अयोध्याधाम में रामलला के दर्शन शुरू, पांव रखने को जगह नहीं, वाटर मेट्रो के शाम तक पहुंचने की संभावना

अयोध्याधाम में रामलला के दर्शन शुरू, पांव रखने को जगह नहीं, वाटर मेट्रो के शाम तक पहुंचने की संभावना
भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण की 35 सदस्यी टीम ने लंगर डाला है। टीम का नेतृत्व प्राधिकरण के निदेशक एलके रजक कर रहे हैं।

अयोध्याधाम । अयोध्याधाम में श्रीरामलला के दर्शन के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा है। दर्शन की शुरुआत हो चुकी है। आज शाम तक केटामरीन बोट 'वाटर मेट्रो' के भी यहां पहुंचने की संभावना है। प्रभु श्रीराम की नगरी में चारों तरह केसरिया ध्वज फहरा रहे हैं। सरयू तीरे जय श्रीराम का उद्घोष हो रहा है। करीब 500 साल के इंतजार के बाद नवनिर्मित भव्य और दिव्य श्रीराम जन्मभूमि में सोमवार दोपहर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में हुए प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद की पहली (मंगलवार की) सुबह श्रीराम जन्मभूमि के आसपास पांव रखने की जगह नहीं है। ऐसा लग रहा है जैसे आस्था और विश्वास का संगम हो रहा है।

श्रीरामलला के दर्शन करने के लिए भक्त यहां सुबह तीन बजे से ही कतारबद्ध हो गए थे। दर्शन की शुरुआत सुबह सात बजे से हुई है। पहली पाली में पूर्वाह्न 11:30 बजे तक दर्शन हो सकेंगे। इसके बाद दूसरी पाली में दोपहर दो बजे से शाम 6:30 बजे तक का समय निर्धारित किया गया है। भक्तों की संख्या बढ़ने पर दर्शन की अवधि को बढ़ाया जा सकता है।

भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण की पहली वाटर मेट्रो के आज यहां शाम तक पहुंचने की संभावना है। सोमवार शाम 07:30 बजे वाटर मेट्रो की लोकेशन सरयू नदी के अयोध्या स्थित संत तुलसीदास घाट से 44 किलोमीटर दूर बंजारिया सूबी स्थान पर मिली है। यह क्षेत्र सरयू नदी के कछार में है। यहां वाटर मेट्रो को लेकर एक दूसरी बोट से आ रही भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण की 35 सदस्यी टीम ने लंगर डाला है। टीम का नेतृत्व प्राधिकरण के निदेशक एलके रजक कर रहे हैं।

प्राधिकारिण के अधिकारियों के अनुसार, विपरीत धारा में बोट का संचालन और पानी कम होने से दिक्कत आ रही है। अधिकारियों ने अनुमान व्यक्त किया है कि सब कुछ ठीक रहा तो मंगलवार शाम तक केटामरीन बोट 'वाटर मेट्रो' अयोध्या पहुंच जाएगी। जल पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वाटर मेट्रो का संचालन अयोध्या के संत तुलसीदास घाट (कच्चा घाट) से गुप्तार घाट तक किया जाना है। दोनों जगह भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने 40 दिन पहले जेटी की स्थापना कर की थी। साथ ही वाटर मेट्रो को चार्ज करने के लिए चार्जिंग स्टेशन की भी स्थापना की गई है।


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