जी से उनकी विशेष निकटता थी, और वे उनके विचारों से गहराई से प्रभावित थे। स्वामी जी ने उन्हें सेवा का मार्ग अपनाने की प्रेरणा दी।
उन्होंने कहा, "स्वामी आत्मस्थानंद जी ने मुझसे कहा था कि तुम्हारी जिम्मेदारी केवल खुद तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज की भलाई के लिए है। तुम सेवा के लिए बने हो।"
हिमालय से आत्मिक शक्ति की प्राप्ति
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा केवल एक सामान्य आध्यात्मिक अनुभव नहीं थी, बल्कि इसने उनके भीतर की शक्ति को जागृत किया। हिमालय के तपस्वियों के साथ समय बिताने से उन्हें गहरी आत्मिक समझ प्राप्त हुई, जिसने आगे चलकर उनके विचारों और कार्यों को दिशा दी।