पुरानी संसद अब संविधान सदन, 10 पॉइंट्स में जानिए प्रधानमंत्री मोदी के भाषण की प्रमुख बातें

पुरानी संसद अब संविधान सदन, 10 पॉइंट्स में जानिए प्रधानमंत्री मोदी के भाषण की प्रमुख बातें
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आज तक, लोकसभा और राज्यसभा द्वारा संयुक्त रूप से 4,000 से अधिक कानून पारित किए गए हैं।

नईदिल्ली। नए संसद भवन में प्रवेश से पहले आज पुरानी संसद भवन के सेंट्रल हॉल में एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ।इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत पक्ष और विपक्ष के कई नेताओं को वरिष्ठता के हिसाब से बोलने का मौका मिला। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी समेत सभी सांसद पुरानी इमारत से नए संसद भवन गए। इस दौरान सत्तापक्ष एवं विपक्ष के सांसद साथ-साथ चलते नजर आएं।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस ऐतिहासिक अवसर और अपने भाषण में कहा कि आज नए संसद भवन में हम सब मिलकर, नए भविष्य का श्रीगणेश करने जा रहे हैं। आज हम यहां विकसित भारत का संकल्प दोहराने, संकल्पबद्ध होने और उसको परिपूर्ण करने के लिए जी-जान से जुटने के इरादे से नए भवन की तरफ प्रस्थान कर रहे हैं। मेरा अनुरोध और सुझाव है कि नई संसद की गरिमा कभी कम न हो। पुरानी संसद को संविधान सदन के रूप में जाना जाए।

भावनाओं से भरा सेंटर हॉल -


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस भवन का ये सेंट्रल हॉल एक प्रकार से हमारी भावनाओं से भरा हुआ है।हमें भावुक भी करता है और कर्तव्य के लिए प्रेरित भी करता है। आजादी पूर्व ये खंड एक प्रकार से लाइब्रेरी के लिए इस्तेमाल होता था। उन्होंने कहा कि बाद में संविधान सभा की बैठक शुरू हुई और उसके बाद हमारा संविधान यहीं पर आकार लिया। यही पर 1947 में अंग्रेजी हुकूमत ने सत्ता हस्तांतरण किया। उस प्रक्रिया का यह हॉल साक्षी है।

41 राष्ट्राध्यक्ष -

उन्होंने कहा कि 1952 के बाद दुनिया के करीब 41 राष्ट्राध्यक्षों ने इस सेंट्रल हॉल में हमारे सभी माननीय सांसदों को संबोधित किया है। हमारे सभी राष्ट्रपति महोदयों के द्वारा 86 बार यहां संबोधन दिया गया है।

ट्रांसजेंडरों को न्याय -

संसद ने बीते वर्षों में ट्रांसजेंडर को न्याय देने वाले कानूनों का भी निर्माण किया। इसके माध्यम से हमने ट्रांसजेंडर को भी सद्भाव और सम्मान के साथ नौकरी, शिक्षा, स्वास्थ्य और बाकी सुविधाएं देने की दिशा में कदम बढ़ाया है।

अनुच्छेद-370 से मुक्ति

हमने इस सदन में अनुच्छेद-370 से मुक्ति पाने, अलगाववाद एवं आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ने का महत्वपूर्ण कदम उठाया। इस काम में माननीय सांसदों और संसद की बहुत बड़ी भूमिका है।जम्मू कश्मीर में इसी सदन में निर्मित संविधान लागू किया गया।आज जम्मू कश्मीर शांति और विकास के रास्ते पर चल पड़ा है और नई उमंग, नए उत्साह, नए संकल्प के साथ वहां के लोग आगे बढ़ने का कोई मौका अब छोड़ना नहीं चाहते।

4000 से अधिक कानून पारित -


आज तक, लोकसभा और राज्यसभा द्वारा संयुक्त रूप से 4,000 से अधिक कानून पारित किए गए हैं। इसके अलावा दहेज निषेध कानून और आतंकवाद विरोधी कानून जैसे कई महत्वपूर्ण कानून संसद के संयुक्त सत्र के दौरान और इसी सेंट्रल हॉल में ही पारित किये गये हैं।

शाहबानों केस का जिक्र -

इसी संसद में मुस्लिम बहन बेटियों को न्याय की जो प्रतीक्षा थी, शाहबानों केस के कारण गाड़ी कुछ उलटी चल पड़ थी। इसी सदन ने हमारी उस गलती को ठीक किया।

टॉप -3 अर्थव्यवस्था -

प्रधानमंत्री ने आगे कहा की भारत पांचवीं अर्थव्यवस्था पर पहुंचा लेकिन पहले तीन में पहुंचने के संकल्प के साथ बढ़ रहा है। मैं बड़े विश्वास से कह रहा हूं, हममें से कुछ लोगों को निराशा हो सकती है लेकिन दुनिया आश्वस्त है कि भारत टॉप-3 में पहुंचकर रहेगा।

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